चार्ली चैप्लिन इंसानों की नफरत ख़तम हो जाएगी, तानाशाह मर जायेंगे और जो शक्ति उन्होंने लोगों से छीनी, वह लोगों के पास वापस चली जायेगी। जब तक लोग मरने के लिए तैयार रहेंगे, स्वतंत्रता कभी ख़त्म नहीं होगी- चार्ली चैपलिन मैं कम्युनिस्ट नहीं हूँ, लेकिन मुझे यह कहने में गर्व […]
Year: 2023
बीआर आंबेडकर भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और भीमराव अंबेडकर की विश्वदृष्टि का विश्लेषण करते हुए बहुत सोच-समझकर कहा था कि यदि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम को एक जन आयाम और नैतिक उद्देश्य दिया, तो जवाहरलाल नेहरू ने एक आर्थिक और समाजवादी तथा […]
उच्च पद पर विराजित किसी वैज्ञानिक का पेड़-पौधों के प्रति अगाध प्रेम का ऐसा उदाहरण शायद ही कहीं देखने को मिले। 24 जनवरी 1966 को विमान दुर्घटना में हुई उनकी मौत पर उनके एक परम मित्र ने कहा था कि शायद उस समय भी वे पेड़-पौधों के बारे में सोच […]
आज यमुना खुद अपनी प्यास नहीं बुझा सकती, ऐसी स्थिति बना दी गई है। यमुना प्यासी भी है, उदासी भी है। यमुना के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं, किए जा रहे हैं। यमुना को बाजार में खड़ा कर दिया गया है। यमुना की अविरलता, निर्मलता और पवित्रता […]
भारत में पेयजल स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित समझा जाने वाला बोतलबंद पानी एक मिथक ही है, क्योंकि बोतलबंद पानी जो सामान्य नल के पानी से ज्यादा सुरक्षित होने का दावा करता है, वह स्वयं में संदिग्ध है। सेण्टर फॉर एनवायरमेन्ट और दुनिया के कई देशों में हुई स्टडी यह बतलाती […]
प्रो अरुण कुमार जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर रहे हैं और देश के जाने-माने अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था, उसकी समस्याओं और उनके समाधान पर ‘द ब्लैक इकोनॉमी इन इंडिया’, ‘डिमोनिटाइजेशन एंड द ब्लैक इकोनॉमी’, ‘ग्राउंड स्कोर्चिंग टैक्स’ और ‘इंडियन इकोनॉमीज ग्रेटेस्ट क्राइसिस (इंपैक्ट ऑफ कोरोना वायरस एंड […]
मानव-समाज ने अपने अज्ञान के कारण समाज के कई वर्गों पर हजारों साल तक अन्याय किया है, उनमें कुष्ठ रोगियों का वर्ग भी शामिल है। हजारों वर्षों से इस रोग का जिक्र होता आया है और दुनिया के किसी भी देश में कुष्ठ रोगियों की हालत अन्य देशों की तुलना […]
हमारे प्रगतिवादी विद्वान मार्क्स और एंजल से लेकर स्टालिन, माओ त्से तुंग आदि के साहित्य संबंधी विचार को तो उद्धृत करते हैं, किन्तु अपने अध्यवसाय का 10% भी साहित्य को जनवादी तथा मानवतावादी ढंग से देखने समझने वाले देसी गांधी को समझने में नहीं लगाते। गांधी की राजनीति की संस्कृति […]
2 अक्टूबर 1947 को गांधी जी का 78 वां जन्म दिन था। गांधी जी ने कहा कि आज मेरे ह्रदय में तीव्र वेदना के सिवा कुछ नहीं है। एक समय था, जब जन समूह पूरी तरह से मेरे कहने के अनुसार चलता था। आज मेरी आवाज अरण्य रोदन के समान […]
1880 के आसपास लाहौर के माल रोड पर एक अंग्रेज, सर जॉन लारेंस की एक आदमकद मूर्ति स्थापित की गयी थी। जॉन लारेंस पंजाब का पहला गवर्नर था और 1864 से 69 तक ब्रिटिश इंडिया का गवर्नर जनरल रहा। मूर्ति के दायें हाथ में एक कलम और बायें में एक […]