बापू की कलम से काशी दर्शन काशी यात्रा पर मैंने एक व्याख्यान सुना था, तभी से मेरा काशी जाने का मन था, पर प्रत्यक्ष देखने पर जो निराशा हुई, वह धारणा से अधिक थी। सुबह मैं काशी उतरा। मैं किसी पण्डे के यहां उतरना चाहता था। कई ब्राह्मणों ने मुझे […]

गांधीजी की तीन सिखावनें गांधीजी ने जब कहा कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है, तब उन्होंने हमें यही समझाने की कोशिश की कि हम सबका जीवन ही हमारा वास्तविक संदेश होता है। हम मुँह से कुछ भी कहते रहें, बड़ी-बड़ी बातों से भरे लेख लिखते रहें, लेक्चर और भाषण […]

महात्मा गांधी अपनी आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ में लिखते हैं कि तीन पौण्ड का एक नासूर था, जबतक यह रद्द न हो जाय, चित्त को शान्ति नहीं मिल सकती। यह नासूर कौन-सा था, जो उनको पीड़ा दे रहा था? दक्षिण अफ्रीका में वकालत करते हुए अभी कुछ ही समय गुजरा […]

जल और जाति का गठजोड़ आज़ादी के 75 साल बाद भी अनसुलझा है और यह सरकार की नीतियों की एक महत्वपूर्ण खामी है। सरकार को दलितों तक पानी की सुरक्षित पहुंच बनाने के लिए अलग प्रावधानों की पेशकश करनी चाहिए। इन प्रावधानों के बिना कोई भी नीति दलितों से अछूती […]

राजनीतिक दलों को धन दान करने का यह एक गुमनाम तरीका है। इसमें दाता की पहचान का खुलासा नहीं किया जाता है। राजनीतिक दलों को कथित रूप से वैध धन प्रदान करने के लिए ये बांड चुनावों के समय के आसपास उपलब्ध हो जाते हैं। आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर […]

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी के बिजनेस साम्राज्य को बहुत तगड़ा झटका लगा है। यह झटका इतना तगड़ा है कि जो अडानी 22 जनवरी 2023 तक दुनिया के तीसरे सबसे बड़े धनाढ्य आदमी थे, वे यह लेख लिखे जाने तक दुनिया के टॉप-20 धनाढ्यों की सूची से बाहर […]

विकासशील देशों को समुचित अनुकूलन प्रणाली विकसित कर जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी कृषि की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने की नीतियां एवं योजनाएं बनानी प्रांरभ कर देनी चाहिए। मुक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं बाजार के विस्तार के कारण महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक कृषि संसाधनों; जल, भूमि, मृदा, वन एवं जैव विविधता का […]

अगर गांधीवाद किसी गलत बात के लिए खड़ा है तो इसे ख़त्म कर दें। सत्य और अहिंसा कभी नष्ट नहीं होंगे; लेकिन अगर गांधीवाद संप्रदायवाद का दूसरा नाम है, तो यह ख़त्म होने लायक है। मेरी मौत के बाद अगर मुझे पता चला कि मैं जिसके लिए खड़ा था, वह […]