अपने समय की दुर्जेय अंग्रेजी सत्ता से देश की मुक्ति और देशवासियों के आत्मसम्मान की रक्षा के साथ ही उनके पुनरुत्थान हेतु उन्होंने सत्याग्रह का अति सभ्य और मानवीय मार्ग चुना। सत्याग्रह दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व घटना थी। दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह के अचूक संधान और सफलता ने सारे […]
Month: January 2022
माता आनन्दमयी और महात्मा गांधी उस दिन हम सब माताजी के साथ बापूजी से मिलने सेवाग्राम के लिए चले। बापूजी पहली ही बार माताजी से मिल रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर स्वराज हासिल करने की अपनी तीव्रता में मग्न गांधीजी, […]
आयुष चतुर्वेदी अभी अभी 18 वर्ष के हुए हैं. दो वर्ष पहले, जब वे केवल 16 वर्ष के थे, तब सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे अपने स्कूल के एक कार्यक्रम में गांधी जी पर बोलते दिखाई दिए थे. वीडियो में कही गयी आयुष की […]
परमहंस योगानंद और महात्मा गांधी के बीच अकसर इस बात पर चर्चा होती थी कि सत्य और अहिंसा जैसे आध्यात्मिक आदर्शों को लोगों के व्यावहारिक जीवन में कैसे उतारा जाय। भारत के इन दो संतों ने दुनिया में हर जगह एक दूसरे के प्रति हमेशा सम्मान प्रकट किया। 1925 में […]
गांधी की जितनी आलोचना करनी हो, कीजिए पर यह बात कान खोलकर सुन और समझ लीजिये, गाली नही देने देंगे अब हम आपको। शरीर को मार डाला आपने, आत्मा छेदने की इजाजत नहीं होगी। देश किसी की आलोचना पर सहिष्णु हो सकता है, हत्या पर नहीं। हर गोडसे को सलाखों […]
गांधी नोआखली से दिल्ली तक आग बुझाने में लगे थे और उनके हत्यारे उनकी हत्या का षड्यन्त्र रचने में। 20 जनवरी को गांधी जी का आख़िरी दिन तय किया था हत्यारों ने। गोपाल को वे इस योजना में शामिल नहीं करना चाहते थे। वे उससे केवल वह रिवाल्वर लेना चाहते […]
द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फकीर सावरकर का नाम, गांधी जी की हत्या के साजिशकर्ताओं मे शामिल था, पर वह अदालत में साबित नहीं हो सका। सावरकर उस समय तो अदालत से छूट गए, पर बाद में जब उनकी संलिप्तता के अनेक सबूत मिलने लगे, तो जस्टिस कपूर की […]
जिन लोगों ने समकालीन भारतीय इतिहास को बनाने में रंचमात्र योगदान नहीं दिया, उनमें इतिहास को फिर से लिखने और स्थापित तथ्यों के साथ काल्पनिक प्रसंग जोड़कर इतिहास को अपने पक्ष में मोड़ने की प्रवृत्ति तीव्र होती जा रही है। उन्होंने बापू को लगी तीन गोलियों के बाद अब चौथी […]
गांधी की हत्या आज भी जारी है, क्योंकि वे सर्वधर्म समभाव को खत्म करना चाहते हैं (मुस्लिम विरोध), आरक्षण खत्म करना चाहते हैं (दलित व पिछड़ा वर्ग का विरोध) एवं वैश्विक पूंजीवादी नव साम्राज्यवाद (यानी कारपोरेटी उपनिवेशवाद) का समर्थन करना चाहते हैं। और, यह तभी संभव है, जब गांधी विचार […]