जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था। महात्मा गांधी ने शराबमुक्त भारत की कल्पना की थी। उन्होंने यहां तक कहा था कि यदि मैं एक दिन का शासक बन जाऊं तो बिना मुआवजा दिए शराब की सभी दुकानें बंद करा दूं। खबर […]
Month: May 2023
साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय साहिबगंज में 14 अक्टूबर को डॉ आंबेडकर की 132 वीं जयंती मनायी गयी. सर्वप्रथम उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया गया और पुष्पांजलि अर्पित की गयी. कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए अब्दुस सुभान […]
कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा है कि महात्मा ज्योतिबा फुले, महात्मा गांधी, बाबासाहेब अंबेडकर, काल मार्क्स, सरदार भगत सिंह जैसे महापुरुषों के विचारों को मिलाकर लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ने की जरूरत है। वे 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा […]
इलाहबाद जिला सर्वोदय मंडल की बैठक में बोले चंदन पाल इलाहबाद जिला सर्वोदय मंडल की बैठक 14 अप्रैल को कमल गोइंदी भवन में संपन्न हुई. उत्तर प्रदेश की यात्रा पर निकले सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि सर्वोदय […]
अगस्त 2021 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने फैसला किया कि साबरमती आश्रम को ‘दुनिया में गांधी का सबसे महत्वपूर्ण स्मारक’ बनाने के लिए 1200 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। इसके लिए आश्रम के दलित निवासियों को मुआवजे की पेशकश की गई, उनके सामने एक फ्लैट या […]
स्वास्थ्य जिन पांच तत्वों से जगत की रचना हुई, उन्हीं पांच तत्वों से शरीर की भी रचना हुई। इन पांच तत्वों के अंश ही जीवनी-शक्ति के रूप में शरीर में निवास करके इसे कार्यशील रखते हैं। पढ़ें, वे क्रियाविधियां, जिनके जरिये हम अपने शरीर में इन तत्वों का संतुलन बनाये […]
यीशु-वाणी विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे हैं। इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को जोड़ने का रहा है। ख्रिस्त धर्म सार इसी योजना की अगली कड़ी है। इसमें विनोबा ने न्यू टेस्टामेंट का सार सर्वस्व लिखा है। प्रस्तुत है अगली कड़ी। प्रस्थान- जब […]
मुझे ऐसा लगता है कि कस्तूरबा की ओर आकर्षित होने का मूल कारण उनकी खुद को मुझमें खो देने की क्षमता थी। मैंने कभी भी इस आत्म-त्याग पर जोर नहीं दिया। उसने यह गुण अपने दम पर विकसित किया। पहले तो मुझे यह भी नहीं पता था कि उसमें यह […]
गांवों में लगने वाली चौपालों में कभी एक कप चाय पर बड़ी-बड़ी समस्याएं सुलझ जाती थीं, ज्यादातर विवादों का समाधान आपसी सहमति और संवाद से हो जाता था। आज भी देखा जाता है कि कोर्ट में सालों से लटके मामले भी आपसी राजीनामे पर ही समाप्त होते हैं। विवाद यदि […]
चार्ली चैप्लिन इंसानों की नफरत ख़तम हो जाएगी, तानाशाह मर जायेंगे और जो शक्ति उन्होंने लोगों से छीनी, वह लोगों के पास वापस चली जायेगी। जब तक लोग मरने के लिए तैयार रहेंगे, स्वतंत्रता कभी ख़त्म नहीं होगी- चार्ली चैपलिन मैं कम्युनिस्ट नहीं हूँ, लेकिन मुझे यह कहने में गर्व […]