कृपया कुछ करें! पश्चिम चम्पारण जिले में भूमि सुधार के मामलों में मची है अंधेरगर्दी। आयुक्त का आदेश कलेक्टर और कलेक्टर का आदेश सीओ नहीं मानते। बीती 2 सितम्बर को ढाई वर्षों बाद समाहर्ता कोर्ट में बैठे। उनके कोर्ट में 13 से लेकर 45 वर्षों तक के 23 पुराने सीलिंग […]

टाटा स्टील पर डिमना लेक में 130 एकड़ जमीन के अतिक्रमण का आरोप तिलका माझी शहीद स्मारक समिति द्वारा जमशेदपुर में टाटा स्टील की अतिक्रमणकारी नीतियों के खिलाफ जुलूस निकला गया। समिति के सदस्यों ने बताया कि तिलका माझी चौक, डिमना स्थित बाबा तिलका माझी की मूर्ति को न हटाने […]

स्वीडन में विरासत स्वराज यात्रा 2 सितंबर को विरासत स्वराज यात्रा स्वीडन के केटीएच विश्वविद्यालय में थी। स्वीडन सरकार के इस विश्वविद्यालय में यहां के विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक ‘बाढ़ और सुखाड़ विश्व जन-आयोग’ की शुरुआत की गई। सभी विशेषज्ञों ने सर्वसम्मति से राजेंद्र सिंह को इस आयोग की […]

बिहार शरीफ पहुंची हल्ला बोल यात्रा देश में भीषण बेरोज़गारी और बढ़ती आत्महत्याओं के खिलाफ पूरे बिहार को कवर करने निकली हल्ला बोल यात्रा 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस पर नालंदा पहुँची। बिहार शरीफ में स्थानीय युवाओं ने यात्रा का जोरदार स्वागत करते हुए शहर में बाइक रैली निकाली। रैली […]

आयुर्वेद एक जीवन पद्धति और जीवन जीने का विज्ञान है, इसे समग्रता में अपनाया जाना चाहिए। यह मात्र जड़ी-बूटी की लिस्ट होकर न रह जाए, इसका भी ध्यान रखना पड़ेगा। आयुर्वेद को जीवन-विज्ञान और जीने की कला के संदर्भ में समझना पड़ेगा। यह बीमारी का इलाज और पैसा प्राप्ति का […]

सोवियत क्रांति भी एक दौर में पूरी नहीं मानी जानी चाहिए. उसे क्रांति के एक और दौर से गुज़रना होगा.- मिखाइल गोर्बाचेव यह 1985 का साल था. इंटरमीडिएट में पढ़ते हुए मैंने तीस रुपये में चेखव, गोर्की, तुर्गनेव और टॉल्स्टॉय की सात रूसी किताबें खरीदी थीं.तीस रुपये में यह ख़ज़ाना […]

हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।– अल्लामा इक़बाल सिद्धांतों के बिना राजनीति, परिश्रम के बिना संपत्ति, अंतरात्‍मा के बिना आनंद, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना वाणिज्‍य, मानवता के बिना विज्ञान और त्‍याग के बिना पूजा को सप्तसामाजिक […]

आंसू संवेदनशीलता की अभिव्यक्ति और इंसानियत की निशानी होते हैं। आंसू के सामाजिक, सांस्कृतिक और वर्गीय संदर्भ भी होते हैं। कांग्रेस के मंच पर बेहिचक आंसू बहाते हुए, वेटिकन के सिस्टिन चैपल में सूली पर चढ़ाये ईसा मसीह की मूर्ति देखकर रोते हुए और द्वितीय विश्वयुद्ध में हुई लंदन की […]

चर्चिल ने वार एफर्ट के लिए बंगाल का चावल ब्रिटेन मंगवाकर, बंगाल के चार लाख लोगों को भूखा मरने पर मजबूर कर दिया। और जब इन मौतों की सूचना चर्चिल तक पहुँची, तो फाइल नोटिंग पर उसने लिखकर पूछा- देन व्हाई हैवन्ट गांधी डाइड येट? लेकिन गांधी मरा नहीं। गांधी […]

प्राणजीवन मेहता ने गोखले को पत्र लिखकर कहा था खुद ही खुद को असफल कहने वाले गांधी से दुनिया की उम्मीद टूटती ही नहीं. चाहे जितना भी विरोध कीजिये, आखिर क्यों जीवन के हर मोड़ पर यह आदमी बार-बार सामने आ खड़ा होता है, गांधी विरोधियों के सामने यह बड़ा […]

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