स्त्री-पुरुष दोनों में 40 वर्ष की उम्र से यौन सूक्ष्म रसों के सृजन में 2 प्रतिशत की दर से गिरावट आने लगती है। स्त्रियों में 40 से 50 वर्ष की उम्र तक तथा पुरुषों में 45 से 55 वर्ष की उम्र तक यौन सूक्ष्म रस निष्क्रियता के स्तर पर पहुँच […]
Year: 2022
सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति के साथियों का सहचिंतन हम एक साथ क्यों नहीं आ सकते? ध्यान रहे, एक भी आजाद दिमाग का वजूद इन ताकतों के हमले से बचने वाला नहीं है। मुकाबला तो होगा। हम करें या न करें, हम लड़ें या न लड़ें। सबसे […]
देश भर से दिल्ली में जुटे सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यकर्ता नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में 4 और 5 जून को एक बैठक का आयोजन हुआ. सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध और समता, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता तथा शांतिमय संघर्ष में गहरी आस्था रखने वाले नॉन पार्टी कार्यकर्ताओं की इस […]
सर्व सेवा संघ परिसर, वाराणसी में चार दिवसीय सम्पूर्ण क्रांति युवा शिविर सर्व सेवा संघ वाराणसी परिसर में 1- 4 जून के बीच सम्पूर्ण क्रांति युवा शिविर का आयोजन किया गया. जेपी आंदोलन के सेनानी राम धीरज ने शिविर का उद्घाटन किया और इस अवसर पर युवाओं को सम्पूर्ण क्रांति […]
25 जून 1975 को जेपी का ऐतिहासिक भाषण वर्तमान को समझने के लिए इतिहास को समझना ज़रूरी 25 जून 1975 को देर शाम दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में विपक्षी दलों की एक रैली हुई थी, जिसे लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने सम्बोधित किया था. जेपी ने देश की जनता को […]
असत्य और अफवाहों की दलदली संस्कृति में फंसा सत्यमेव जयते का आदर्श अभिव्यक्ति की आज़ादी ख़तम करने पर एक देश के रूप में हम मौन की एक अबूझ दुनिया में गुम हो जायेंगे. न्याय की मांग और समता की भूख दोनों कमजोर पड़ जायेगी. एक बेहतर जिंदगी, प्रगति पथ पर […]
संविधान में मिली अभिव्यक्ति की आज़ादी तभी कारगर होगी, जब पत्रकारों को निर्भय होकर काम करने का मौक़ा मिले और ग़लत करने वालों के खिलाफ शिकायत का एक स्वतंत्र क़ानूनी फ़ोरम हो। हाल ही में एक टेलीविज़न डिबेट में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा इस्लाम के […]
बाबा ने सभी से कहा कि आपने बहुत शौर्य दिखाया, अब अक्ल भी दिखानी चाहिए। यह काम मानव को करना ही न पड़े, यह अक्ल अब सूझनी चाहिए। सबको मिलकर इसका उपाय ढूंढना चाहिए कि मेहतर को भी यह काम न करना पड़े, तभी भंगीमुक्ति का कार्य हो सकेगा। बाबा […]
गोपीनाथ नायर ने जीवन भर गांधीवादी सिद्धांतों को जिया। उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था और आचार्य विनोबा भावे के साथ भूदान और ग्रामदान आंदोलन में भी काम किया था। सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष, गांधीवादी विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और पद्म श्री से सम्मानित पी […]
न्याय का नैसर्गिक आदर्श कहता है कि कोई दोषी छूटना नहीं चाहिए और किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए. किसी का किसी पीड़ित की मदद करना किसी मामले को खींचना किस प्रकार हुआ, यह सवाल देश में ही नहीं, दुनिया के अनेक सामाजिक मोर्चों पर जेरे बहस है 27 […]