कॉलेज के दौर में गांधी विचार को जाना, कुछ साहित्य पढ़ा और उसके नज़दीक आया फिर कुछ कुछ बातें गांधी की मानने लगा, जिसमें खादी अपनाना भी शामिल रहा। अस्सी के दशक में स्कूल और कॉलेज के जीवन में हिंदी आंदोलन के बाद मैं खादी के उत्पादन से तो नहीं, […]

मैं यह मानता हूं कि गांधीवादी या मार्क्सवादी होना नादानी है और गांधीवाद विरोधी या मार्क्सवाद विरोधी होना भी नादानी है। गांधी और मार्क्स के अनमोल खजानों से सीखने लायक बहुत कुछ है, बशर्ते व्यक्ति और काल विशेष मात्र से संदर्भ और निष्कर्ष न निकाले जाएं।’ डॉ राममनोहर लोहिया को […]

वसुंधरा फाउंडेशन लखनऊ द्वारा आजादी की 75वी वर्षगांठ के महोत्सव पर साल भर होने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला मे आज कोरबा मितान मंच के संयुक्त तत्वावधान में”भारत माता के दो महान सपूतों “जेपी और लोहिया” के आर्थिक एवम् सामाजिक विचार ” विषय पर आनलाइन गोष्ठी आयोजित की गई। संगीता श्रीवास्तव […]

जेपी की मृत्यु के समय चरण सिंह प्रधानमंत्री थे। जेपी का शव श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल के बरामदे में दर्शनार्थ रखा गया था। 9 अक्टूबर 1979 को देश के अनेक दिग्गज नेता जेपी के अंतिम दर्शनार्थ पहुंचे, किन्तु मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम ने जेपी का अंतिम दर्शन […]

बापू ने सुब्रह्मण्यम भारती में क्या देखा 1919 के मार्च महीने में गांधी जी मद्रास में थे।   चक्रवर्ती राज-गोपालाचारी के घर पर उनका डेरा था। एक सुबह गांधी जी के कमरे में उनके साथ राजाजी, तमिल भाषा में धुआंधार भाषण के लिए ख्यात एस. सत्यमूर्ति, सालेम के प्रतिष्ठित वकील अधिनारायण […]

हिन्दी कथाकार राजेन्द्र यादव ने एक बार लिखा था कि यदि कोई व्यक्ति हावड़ा पुल पर खड़ा होकर जोर-जोर से कहने लगे कि यह पुल उसके दादा ने बनवाया था, तो कुछ लोग ऐसे भी होंगे, जो यह सिद्ध करने में लग जायेंगे कि सच में यह पुल उसके दादा […]

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आए दिन मंचों पर, फिल्मों और नाटकों में, किताबों, चित्रों और नोटों में खूब दिखाई पड़ते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में उनके विचारों को व्यवहार में लाने की कोशिश नहीं के बराबर ही दिखती है। हमने उनको प्रतिमा और पूजा पाठ तक सीमित कर दिया है। राजनेता […]

गांधीजी ने उच्चतम आदर्शों को व्यवहार में लाने के लिए जिन अभियानों/आंदोलनों को चलाया, उन्हें लोकस्मृति में एवं लोकजीवन में निरंतर स्थापित करने की जरूरत है। किसी एक दिन गांधी दिवस मनाने की औपचारिकता वे निभाते हैं, जिनका गांधी विचार से कुछ लेना-देना नहीं है। गांधीजी ने योरोप में पैदा […]

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आजादी बचाओ आंदोलन का 11 वां राष्ट्रीय सम्मेलन इसके संस्थापक और प्रणेता डॉ बनवारी लाल शर्मा जी की नवी पुण्यतिथि के अवसर पर 25 और 26 सितंबर 2021 को संपन्न हुआ इस सम्मेलन में हरियाणा पंजाब दिल्ली राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड एवं उत्तर प्रदेश के आंदोलन के साथियों ने […]

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