आज भी सावरकर की तस्वीर संसद के सेंट्रल हाल में गांधी के ठीक अपोजिट लगी है। एक को देखने के लिए आपको दूसरे की तरफ पीठ करनी पड़ेगी। स्थान; लन्दन स्थित क्रॉमवेल स्ट्रीट में बना इंडिया हाउस! साल 1909! महीना अक्टूबर की एक सर्द शाम! इंडिया हाउस के ऊपरी तल […]
Year: 2022
महात्मा गांधी और विनायक सावरकर खुद पीछे रहकर षडयंत्र रचना और भावुक व बहादुर युवकों को प्रेरित कर उनसे हत्याएं करवाना! सावरकर की यही कुशलता थी, लेकिन यह कुशलता भी भय और मत्सर से उपजी हुई थी। महात्मा गांधी लगभग 80 वर्ष की उम्र में एक वीर तरुण की भांति […]
देश का पैसा देश का इतिहास बदलने में बरबाद किया जा रहा है। नया संसद भवन बनाना, नया प्रधानमंत्री निवास बनाना, नया वार मेमोरियल बनाना, अमर जवान ज्योति के साथ छेड़छाड़ करना औऱ अशोक स्तंभ के मूल स्वरूप को बदलना आदि इसी कड़ी के हिस्से हैं. वह तो ऐतिहासिक तथ्य […]
वर्तमान केन्द्रीय सरकार जिस दक्षिणपंथी विचारधारा से संचालित है, उसकी आस्था लोकतंत्र में नहीं है। वे महज लोकतंत्र का नारा लगाते हैं और लोकतंत्र के सारे अवसरों का इस्तेमाल लोकतंत्र को खत्म करने में करते हैं। इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव उनके लिए महज अमृतपान का एक मौका भर है। […]
महंगाई बढ़ नहीं रही, बढ़ायी जा रही है। सरकार जमाखोरों और मुनाफाखोरों के साथ है और उन पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती, बल्कि खुद अनैतिक मुनाफाखोरी करने में लगी हुई है। 25 जुलाई को जमशेदपुर में महंगाई, बेरोजगारी, श्रम कानून, संसाधनों की लूट, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी […]
लोकतांत्रिक जन पहल की कोर कमेटी की बैठक 24 जुलाई को लोकतांत्रिक जन पहल, बिहार कि कोर कमेटी की बैठक रूकनपुरा में हुई. सत्य नारायण मदन ने जून को गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली में हुई बैठक और 10 जुलाई को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में हुए बेरोजगारी, मंहगाई और साम्प्रदायिकता […]
समाज के हर क्षेत्र में नफरत फैल रही है, लेकिन समाज इस तरह से प्रतिक्रिया दे रहा है जैसे कुछ हुआ ही नहीं है. नफरत की यह राजनीति हमारे समाज को कैंसर की तरह खोखला कर रही है। – तुषार गांधी ‘समकालीन समय में एम के गांधी’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी […]
वर्तमान परिस्थितियों में देश के सामाजिक हलकों में एक हलचल महसूस की जा रही है। सर्व सेवा संघ ने 9 अगस्त से 30 जनवरी तक ‘संकल्प सत्याग्रह’ और ‘महाजागरण यात्रा’ की शुरूआत की है, वहीं 16 अगस्त से 23 सितंबर तक बिहार में ‘हल्ला बोल’ यात्रा का आयोजन किया जा […]
अगर लोगों से जुड़ना है, तो हमें उनकी ज़िन्दगी से जुड़े सवालों से जुड़ना होगा। लोगों को ताक़त देने वाले कार्यक्रम सोचने होंगे, जैसे आज़ादी की लड़ाई में अस्पृश्यता निवारण, चरखा, गोसेवा, बुनियादी शिक्षा जैसे कार्यक्रम लिए गये थे। अगस्त का महीना भारतीय राजनीति के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इसी […]