नर्मदा बचाओ आंदोलन इन 37 वर्षों के संघर्ष में तमाम कार्यकर्ताओं पर अनेक मुकदमे लगे, उन्हें जेल में भी रहना पड़ा, संघर्ष करते-करते कई कार्यकर्ताओं की मौत तक हो गई। उन सभी कार्यकर्ताओं को देश के जन संगठनों, किसान संगठनों और समाजवादियों की ओर से क्रांतिकारी सलाम पेश किया जाना […]

कृपया कुछ करें! पश्चिम चम्पारण जिले में भूमि सुधार के मामलों में मची है अंधेरगर्दी। आयुक्त का आदेश कलेक्टर और कलेक्टर का आदेश सीओ नहीं मानते। बीती 2 सितम्बर को ढाई वर्षों बाद समाहर्ता कोर्ट में बैठे। उनके कोर्ट में 13 से लेकर 45 वर्षों तक के 23 पुराने सीलिंग […]

तीन भारतीयों ने पाकिस्तान में की शांति तीर्थयात्रा 75 साल पहले हुए देश के बंटवारे के बाद बने दो देशों के बीच सीमा रेखा ही नहीं खिंची, तलवारें भी तन गयीं. एक स्थायी शत्रुता, अंतहीन तनाव और परस्पर अविश्वास की खाइयों ने दोनों समाजों को बराबर दूर किये रखा. लेकिन […]

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पुनर्विचार करें! हिमांशु कुमार के पीआईएल को कोर्ट ने लंबे समय के बाद, यह कहकर खारिज कर दिया कि वे अल्ट्रा लेफ्ट और आतंकी गतिविधियों का बचाव करते हैं। हिमांशु का गांधीवादी कैंप में स्थान है और गांधीवादी निडरता के साथ उन्होंने पीआईएल करने के […]

जो लोग सत्ता में हैं, उनके पास कोई रचनात्मक सोच नहीं संपादक महोदय, मैं 83 वर्ष का एक वरिष्ठ नागरिक हूं। पिछले 60 वर्षों से सर्वोदय तथा खादी के माध्यम से सामाजिक कार्यों में संलग्न हूं। आपने ‘सर्वोदय जगत’ पत्रिका को बहुत अच्छी ऊंचाई तक पहुंचा दिया है। इसके माध्यम […]

गौरा देवी की याद में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चमोली स्थित उर्गम घाटी में विगत 24 वर्षों से चिपको नेत्री गौरा देवी के नाम पर पर्यावरण एवं प्रकृति-पर्यटन मेले का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह मेला 25 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। गौरतलब है […]

कांग्रेस ने बम्बई के अधिवेशन में जो प्रस्ताव पास किया था, उसके अनुसार चर्खा संघ के मन्त्री शंकर लाल बैंकर और ग्राम उद्योग संघ के मन्त्री जेसी कुमाराप्पा की सहायता से लखनऊ कांग्रेस की स्वागत समिति ने लखनऊ में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया था, जिसका उद्घाटन 28 मार्च 1936 […]

सेवाग्राम में खादी कार्यशाला गांधी के सेवाग्राम आश्रम में कई दशक बाद खादी सेक्टर की समस्याओं पर गहन मंथन के लिए कार्यशाला हुई, जिसमें खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के अलावा ज़मीनी स्तर पर काम करने वालों ने भी हिस्सा लिया. कार्यशाला में खादी को क़ानूनी बंधनों और कारपोरेटीकरण से मुक्त […]

जन-मन बिरले लोग ही होंगे, जिन्हें औरंगज़ेब के बाद के मुग़ल शासकों के नाम याद होंगे। कभी परीक्षा के लिए याद भी किया होगा तो परीक्षा के फ़ौरन बाद भूल भी गए होंगे। ऐसा होना बिल्कुल स्वाभाविक है, क्योंकि औरंगज़ेब के बाद मुग़ल साम्राज्य बिखर गया था और दिल्ली व […]

जन-मन जल ही जीवन है, यह कहना ही पर्याप्त नहीं है. अपने तथा आने वाली पीढ़ियों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए जल को संरक्षित करने के बारे में अनुसंधान, चिन्तन तथा परिश्रम करना होगा। जल का प्रमुख स्रोत वर्षा है। वर्षा का अधिकांश जल जो हम उपयोग नहीं […]

क्या हम आपकी कोई सहायता कर सकते है?