आज असि की कोख तक निर्माण कर इमारतें तान दी गयी हैं। वाराणसी प्रशासन ने खुली छूट दे रखी है। छूट दे भी क्यों न, जब असि-गंगा संगम स्थल पर पूर्व में गंगा मंत्री रहीं उमा भारती से जुड़ा हुआ उडुपी मठ सीना तानकर खड़ा है! कोरोना की पिछली बंदी […]

मीडिया इसे विकास और टूरिज़्म बता रहा है और लोग इस अदा पर मरे जा रहे हैं। इस खेल का नाम है पीपीपी मॉडल। बनारस के 6 घाट 2020 में ही बिक चुके हैं। सरकार इस पर बोलने से बचती है। काशी लोक-आस्था और संस्कृति का भारत का सबसे पुराना […]

जलपुरुष और पानी बाबा के लोकप्रिय नामों से जाने जाने वाले राजेन्द्र सिंह 1 जनवरी को बनारस में थे। काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के नाम पर राजनीतिक हलकों में मचे शोर के पीछे का सच जानने और गंगा की धारा में बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माणों का जायजा लेने वे […]

यह संस्कृति के विकास की कहानी है। वरुणा के घावों को छूने की हमारी कोशिश, उस पार पड़े कूड़े के ढेर और वरुणा-जल को मल बनाते पॉलीथीनों के पहाड़ में बिला जाती है। आज वह अपने दु:ख पर रोये भी तो आंसू बहाने को पानी नहीं है उसके पास। उसके […]

गंगा को निर्मल ही नहीं करना है, उससे जुड़े सभी का अधिकार ही नहीं संरक्षित करना है, बल्कि उसकी अविरल धारा को भी बनाये रखने की जरूरत है। विकास के नाम पर गंगा पर बने 900 से अधिक बांध एवं बैराज गंगा के प्रवाह को बाधित कर रहे हैं। बिना […]

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