दो अक्टूबर को देशभर में याद किये गये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमन्त्री लालबहादुर शास्त्री विगत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी देश के विभिन्न हिस्सों में देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153 वीं जयंती मनायी गयी. जय जवान जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमन्त्री लालबहादुर […]

सर्व सेवा संघ कार्यकारिणी की बैठक हावड़ा के बागनान में सर्व सेवा संघ (अ. भा. सर्वोदय मंडल), सेवाग्राम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 15-16 अक्टूबर 2022 को सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल की अध्यक्षता एवं महिला समिति के प्रमुख गोपाल घोष के प्रेरक आतिथ्य में सम्पन्न हुई। सर्व […]

ईरान की औरतों ने कट्टरवाद और पितृसत्तात्मक ताकतों के सामने लोकतांत्रिक जंग का ऐलान किया है. हमारे देश के नागरिक इस संघर्ष से प्रेरणा लेकर धर्म की कृत्रिम दीवारों को तोड़ने के लिए साथ खड़े हो सकते हैं. आखिरी सवाल हमारी स्वतंत्रता का होना चाहिए, खासकर तब जब सवाल लडकियों […]

रूस-यूक्रेन युद्ध हमारे युग की सबसे बड़ी क्रांति कार्यप्रणाली की क्रांति है, एक ऐसे तरीके द्वारा अन्याय का प्रतिकार, जिसकी प्रकृति न्यायसम्मत हो। यहां सवाल न्याय के स्वरूप का उतना नहीं है, जितना उसे प्राप्त करने के उपाय का। वैधानिक और व्यवस्थित प्रक्रियाएं अक्सर काफी नहीं होतीं, तब हथियारों का […]

5 ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था के शोर में भारतीय अर्थव्यवस्था की टूट चुकी कमर से उपजे दर्द का आर्तनाद छुपाया जा रहा है. देश का दुर्भाग्य है कि मालिक मतदाता की आँखों पर पट्टी डालकर टीवी चैनलों के जरिये रोजाना उसे सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं और रोजमर्रा की जिन्दगी की […]

जिस समाज में शांति है, उस समाज से बढ़िया कोई समाज नहीं हो सकता। यहां के पंडित, कभी मुस्लिम बच्चों को कुरान पढ़ाया करते थे, क्योंकि पंडित पढ़ने-पढ़ाने का काम ही करते थे. कोई भी शादी हो, बिना पंडित के पूरी नहीं हो सकती थी। हजारों घरों वाले इस गांव […]

अमेरिका में सक्रिय है गांधी ग्लोबल फेमिली अमेरिकी मानते हैं कि महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर का यह रास्ता ही सभी वैश्विक समस्याओं को हल करने का रास्ता है. यह मेरी चौथी अमेरिका यात्रा थी. अपनी इन यात्राओं में मैंने देखा है कि सम्पन्न अमेरिकी भारतीय स्वयं को […]

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की कैद में निगरानी करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी का बयान एक साक्षात्कार में चंडीगढ़ के तत्कालीन जिलाधिकारी एमजी देवसहायम, जो कैद में जेपी की निगरानी कर रहे थे, उनके साथ गुजरे अपने समय को याद करते हैं। उनका कहना है कि आरएसएस ने न केवल आपातकाल […]

एक तो यही गलत है कि जेपी ने संघ के किसी समारोह में ऐसा कुछ कहा था. वे 1974 में जनसंघ के आमंत्रण पर उसके सम्मेलन में दिल्ली गये थे. वहां मौजूद जेपी के निकट सहयोगी (वर्तमान में गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष) कुमार प्रशांत के अनुसार जेपी ने कहा […]

जेपी आंदोलन की ऐतिहासिकता और आज के सन्दर्भ में उसका समाजशास्त्रीय अध्ययन आज तक नहीं हुआ है। संघर्ष वाहिनी एवं समाजवादियों की यह कमी रही है कि वे इसके लिए मेहनत करने को तैयार नहीं रहते। अब तो लिखने पढ़ने की परम्परा भी समाप्त हो रही है। ऐसे में वैचारिक […]

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