भारत की आस, गांधी, लोहिया, जयप्रकाश : वसुंधरा फाउंडेशन

वसुंधरा फाउंडेशन लखनऊ द्वारा आजादी की 75वी वर्षगांठ के महोत्सव पर साल भर होने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला मे आज कोरबा मितान मंच के संयुक्त तत्वावधान में”भारत माता के दो महान सपूतों “जेपी और लोहिया” के आर्थिक एवम् सामाजिक विचार ” विषय पर आनलाइन गोष्ठी आयोजित की गई। संगीता श्रीवास्तव द्वारा सरस्वती वंदना के पश्चात कार्यक्रम का उद्‌घाटन करते हुए श्री राम किशोर ने अध्यक्षीय भाषण मे लोकनायक जयप्रकाश और डा लोहिया के विचारों एवं स्वतंत्रता संग्राम मे उनके योगदान की चर्चा की। राकेश श्रीवास्तव,संयोजक, वसुन्धरा फाउण्डेशन ने कोरबा मितान को कदम से मिला के साथ चलने के लिए धन्यवाद दिया तथा वसुन्धरा फाउंडेशन की क्रमिक विकास यात्रा पर प्रकाश डाला।उन्होंने जेपी और डा लोहिया की आर्थिक और सामाजिक क्रियात्मक सक्रियता की चर्चा की।यह आयोजन 28 सितंबर को भगत सिंह की जयंती से शुरू हो कर 12 अक्टूबर डा लोहिया की पुण्यतिथि तक पूरे पखवाड़े मनाये जाने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला का हिस्सा था। 

मंच अध्यक्ष श्री घनश्याम तिवारी जी ने  *वसुंधरा फाउंडेशन और कोरबा मितान मंच* की इस यात्रा की मंगलकामना करते हुए दोनों महाविभूतियों के विचारों पर प्रकाश डाला।मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और गांधीवादी विचारक अरुण कुमार त्रिपाठी ने वसुंधरा फाउंडेशन के कार्यों की प्रशंसा की तथा जेपी – लोहिया की स्मृति मे आयोजित कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया।श्री त्रिपाठी ने जयप्रकाश नारायण और डा लोहिया के स्वतंत्रता संग्राम मे योगदान के साथ ही उनके आर्थिक और सामाजिक विकास यात्रा को रेखांकित किया।उन्होंने उनकी समग्रता और धार्मिक समन्वयता के पक्षों पर भी प्रकाश डाला।पुणे से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिन्हा जी ने अपने ओजस्वी संबोधन मे कहा कि लोकनायक जयप्रकाश और डा लोहिया साम्राज्यवाद के विरुद्ध संघर्ष करते रहे तथा लोकतंत्र की रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटे।उन्होंने वसुंधरा फाउंडेशन का ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहने का आह्वान किया तथा अपने सक्रिय सहयोग का आश्वासन दिया।भागलपुर से सम्मिलित जेपी सेनानी रामशरण जी आपातकाल मे जेल मे भी बंद थे।उन्होंने चिंता व्यक्त की कि किस प्रकार सभी राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया के दबाव मे साम्राज्यवाद और पूंजीवाद के विरुद्ध संघर्ष भूल गए हैं। यहां तक कि जेपी और लोहिया के अनुयाई कहे जाने वाले व्यक्ति और दल भी अब इन आदर्शों से दूर हैं। वरिष्ठ गांधीवादी साधक सुज्ञान मोदी ने  जयप्रकाश नारायण और डा लोहिया के बारे मे साहित्यकारों की दृष्टि के विषय मे अवगत कराया।

डा ममता श्रीवास्तवा (सरूनाथ) ने नोयडा से तथा मोसमी प्रसाद ने कोलकाता से जुड़कर विशेष सहयोग दिया। लखनऊ से वीरेंद्र त्रिपाठी,शेखर श्रीवास्तव, बाराबंकी से अवधेश कुमार शुक्ला,गोंडा से प्रेम चंद एवं कोरबा से राम रतन श्रीवास, दाता राम सैनी ने भी जेपी – लोहिया  को याद करते हुए अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम मे बाराबंकी से उमेश कुमार सिंह,लखनऊ से बृजेश कुमार शुक्ला, मध्यप्रदेश प्रदेश से प्रमोद चौहान के अतिरिक्त निर्दोष जैन, मंजुला श्रीवास्तव, किरन सोनी समेत अनेक विद्वत जन जुड़े। “वसुंधरा फाउंडेशन की सचिव श्रीमती मीनू श्रीवास्तव *ने सभी का आभार प्रकट करते हुए *श्री रमाकांत श्रीवास *को सफल संयोजन और संचालन के लिए विशेष बधाई दी।

मीनू श्रीवास्तव
सचिव
वसुंधरा फाउंडेशन
लखनऊ

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