सत्यशोधक महिला प्रबोधिनी की वर्धा में बैठक किसान अधिकार अभियान कार्यालय, वर्धा में सत्यशोधक महिला प्रबोधिनी के माध्यम से वरिष्ठ समाजवादी विचारक सुभाष वारे के साथ अनौपचारिक विचार मंथन बैठक का आयोजन किया गया. इस चिंतन बैठक में देश में हो रहे सामाजिक, राजनीतिक परिवर्तन व लोकतंत्र के सामने उपस्थित […]

वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन वाराणसी के तरना स्थित नवसाधना कला केंद्र में ‘राइट एंड एक्ट’ संस्था की ओर से आयोजित ‘प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर’ का 20 दिसम्बर को समापन हुआ. 18 दिसम्बर से शुरू हुए इस आवासीय शिविर […]

लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित छात्र युवा संघर्ष वाहिनी को एक बार फिर संगठित और सक्रिय करने की कोशिश शुरू हुई है. इसके लिए 30 दिसम्बर से 1 जनवरी के बीच बोधगया में आयोजित वाहिनी मित्र मिलन में कई निर्णय लिए गये. प्राप्त जानकारी के अनुसार सम्मेलन में कई मुद्दों […]

अनजाने में हुई गलती को भी समझकर स्वीकार करना, सत्य को समझना व उसके प्रति खपने की पूरी तैयारी गांधीजी के आचरण में दिखाई देता है। आंदोलनों में केवल सत्य के आग्रह पर ही जोर देना है और प्रतिद्वंद्वी के प्रति निश्छल प्रेम रखना है, यह आंदोलनकारी सत्याग्रही की जिम्मेदारी […]

‘मुझे गर्व है कि मै उस हिन्दू धर्म से हूं, जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिकता की सीख दी। भारत की सभ्यता और संस्कृति सभी धर्मों को सत्य के रूप में मान्यता देती है और स्वीकार करती है। भारत एक ऐसा देश है, जिसने सभी धर्मों और देशों के […]

सिद्धांतों के बिना राजनीति, परिश्रम के बिना संपत्ति, अंतरात्‍मा के बिना आनंद, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना वाणिज्‍य, मानवता के बिना विज्ञान और त्‍याग के बिना पूजा, 7 सामाजिक पापों की यह सूची गांधीजी ने 22 अक्टूबर 1925 के यंग इंडिया में प्रकाशित की थी। गांधीजी के अनुसार […]

दो राष्ट्र के सिद्धांत के लिए अकसर दुर्भावना या अज्ञानतावश जिन्ना को श्रेय दे दिया जाता है, जबकि उन्होंने तो इसका केवल इस्तेमाल किया और वह भी बहुत बाद में। हिंदू और मुसलमान दो अलग क़ौम हैं और दोनों एक साथ नहीं रह सकते, इसे सैद्धांतिक तौर पर गढ़ने वाले […]

अपने समय की दुर्जेय अंग्रेजी सत्ता से देश की मुक्ति और देशवासियों के आत्मसम्मान की रक्षा के साथ ही उनके पुनरुत्थान हेतु उन्होंने सत्याग्रह का अति सभ्य और मानवीय मार्ग चुना। सत्याग्रह दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व घटना थी। दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह के अचूक संधान और सफलता ने सारे […]

माता आनन्दमयी और महात्मा गांधी उस दिन हम सब माताजी के साथ बापूजी से मिलने सेवाग्राम के लिए चले। बापूजी पहली ही बार माताजी से मिल रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर स्वराज हासिल करने की अपनी तीव्रता में मग्न गांधीजी, […]

आयुष चतुर्वेदी अभी अभी 18 वर्ष के हुए हैं. दो वर्ष पहले, जब वे केवल 16 वर्ष के थे, तब सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे अपने स्कूल के एक कार्यक्रम में गांधी जी पर बोलते दिखाई दिए थे. वीडियो में कही गयी आयुष की […]

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