डॉ राममनोहर लोहिया यूँ तो नास्तिक थे, पर समाज के मन में समाये राम, कृष्ण और शिव के अनहद चरित्रों पर उन्होंने भी कलम चलाई है. इस अंक में उनके उस बहुचर्चित लेख के सम्पादित अंश भी हैं. रामनाम किस प्रकार जादुई इलाज करता है, बापू की कलम से उद्धृत इसकी विवेचना और […]
Year: 2022
सर्वोदय जगत का राम विशेषांक (16-31 दिसम्बर 2022) अगले हफ्ते डिस्पैच होने वाला है. भगवान राम भारतीय समाज के मानस में इतने गहरे और व्यापक रूप में अंकित हैं कि सबको अपनी-अपनी सोच और जरूरत के मुताबिक़ कुछ न कुछ रक्षा-कवच मिल ही जाता है. आस्तिक हो या नास्तिक, सगुण उपासक […]
बाबा ने कहा कि अगर हमें भी वरदान मांगने का अवसर मिला होता, तो हम मांगते- मातृ मुखेन शिक्षणम अर्थात मां के मुख से मेरा शिक्षण हो। साबरमती आश्रम अजादी के आन्दोलन की गतिविधियों के प्रमुख केंद्र के रूप में जाना जाता है। आजादी से जुड़ी तमाम महान विभूतियाँ यहां रही […]
16 दिसंबर, 2022 को वाराणसी के अस्सी घाट पर दख़ल संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़े के समापन और निर्भया दिवस के मौके पर सांस्कृतिक प्रतिरोध संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शामिल मैत्री ने अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़े के विषय में बताया कि 1960 के दशक में डोमिनिकन रिपब्लिक के तानाशाह […]
इस मनहूस लेकिन अपरिहार्य खबर का हम सब भारी मन से इंतजार कर ही रहे थे। अभी-अभी उनके बेटे ऋषि आनंद से बात हुई। आज सुबह 8.45 पर उन्होंने ने अंतिम सांस ली। बारह साढ़े बारह बजे के करीब उनकी पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जायेगा। […]
(सर्वोदय जगत डेस्क) आज दिनांक 17 दिसंबर, 2022 को उत्कल सर्वोदय मंडल की नयी समिति का चुनाव किया गया। उत्कल सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से मिहिर प्रताप दास को अध्यक्ष चुना गया। आज के सम्मेलन में उड़ीसा के कुल 30 जिलों में से 27 जिलों के […]
सहकारिता के पैरोकार और लोकतांत्रिक समाजवाद के इस शिखर पुरुष ने भारत की सनातन संस्कृति, बुद्ध के दिये विवेकसम्मत मानव कल्याण के संकल्प, मार्क्स के परिवर्तनकामी दर्शन और गांधी की बनायी राह में अद्भुत समन्वय स्थापित किया, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक हैं। भारतीय दर्शन और संस्कृति के प्रकांड […]
विनोबा रेखांकित करते हैं कि विज्ञान, सत्ता-संपत्ति और स्वार्थ के हाथों बिक गया है। गांव को स्वावलंबी बनाने के लिए आजादी के बाद बहुतेरे प्रयास किये गये। खादी, ग्रामोद्योग, गोपालन आदि ग्रामोपयोगी विद्याओं का प्रचार प्रसार किया गया, लेकिन बाजार के सामने खादी और ग्रामोद्योग के विचार नतमस्तक हो गये। […]
पराग चोलकर का कहना है कि विनोबा ने गांधी के विचार और लक्ष्य को आगे बढ़ाया पर इतिहासकारों ने उनके योगदान को पर्याप्त महत्व नहीं दिया. साथ ही विनोबा पर सत्याग्रह को छोड़ने का आरोप भी लगता है- विशेषकर इमरजेंसी और जेपी के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के संदर्भ में. लेकिन […]
स्वास्थ्य अखबारों में पढ़ें या समाचार देखें तो आजकल लगभग हर किसी के दूर या करीब के रिश्तों में अचानक मरने की दुखद खबरें मिलने लगी हैं। अचानक हृदय रोग विशेषज्ञों के पास मरीजों की लाइन भी बढ़ने के खबरें हैं, जो सोचने को मजबूर कर रही हैं, एक भयावह […]