सर्व सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने निर्णय लिया है कि वर्ष 2021 के लिए सर्व सेवा संघ का गांधी पुरस्कार असम की वरिष्ठ सर्वोदय कार्यकर्ता कुसुम बोरा मोकाशी को प्रदान किया जाएगा। इस निर्णय की घोषणा 22 जनवरी 2022 को सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चन्दन पाल ने महोबा में की।
उल्लेखनीय है कि कुसुम बोरा मोकाशी का जन्म लखीमपुर, असम के पदमपुर गांव में 1944 में हुआ था। असम के विभिन्न क्षेत्रों में वे 1961 से ही महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से जुटी हुई हैं। वे कस्तूरबा गांधी नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट से भी जुड़ी रही हैं। 1973 में उन्होंने विनोबा के मार्गदर्शन में असम के हर विकासखंड में स्त्री शक्ति जागरण सप्ताह का संचालन किया। 1974 में असम के चाय बागान में काम करने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए काम किया। यह कस्तूरबा गांधी नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट का आयोजन था। 1986 में उन्होंने नेचुरल हेल्थ कैम्प की ओर से जन-स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया। 1987 में गोवंश संरक्षण के लिए वर्धा से दिल्ली पदयात्रा में भी शामिल रहीं। 2002 में उन्होंने ग्राम स्वावलम्बन सद्भावना यात्रा में भी भाग लिया।
संत विनोबा की जन्मशती पर उन्होंने 18 जिलों में एकता यात्रा भी निकाली और युवाओं के बीच विनोबा के संदेशों का प्रचार किया। लखीमपुर, असम के नेचुरल हेल्थ कैम्प से जुड़कर वे लम्बे समय से लोक स्वास्थ्य के लिए भी सघन रूप से कार्यरत हैं। वे देश भर में अनेक संस्थाओं के साथ जुड़कर अभी भी सामाजिक सेवा कर रही हैं। हिंसा के खिलाफ अहिंसा की स्थापना के लिए असम के अशांत क्षेत्रों में उन्होंने अभियान चलाया। असम के अलग-अलग हिस्सों में स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सरकार के साथ मिलकर वे समय-समय पर बैठकों एवं सेमिनारों आदि का आयोजन करती रही हैं। वे असम सर्वोदय मंडल, गो-सेवा समिति, गांधी स्मारक निधि की सदस्य तथा सर्वोदय ट्रस्ट की ट्रस्टी भी हैं।
इस पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा करते हुए सर्व सेवा संघ कार्यसमिति ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की है। सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने पुरस्कार के लिए चुने जाने पर कुसुम बोरा मोकाशी को बधाई दी है। -सर्वोदय जगत डेस्क