लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित छात्र युवा संघर्ष वाहिनी को एक बार फिर संगठित और सक्रिय करने की कोशिश शुरू हुई है. इसके लिए 30 दिसम्बर से 1 जनवरी के बीच बोधगया में आयोजित वाहिनी मित्र मिलन में कई निर्णय लिए गये. प्राप्त जानकारी के अनुसार सम्मेलन में कई मुद्दों पर सहमति बनी, जिसमें प्रमुख मुद्दे इस प्रकार हैं।
- देश में बीजेपी द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त करने और संविधान के साथ छेड़छाड़ कर मनुवादी व्यवस्था कायम करने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए देश भर में राष्ट्रीय एकता बनाने के प्रयास के तहत 31 सदस्यीय कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन किया गया।
- अगले वाहिनी मित्र मिलन के लिए एक नयी संचालन समिति का गठन किया गया, जिसका संयोजक वागेश्वर बागी (भागलपुर) को बनाया गया।
- छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी के पुनर्गठन और उसे सशक्त बनाने पर विचार किया गया. अगले मार्च महीने में वाहिनी की एक राष्ट्रीय बैठक भागलपुर में किये जाने का निर्णय हुआ।
- एक आपदा राहत कोष बनाया जाएगा.
राष्ट्रीय एकता कोर्डिनेशन कमिटी में शामिल सदस्य : - मंथन 2. कारू जी 3. घनश्याम 4. कंचन बाला 5. कुमार चंद्र मार्डी 6. सतीश कुन्दन 7. किशोर 8. बागेश्वर बागी 9. डॉ उमेश 10. गणेश आजाद 11. प्रभाकर 14. एमके निराला 15. जगदेव 16. लालदेव 17. डॉ योगेन्द्र 18. अमरेन्द्र 19. गुप्तेश्वर 20. विष्णुधारी 21. बनारसी आलम 22. आनन्द 23. एतवारी मंडल 24. उमेश धनरुआ 25. वीरेन्द्र प्रधान 26. धरणीधर 27. अशोक मानव 28. सुखदेव 29. अरुण आनन्द 30. उदय
प्रस्तावित : 1. राकेश रफीक 2. ज्ञानेन्द्र 3. राजीव 4. पुतुल
लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने पर सदस्यता स्वत: समाप्त हो जायेगी। कोऑर्डिनेशन कमेटी का काम तीन लोक मिलकर संभालेंगे, डॉ. योगेन्द्र, मंथन और कंचन बाला। संयोजन का काम डॉ. योगेन्द्र देखेंगे।
अगले वाहिनी मित्र मिलन की राष्ट्रीय संचालन समिति - बागेश्वर बागी, 2. मंथन, 3. घनश्याम, 4. कौशल गणेश आजाद, 5. ज्ञानेन्दर, 6. किशोर, 7. कारू जी, 8. रामधीरज, 9. कंचन बाला, 10. क्षेत्रमोहन, 11. बिनोद रंजन, 12. किरण, 13. अशोक बागी, 14. उदय, 15. अशोक मानव,16. मीना बागी। भविष्य में इस सूची में और नाम जोड़े जा सकते हैं।
तीस दिसंबर को 11 बजे सम्मेलन का उद्घाटन हुआ, जिसमें पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मणिमाला, बारीपदा के पूर्व विधायक किशोर दास, बोधगया के मजदूर किसान समिति के पूर्व अध्यक्ष जानकी दास, बोधगया के वरिष्ठ साथी कारू जी तथा कंचन बाला ने संयुक्त रूप से वक्तव्य जारी किया। अतिथियों का स्वागत कौशल गणेश आजाद, जगदेव, रमेश और विशुन धारी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन अरुण आंनद ने किया। दूसरे सत्र में मंथन ने मौजूदा परिस्थितियों और चुनौतियों पर एक मसौदा प्रस्ताव के रूप में रखा। मसौदे पर हुई चर्चा में कई राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया और 31 दिसम्बर के अंतिम सत्र में कई मुद्दों पर सहमति बनी.
1 जनवरी को वाहिनी स्थापना दिवस मनाया गया, जिसमें 14 से 30 साल तक के युवक युवतियों ने भाग लिया, कार्यक्रम को साथी मणिमाला ने संबोधित किया। 12 बजे खुले अधिवेशन और समापन सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का संचालन कौशल गणेश आजाद, किशोर दास और कंचन बाला ने किया। मुख्य वक्ता कुमार चंद मार्डी, जानकी दास, देवनाथ देवन, सुशील कुमार, फादर अंटो, कृष्णनंदन यादव, वरिष्ठ साथी कारू जी और कंचन बाला आदि ने संबोधित किया।
वाहिनी मित्र मिलन समारोह के दौरान रात्रि के सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें गिरिडीह के युवकों ने नाटक और युवतियों ने नृत्य संगीत प्रस्तुत किया। नीरज और प्रीति के गीतों ने भी खूब मंनोरंजन किया।
-सर्वोदय जगत डेस्क