कानपुर में मनायी गयी पुण्यतिथि 9 फरवरी 2023 को कानपुर गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय हिंदी जगत के पुरोधा पद्मश्री डॉ गिरिराज किशोर की पुण्यतिथि का कार्यक्रम हरिहर नाथ शास्त्री भवन, खलासी लाइन में किया गया। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने कहा […]

अभियान के प्रस्ताव में 2024 के आम चुनाव और इस साल होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 2 लाख प्रचारकों की भर्ती करना तथा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए लक्षित विधानसभा क्षेत्रों और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 25 अभियात्रियों को प्रशिक्षण देना शामिल है। दिल्ली […]

क्या किसी को अहमद कथराडा याद हैं? यह नाम अधिकांश भारतीयों के लिए अनजान है। यहां तक कि हमारे राजनीतिक और मीडिया प्रतिष्ठानों में लोगों का एक बड़ा हिस्सा भी उनके बारे में पूछे जाने पर अवाक रह जाएगा। यह अत्यंत दुखद है, खासकर तब, जब भारत के स्वतंत्रता संग्राम […]

मसूरी स्थित उनके बंगले और उससे भी खराब हालत में पड़ी उनकी मजार को देखकर बहुत हैरत और शर्मिंदगी का एहसास होता है। बचपन से सुनते आ रहे शेर ‘शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा’ का सच भी पता […]

गीता का स्वभाव अध्यात्म है स्व महत्वपूर्ण है। स्व शब्द से एक सुन्दर शब्द बना स्वार्थी। बड़ा प्यारा शब्द है। लेकिन यह शब्द बड़ा निन्दित हो गया है कि आदमी बड़ा स्वार्थी है। स्वार्थी माने जो स्व के लिए काम करता है। स्वार्थी विद्यार्थी ठीक से अध्ययन करता है। स्वार्थी […]

गाँव-गाँव और नगर-नगर में यीशु का उपदेश विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे हैं। इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को जोड़ने का रहा है। ख्रिस्त धर्म सार इसी योजना की अगली कड़ी है। इसमें विनोबा ने न्यू टेस्टामेंट का सार सर्वस्व लिखा है। […]

पाश्चात्य देशों में संगीत द्वारा रोग निवारण की दिशा में बहुत शोध कार्य हुआ है। ऐसे सूत्र ढूंढ़ निकाले गये हैं, जिनके सहारे विभिन्न स्वर प्रवाहों और वाद्य यंत्रों से विभिन्न रोगों की चिकित्सा की जाती है। संगीत को प्रायः मात्र मनोरंजन का साधन समझा जाता है। परंतु अब वैज्ञानिकों […]

सवाल गोहत्या बंदी का जनता गाय के नाम पर हिन्दू-मुस्लिम बनकर लड़ती रहे और कमजोर बनी रहे, इसी में राजनैतिक नेताओं और उद्योगपतियों की भलाई छिपी है। हिन्दुस्तान की जनता जब तक एकजुट नहीं होगी, तब तक गाय का प्रश्न इसी तरह उलझा रहेगा। बात उस समय की है जब […]

यह उन नीग्रो योद्धाओं की कहानी है, जो बहुत गरीब और अशिक्षित थे, लेकिन अमेरिका में रंगभेद के साये में जीने की अपेक्षा जिन्होंने साल भर तक पैदल चलने के कष्ट को बेहतर माना। यह उन वृद्ध नीग्रो स्त्रियों की कहानी है, जिनके पैर थककर चूर हो गये थे, पर […]

नए मनुष्य के निर्माण से ही नए समाज का निर्माण संभव है, लोगों के बीच जाना होगा, संघर्ष तो करना ही होगा, लेकिन केवल संघर्षों से काम नहीं चलेगा, रचनात्मक कार्य हाथ में लेने होंगे, जरूरतमंदों की सेवा करनी होगी, खुद को खपाना होगा – डॉ जीजी परीख स्वतंत्रता संग्राम […]

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