गांधीजी ने उच्चतम आदर्शों को व्यवहार में लाने के लिए जिन अभियानों/आंदोलनों को चलाया, उन्हें लोकस्मृति में एवं लोकजीवन में निरंतर स्थापित करने की जरूरत है। किसी एक दिन गांधी दिवस मनाने की औपचारिकता वे निभाते हैं, जिनका गांधी विचार से कुछ लेना-देना नहीं है। गांधीजी ने योरोप में पैदा […]

राष्ट्रपिता महत्मा गांधी बीसवीं शताब्दी के एक मात्र ऐसे नेता हैं, जिनकी तुलना उनके काल के सभी बड़े नेताओं के साथ करने का प्रयत्न उन नेताओं के अनुयायी करते हुए दिखते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं क्योंकि भारत के अलग-अलग महापुरुषों की तुलना गांधी जी से किए बिना उनकी […]

महात्मा गांधी 15 अप्रैल 1917 को चंपारण आए थे। सात दिन बाद ही जिले के कलक्टर ने अपने उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखी। उसमें यह उल्लेख सबसे पहले आता है कि आज गांधी की चर्चा जिले में हर किसी की जुबान पर है। गांधी ने चम्पारण के एक सक्रिय किसान राजकुमार […]

भारत की आजादी के पहले ही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने मोहनदास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता की संज्ञा दे दी थी। इसका आधार महात्मा गांधी का ‘सत्य और मानवता के प्रति प्रेम’ ही था। दिल्ली में यमुना नदी के तट पर जहां गांधी की अंत्येष्टि की गई, वह स्थान राजघाट […]

पद्मविभूषण स्व. ईश्वर भाई पटेल एक ऐसी दिव्य विभूति थे, जिन्होंने अपने जीवन एवं दर्शन से समूचे रचना जगत को प्रेरणा दी। गांधी-विनोबा के अनन्य भक्त व सेवक तथा निर्मला देशपांडे के एक सहयोगी तथा साथी के रूप में पूरे देश भर में उनकी ख्याति रही। बापू के प्रिय कार्य […]

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