नहीं रहे पी गोपीनाथन नायर

गोपीनाथ नायर ने जीवन भर गांधीवादी सिद्धांतों को जिया। उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था और आचार्य विनोबा भावे के साथ भूदान और ग्रामदान आंदोलन में भी काम किया था।

सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष, गांधीवादी विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और पद्म श्री से सम्मानित पी गोपीनाथन नायर का 5 जुलाई को तिरुअनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. 7 जुलाई को वे 100 वर्ष पूरा करने वाले थे. गांधीवादी विचारों और मूल्यों के लिए प्रसिद्ध गोपीनाथन जी दशकों से इस दक्षिणी राज्य के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य में अपनी सम्पूर्ण क्षमता के साथ उपस्थित थे. वे भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले क्रन्तिकारी योद्धा थे.

पी गोपीनाथन नायर को 2016 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चन्दन पाल ने उनके निधन पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में लिखा है कि यह हम सबके लिए आघात की तरह है. सर्वोदय आन्दोलन के लिए उनका योगदान हमेशा याद रखा जायेगा. सर्व सेवा संघ की ओर से मैं दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं. उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना ज़ाहिर करते हुए उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की है कि उनकी आत्मा को सद्गति मिले. कर्नाटक सर्वोदय मंडल और प्रदेश गाँधी स्मारक निधि ने भी अपना श्रद्धांजलि सन्देश भेजा है.

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चन्दन पाल ने उनके निधन पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में लिखा है कि यह हम सबके लिए आघात की तरह है. सर्वोदय आन्दोलन के लिए उनका योगदान हमेशा याद रखा जायेगा. सर्व सेवा संघ की ओर से मैं दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं.

गोपीनाथ नायर ने जीवन भर गांधीवादी सिद्धांतों को जिया। उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था और आचार्य विनोबा भावे के साथ भूदान और ग्रामदान आंदोलन में भी काम किया था। जब गांधी जी केरल आए थे तो गोपीनाथन जी ने उनसे मुलाकात की थी उनसे काफी प्रेरित हुए थे।

गोपीनाथन नायर का जन्म 1922 में नेयट्टिनकारा में हुआ था। उन्होंने शांति निकेतन से पढ़ाई की थी। शांति निकेतन ने गोपीनाथन के जीवन पर गहरा असर डाला था। इसके बाद विश्व भारती विश्वविद्यालय में 1946-48 के बीच वे शोध के छात्र रहे। 1951 में उन्होंने गांधी स्मारक निधि के लिए काम करना शुरू कर दिया। केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन और भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भी गोपीनाथन नायर के निधन पर दुख जाहिर किया है। -सर्वोदय जगत डेस्क

 

Co Editor Sarvodaya Jagat

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भूदान डायरी; विनोबा विचार प्रवाह : हमें करनी है भंगीमुक्ति!

Thu Jul 7 , 2022
बाबा ने सभी से कहा कि आपने बहुत शौर्य दिखाया, अब अक्ल भी दिखानी चाहिए। यह काम मानव को करना ही न पड़े, यह अक्ल अब सूझनी चाहिए। सबको मिलकर इसका उपाय ढूंढना चाहिए कि मेहतर को भी यह काम न करना पड़े, तभी भंगीमुक्ति का कार्य हो सकेगा। बाबा […]
क्या हम आपकी कोई सहायता कर सकते है?