12 अप्रैल को सर्व सेवा संघ की कार्यसमिति और 13 अप्रैल को अधिवेशन प्रिय साथी, 48 वें अखिल भारतीय सर्वोदय समाज सम्मेलन का आमंत्रण भेजते हुए हम आत्मीय आनंद और गौरव का अनुभव कर रहे हैं। दारुण कोरोना काल की भीषण त्रासदी के 2 साल बाद यह पहला अवसर […]
Year: 2022
सर्वोदय जगत पत्रिका की पाठक मैं दशकों से रही हूं। पिछले कुछ समय से इस पत्रिका के रूप-स्वरूप तथा सामग्री में जो अंतर आपके मार्गदर्शन में आया है, उसकी प्रशंसा किये बिना नहीं रहा जा सकता। जिस तरह इसकी सामग्री अधिक प्रभावशाली, रोचक, सामयिक और समाज को अपील करने वाली […]
नगर थाना, मोतीहारी से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित चरखा पार्क में स्थापित महात्मा गाँधी की प्रतिमा 12 फरवरी की रात तोड़ दी गयी. अगले दिन सुबह खबर फैलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी आनन फानन में मौके पर पहुंचे. डीएम एसके अशोक ने प्रतिमा तोड़ने वालों को […]
17 फरवरी 2022 को केरल में आयोजित प्रमुख गांधीवादी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में भारत में जीवन के सभी क्षेत्रों, यहां तक कि शासन के दायरे में भी, गांधीवादी मूल्यों को मिटाने के लिए काम कर रही फासीवादी ताकतों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की गयी। बिहार के चंपारण […]
लगभग 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे, देश के बड़े कारोबारी ने राहुल बजाज नहीं रहे। वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पांचवे पुत्र कहे जाने वाले जमनालाल बजाज के पुत्र कमलनयन बजाज के पुत्र थे। उनका ‘राहुल’ नाम जवाहर लाल नेहरू ने रखा था। इसे लेकर इंदिरा गांधी […]
वर्तमान भारत में पारम्परिक स्थितियों के अलावा आर्थिक स्तर पर भी नये वर्गों का उदय हुआ है। दुर्योग यह है कि देश की स्वास्थ्य नीति इन नये वर्गों के अनुसार ही तय की जाती है। स्वास्थ्य बजट का सर्वाधिक हिस्सा इन पर ही केन्द्रित होता है। यही कारण है कि […]
कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनिया को स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक संकट की तरफ भी धकेला है। इसकी वजह से वैश्विक मंदी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। दुनिया भर में करोड़ों लोग अपने रोजगार से हाथ धो चुके हैं और करोड़ों के ऊपर रोजगार छिन जाने का संकट खड़ा […]
‘आईआईटी खडगपुर’ ने नववर्ष का कैलेण्डर जारी किया है। किसी उत्कृष्ट तकनीकी संस्थान से उम्मीद की जाती है कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, परंपरागत ज्ञान, नवाचार, मौलिक सृजन और स्थापित जड़ता को झकझोरने वाला वातावरण बनाये। मगर विगत दिनों हुक्मरानों ने हर संस्था पर अपनी संकुचित सोच थोपने का काम किया […]
आजादी के 75 साल बीतने के बावजूद हम सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में सफल नही हो सके हैं. अमेरिका, इंग्लैंड आदि दुनिया के अमीर देशों में सरकारी स्कूल ही बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था की नींव माने जाते हैं. वहां की शिक्षा व्यवस्था पर आम जनता का नियंत्रण होता है. […]
महात्मा गांधी शिक्षा को व्यक्तित्व के चहुंमुखी विकास का माध्यम स्वीकार करते थे। वे शिक्षा को जीवन भर निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया मानते थे। उन्होंने शिक्षा के उद्देश्य को व्यक्तित्व के उच्चतम विकास के साथ ही उसे मुक्ति-द्वार तक ले जाने वाला घोषित किया। इसी परिप्रेक्ष्य में 31 जुलाई, 1937 […]