भारत सरकार की ग्रामीण पेयजल योजना और यूपी जल निगम द्वारा लागू योजनाओं के प्रति आम लोग उदासीन हैं और अपने अपने घरों में आरओ लगवाना चाहते हैं, लेकिन ग्रामीण यह नहीं जानते क आरओ समस्या का कोई समाधान नहीं, बल्कि यह स्वंय ही एक बड़ी समस्या है. भारत सरकार […]
Year: 2021
यह उनकी कहानी है, जिन्होंने प्रेम के शस्त्र से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने का अभ्यास किया। यह उनकी कहानी है, जिन्होंने मानवीय दृष्टि से स्वयं अपना ही मूल्यांकन करना सीखा। यह उन नीग्रो नेताओं की कहानी है, जिनके सिद्धांत और विश्वास अलग-अलग थे, पर जो न्याय एवं वास्तविक अधिकारों […]
जनसंघ के राज्य सभा सदस्य के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी ने जवाहर लाल नेहरू का मई 1964 में निधन होने के बाद उन्हें जिन शब्दों में श्र्द्धांजलि दी, वह आज भी प्रासंगिक है। – सं. आज एक सपना खत्म हो गया है, एक गीत खामोश हो गया है, एक […]
दोनों का स्वभाव अलग था। जवाहर नर्म, शांतचित्त, ओपन माइंड और सुभाष जरा गर्म, लेकिन जहीन, वाद विवाद पसन्द करने वाले। मगर समानताएँ भी थीं। दोनों बड़े परिवारों से थे, दोनों अंग्रेजीदां, दोनों कैम्ब्रिज में पढ़े, दोनों ने अच्छे कैरियर ऑप्शन त्यागकर आंदोलन ज्वाइन किया था। दोनों दुनिया में चल […]
Mahatma Gandhi finally came back to India from South Africa in 1915 and thereafter he established the Kochrab Ashram, Ahmedabad, Gujarat. Later, he re-established the Sabarmati Ashram (Satyagraha Ashram) on June, 1917, amidst the tranquility on the banks of Sabarmati river. There was crematorium on the one side and prison […]
गुजरात उच्च न्यायालय ने 25 नवम्बर 2021 को साबरमती आश्रम के पुनर्विकास के खिलाफ महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। तुषार गांधी ने अपनी जनहित याचिका में साबरमती आश्रम के पुनर्विकास योजना पर रोक लगाने और इसे रद्द […]
गांधी और नेहरू का यह राष्ट्रवाद टैगोर की वैश्विक दृष्टि का अनुपूरक था, प्रतिपक्षी नहीं। पर राष्ट्रवाद का एक दूसरा रूप भी है, जिसमें अपनी लकीर बड़ी दिखाने के लिए दूसरों की लकीर छोटी करनी पड़ती है, भले ही लाक्षणिक रीति से ही सही, इसमें मैजिनी और हिटलर के ‘नेशनलिज्म’ […]
“मैं आपका प्रधानमंत्री हूँ, पर इसका मतलब ये कभी नहीं है कि मैं आपका राजा या शासक हूँ। वास्तव में मैं आपका एक सेवक हूँ और जब आप मुझे मेरे कर्तव्य में असफल होते देखते हैं, तो यह आपका कर्तव्य होगा कि आप मेरा कान पकड़ें और मुझे कुर्सी से […]
हिन्दुस्तान वह सब कुछ है, जिसे उन्होंने समझ रखा है, लेकिन वह इससे भी बहुत ज्यादा है। हिन्दुस्तान के नदी और पहाड़, जंगल और खेत, जो हमें अन्न देते हैं, ये सभी हमें अजीज हैं, लेकिन आखिरकार जिनकी गिनती है, वे हैं हिन्दुस्तान के लोग, उनके और मेरे जैसे लोग, […]
प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में, नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल में सभी धाराओं के प्रतिनिधियों को रखा था। इस रूप में वह एक राष्ट्रीय सर्व-सहमति की सरकार थी। नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में भारत का संविधान बना, जो एक सर्व-सहमति का दस्तावेज है। आज भी संविधान की उद्देश्यिका (Preamble), नागरिकों को […]