सर्वोदय समाज का 48 वाॅ सम्मेलन

सर्वोदय समाज के स्थापना के 75 वर्ष हो रहे हैं अमृत महोत्सव वर्ष में सर्वोदय समाज का 48 वाॅ सम्मेलन 14 से 16 मार्च , 2023 को सेवाग्राम वर्धा में  होने जा रहा है। सर्वोदय समाज की स्थापना  15 मार्च , 1948 को सेवाग्राम,  वर्धा, महाराष्ट्र  में रचनात्मक कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में हुई थी।  इस सम्मेलन में विनोबा भावे , जयप्रकाश नारायण,  दादा धर्माधिकारी , जेबी कृपलानी,  डॉ राजेंद्र प्रसाद, पं. जवाहरलाल नेहरू सहित देश के प्रमुख रचनात्मक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था, जिसकी अध्यक्षता डॉ राजेंद्र प्रसाद (भारत के प्रथम राष्ट्रपति ) ने की थी।

हिंद स्वराज में गांधी जी ने आधुनिक सभ्यता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया था। उन्होंने  आगाह किया था कि आधुनिक सप्ताह में ही विनाश के बीज निहित है।   यह सभ्यता खुद नाशवान है और दूसरों को भी नाश करने वाली है। आज गांधी जी की बात सत्य साबित हो रही है।   दुनिया आज युद्ध और हिंसा के ताप से झुलस रही है । पर्यावरण का संकट गहराता जा रहा है।  हम एक ऐसी विकास यात्रा पर निकल पड़े हैं जिसने पृथ्वी  का तापमान बढ़ रहा है। नदियां सूख रही हैं, जंगल तेजी से खत्म हो रहे हैं और जमीन बंजर बन रहे हैं।  जलवायु परिवर्तन के कारण असमय बाढ़, सूखा और चक्रवातों का सिलसिला शुरू हो गया है।  गहराते पर्यावरण संकट के कारण सभ्यता के अस्तित्व अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।

यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब देश में  लोकतांत्रिक मूल्यों का हास और लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हुई हैं। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों स्वतंत्रता,  समानता और बंधुत्व  के आधार पर निर्मित भारतीय संविधान को कमजोर करने के प्रयास हो रहे हैं । आर्थिक असमानता,  बेरोजगारी तथा भ्रष्टाचार चरम पर है । सांप्रदायिक और फासीवादी शक्तियां लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता के लिए गंभीर चुनौती उत्पन्न कर रहे हैं। गांधीजी ऐसा स्वराज चाहते  थे जिसमें समाज के अंतिम व्यक्ति के विचार  का देश के विकास में महत्व हो , ऐसा स्वराज अभी हासिल होना बाकी है।

इस पृष्ठभूमि सर्वोदय समाज का 48 वाॅ  सम्मेलन 14 से 16 मार्च , 2023 को सेवाग्राम वर्धा में होने जा रहा है। गांधीजी ऐसा स्वराज चाहते  थे जिसमें समाज के अंतिम व्यक्ति के विचार  का देश के विकास में महत्व हो , ऐसा स्वराज अभी हासिल होना बाकी है। सर्वोदय समाज का सम्मेलन हम सब के लिए एक अवसर है इस दिशा में कदम बढ़ाने का।    इस वर्ष सम्मेलन का विषय है  न युद्ध, न हिंसा,  हम चाहते हैं शांति और अहिंसा।

इस सम्मेलन में हम  आपके सक्रिय भागीदारी  का अनुरोध करते हैं।  आपसे अपेक्षा है कि अपने यहां से शामिल होने वाले लोगों की टीम में 50 फ़ीसदी युवा (युवक एवं युवती )एवं महिलाओं को शामिल करें । इस वर्ष रेलवे से सम्मेलन के लिए मिलने वाला 50 फ़ीसदी रियायत  की सुविधा उपलब्ध नहीं है । इसलिए आपको मार्ग में की व्यवस्था स्वयं अथवा अपने मित्रों या स्थानीय संस्थाओं की मदद से करनी है।

वर्धा के लिए दिल्ली, मुंबई , हावड़ा,  कोलकाता,  चेन्नई, बंगलुरु, लखनऊ, पटना आदि स्थानों से डायरेक्ट ट्रेन है। आप रेल से वर्धा  या सेवाग्राम रेलवे स्टेशन आ सकते हैं।  वहां से सम्मेलन स्थल पर लाने की व्यवस्था रहेगी।

आपकी सहभागिता सर्वोदय समाज के सम्मेलन के सफल आयोजन महत्वपूर्ण है। इससे सम्मेलन को गति और ऊर्जा मिलेगी।

सप्रेम
चंदन पाल।                       प्रो.सोमनाथ रोड़े
अध्यक्ष                               संयोजक
सर्व सेवा संघ                      सर्वोदय समाज

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