प्राकृतिक चिकित्सा लीवर हमारे शरीर का बहुत ही अहम अंग है, जो शरीर की अनेक क्रियाओं पर नियंत्रण रखता है। लीवर की कार्यक्षमता कम होने से व्यक्ति को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जब लीवर काम करना कम कर देता है, तो शरीर में कमजोरी आ जाती […]

जमीन के वितरण से लेकर भगवद्भक्ति तक का पंचविध कार्यक्रम सच्चे अर्थों में ग्रामराज्य, रामराज्य, लोकराज्य या स्वराज्य का स्वरूप होगा।  दुनिया तृषित होकर शांति की तीव्र खोज में है। सबसे पहले अधिष्ठान को लें तो भूमि अधिष्ठान है, जिसका विषम बंटवारा ही समाज रचना की सारी अच्छाइयों को नष्ट कर रहा है। ऐसे […]

भूदान से करुणा का एक छोटा सा प्रवाह निकला, लेकिन जब वह प्रवाह समुद्र में आया, तब उसे समुद्र का रूप मिला। ग्रामदान एक समुद्र और भूदान एक नदी है। बाबा का भूदान यज्ञ नदी के जरिए समुद्र में प्रवेश कर रहा था. आज 23 मई का दिन बहुत पावन दिन […]

28 सालों से चल रह है सत्याग्रह   केन्द्रीय जनसंघर्ष समिति पिछले 28 सालों से नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज, टूडरमा डैम व पलामू व्याघ्र परियोजना से संभावित विस्थापन के खिलाफ चल रहे आन्दोलन का नेतृत्व कर रही है। एकीकृत बिहार के समय 1954 में मैनूवर्स फील्ड फायरिंग आर्टिलरी प्रैटिक्स एक्ट-1938 […]

देहात ही हमारे आधार हैं। वहां आज भी हमारी संस्कृति का दर्शन होता है। वही हमारी रीढ़ है, हमारी आत्मा है, हमारा असली रूप है, लेकिन इन्हीं देहातों की दौलत, बुद्धि, शक्ति सब बाहर जा रही है। इसे हम सबको मिलकर रोकना होगा। गांव वालों को खेती, गौसेवा, बढ़ईगीरी, कपड़ा […]

हमारे खेत में तरह-तरह के निकम्मे झाड़ उगे हुए थे। उनको काटने का जो काम हुआ, उसी का नाम स्वराज्य था। अब स्वराज्य प्राप्ति के बाद उस साफ खेत में परिश्रम करके बीज बोना ही सर्वोदय का कार्य करना है, लेकिन बाबा की पीड़ा यह थी कि बीज बोने के […]

बाबा ने कहा कि मेरे पास मुख्य शक्ति प्रार्थना की ही है। इसलिए उस प्रार्थना की शक्ति को सबके साथ बांटना चाहता हूं, उन्होंने कहा कि प्रार्थना के बाद जब मैं थोड़ा बहुत बोलता हूं, तो उसमें प्रार्थना की शक्ति का ही अद्भुत परिणाम होता है। आठ मार्च 1951 की […]

बाबा ने इसे इस बात का ईश्वरीय संकेत माना कि अभी समाज में बहुत भूमिहीन लोग हैं, जिनको जमीन की जरूरत है, इसलिए हमें और जमीन मांगने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। बाबा का मानना था कि किसान का जीवन सबसे ज्यादा पवित्र है। वह परमेश्वर के ज्यादा नजदीक रहता […]

ब्रह्मविद्या मन्दिर के प्रति मनोभावों की अभिव्यक्ति की इस श्रृंखला में आज प्रस्तुत हैं ज्योत्सना बहन के मनोभाव आचार्य विनोबा भावे द्वारा स्थापित ब्रह्मविद्या मंदिर स्वावलंबन, परस्परावलंबन और आत्मावलंबन के आधार पर टिका हुआ है। जब हमारे मन से भय निकल जाता है, तब हम अध्यात्म के क्षेत्र में प्रवेश […]

महात्मा गांधी सेवा आश्रम, जौरा में आगामी 12 से 16 अप्रैल के बीच प्रस्तावित सर्व सेवा संघ की कार्यसमिति, अधिवेशन और सर्वोदय समाज के 48वें सम्मेलन का आयोजन अपरिहार्य परिस्थितियों में स्थगित कर दिया गया है. महात्मा गांधी सेवा आश्रम, जौरा में आगामी 12 से 16 अप्रैल के बीच प्रस्तावित […]

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