परमहंस योगानंद और महात्मा गांधी के बीच अकसर इस बात पर चर्चा होती थी कि सत्य और अहिंसा जैसे आध्यात्मिक आदर्शों को लोगों के व्यावहारिक जीवन में कैसे उतारा जाय। भारत के इन दो संतों ने दुनिया में हर जगह एक दूसरे के प्रति हमेशा सम्मान प्रकट किया। 1925 में […]
Year: 2022
गांधी की जितनी आलोचना करनी हो, कीजिए पर यह बात कान खोलकर सुन और समझ लीजिये, गाली नही देने देंगे अब हम आपको। शरीर को मार डाला आपने, आत्मा छेदने की इजाजत नहीं होगी। देश किसी की आलोचना पर सहिष्णु हो सकता है, हत्या पर नहीं। हर गोडसे को सलाखों […]
गांधी नोआखली से दिल्ली तक आग बुझाने में लगे थे और उनके हत्यारे उनकी हत्या का षड्यन्त्र रचने में। 20 जनवरी को गांधी जी का आख़िरी दिन तय किया था हत्यारों ने। गोपाल को वे इस योजना में शामिल नहीं करना चाहते थे। वे उससे केवल वह रिवाल्वर लेना चाहते […]
द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फकीर सावरकर का नाम, गांधी जी की हत्या के साजिशकर्ताओं मे शामिल था, पर वह अदालत में साबित नहीं हो सका। सावरकर उस समय तो अदालत से छूट गए, पर बाद में जब उनकी संलिप्तता के अनेक सबूत मिलने लगे, तो जस्टिस कपूर की […]
जिन लोगों ने समकालीन भारतीय इतिहास को बनाने में रंचमात्र योगदान नहीं दिया, उनमें इतिहास को फिर से लिखने और स्थापित तथ्यों के साथ काल्पनिक प्रसंग जोड़कर इतिहास को अपने पक्ष में मोड़ने की प्रवृत्ति तीव्र होती जा रही है। उन्होंने बापू को लगी तीन गोलियों के बाद अब चौथी […]
गांधी की हत्या आज भी जारी है, क्योंकि वे सर्वधर्म समभाव को खत्म करना चाहते हैं (मुस्लिम विरोध), आरक्षण खत्म करना चाहते हैं (दलित व पिछड़ा वर्ग का विरोध) एवं वैश्विक पूंजीवादी नव साम्राज्यवाद (यानी कारपोरेटी उपनिवेशवाद) का समर्थन करना चाहते हैं। और, यह तभी संभव है, जब गांधी विचार […]
शंकरगढ़ में टंडन वन क्षेत्र के 13 गांवों के 40 किसानों पर एफआईआर दर्ज करा दिया गया था। वन विभाग का आरोप था कि ये आदिवासी वन विभाग की जमीन पर खेती कर रहे हैं। इस बात को लेकर आदिवासी किसान तमाम अधिकारियों से मिलते रहे और मांग करते रहे […]
उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि की शुक्रवारीय गोष्ठी उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि की शुक्रवारीय गोष्ठी 7 जनवरी को वर्चुअल रूप से आयोजित की गई, जिसका विषय था-“महात्मा गांधी; भारतीय सनातनता के अद्भुत व विश्वविश्रुत व्याख्याता एवं मार्गदर्शक” स्वाध्यायियों ने विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय-जीवन पद्धति […]
1990 से 2017 तक सेवाग्राम आश्रम में 27 साल अपनी समर्पित सेवा देने वाले हीरा भाई नहीं रहे. 7 जनवरी 2021 को तुमसर, जिला भंडारा, महाराष्ट्र में उनका देहावसान हो गया. गांधी जी और विनोबा के जीवन से प्रभावित होकर उन्होंने युवावस्था में ही घर छोड़कर आश्रम का जीवन चुना. […]