भूदान यज्ञ विश्व में अभूतपूर्व शांति और समानता का यज्ञ है। यह युग-युगांतर और कल्प-कल्पांतर की अनंत तपस्या तथा साधना का अमृत फल है। यह यज्ञ विश्व की विषमता का आहुति यज्ञ है। यह राजनीति की धर्म नीति है। यह क्रांति, सृष्टि की अभिनव देन है। यह विश्व गरिमा का हिमालय शिखर है।
विनोबा के समान विश्व में कोई दूसरा संत पैदा नहीं हुआ, क्योंकि विनोबा ने जो अतुलनीय एवं अदभुत कार्य किया है, उसे आज तक कोई महापुरुष नहीं कर सका। लोगों ने अभी तक अन्न, वस्त्र, ग्रामदान और गजदान सुना था, परंतु इस युग में भी पृथ्वी दान में दी जा सकती है, ऐसी किसी ने परिकल्पना नहीं की थी। इसे भूदान के माध्यम से विनोबा ने सच करके दिखाया और करोड़ों भूमिहीनों को भूमि देकर वर्ग संघर्ष को रोका तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान किया।
उक्त विचार ददरौल, शाहजहांपुर क्षेत्र के विधायक मानवेंद्र सिंह ने विनोबा सेवा आश्रम, बरतारा में विनोबा की 128 वीं जयंती पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि पद से व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि वे वर्ष 1976 से इस आश्रम से जुड़े हैं। क्षेत्र के गरीबों की सेवा का जो अदभुत कार्य इस आश्रम ने किया है वह स्तुत्य है। समाज के गरीब तबके में खुशहाली लाने के लिए विनोबा के आवाहन को पूरा करने के लिए विनोबा सेवा आश्रम ने हजारों हाथों को काम दिया। विनोबा जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेकर इस आश्रम द्वारा किये जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं। विशिष्ट अतिथि, पूर्व मंत्री अकोश कुमार वर्मा ने कहा कि विनोबा के विचारों और सिद्धांतों को समाज में अधिकाधिक प्रचारित करने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि अम्बरीश कुमार सक्सेना ने कहा कि जब जब मानवता विनाश की ओर बढ़ती है, तब तब महापुरुष जन्म लेते हैं। समय समय पर ऐसे अनेक महापुरुषों ने अपने क्रांत चिन्तन के द्वारा समाज का समुचित पथ प्रदर्शन किया। महापुरुषों की इसी श्रृंखला का एक गौरवपूर्ण नाम है- आचार्य विनोबा भावे। वे हमारे लिए प्रकाश स्तम्भ हैं।
डॉ अशोक अग्रवाल ने कहा कि विनोबा जी के सत्य और अकाट्य तर्क जनता के हृदय पर रामबाण के समान काम करते हैं। वे कहते हैं कि यदि किसी भूमिधर के 5 पुत्र हैं, तो वह मुझको अपना छठां पुत्र मान ले और जिस प्रकार वह अपने पांच पुत्रों को जमीन बांटता है, उसी प्रकार मुझे भी उनके साथ छठां हिस्सा दे दे। इस प्रकार 5 करोड़ एकड़ भूमि दान के रूप में प्राप्त हो जाये, तो भारत के करोड़ों भूमिहीन कृषकों की जीविका का साधन बन जायेगी तथा उनकी कृषि उत्पादन शक्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। मेडिकल कॉलेज की उपाध्यक्ष डॉ किरण अग्रवाल ने कहा कि विनोबा जी पूंजी के मूल्य पर आधारित अर्थव्यवस्था को बदलना चाहते थे। जिनके पास भूमि नहीं है, उनसे धन मांगते हैं, जिनके पास न धन है और न भूमि है, उनसे बुद्धिदान की याचना करते हैं। जिनके पास धन, भूमि और बुद्धि में से कुछ भी नहीं है, उनसे शारीरिक श्रम की याचना करते हैं।
स्वागत संबोधन करते हुए विनोबा सेवा आश्रम के संस्थापक रमेश भइया ने कहा कि विनोबा भावे करुणाशील थे, उनकी करुणा एवं संवेदना से पूरी मानवता आप्लावित थी। नेतृत्व वही सफल होता है, जो सबको साथ लेकर, सबका अपना होकर चले। उनका कद ऊंचा इसलिए था, क्योंकि उन्होंने अपना वात्सल्य, प्रेम, विश्वास और सौहार्द सबमें बांटा, अपनी उपलब्धियों में सबको सहभागी माना। आश्रम की संरक्षक विमला बहन ने कहा कि अपने साथियों एवं कार्यकर्ताओं का दर्द बांटना हमारी सर्वोपरि प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य की सेवा का कार्य करना पुनीत काम है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार ओंकार मनीषी ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक संस्कृति में त्याग और बलिदान तथा दया और दान का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। भूदान आंदोलन सर्वथा उसके अनुकूल है। सत्य और शांति के आधार पर ही भारत ने अपनी खोई हुई स्वतंत्रता प्राप्त की थी, भूदान आंदोलन इस दिशा में उसका सर्वश्रेष्ठ और सर्वप्रथम पदन्यास है। देने वाले और लेने वाले दोनों ही प्रेम, मैत्री, सहयोग और सहानुभूति की पवित्र भावनाओं से भर जाते हैं। मनुष्य में महानता के शुभ संस्कारों का उदय होता है। परोपकार के नाम पर भूमि दान का यह महायज्ञ, इतिहास की एक महत्त्वूर्ण घटना है। विश्व के किसी भाग में इतने विशाल स्तर पर भूमि का बंटवारा स्वेच्छा से नहीं हुआ, जहां कहीं भी हुआ, रक्तपात और भीषण जन-क्रांति से ही हुआ। भूदान यज्ञ विश्व में अभूतपूर्व शांति और समानता का यज्ञ है। यह युग-युगांतर और कल्प-कल्पांतर की अनंत तपस्या तथा साधना का अमृत फल है। यह यज्ञ विश्व की विषमता का आहुति यज्ञ है। यह राजनीति की धर्म नीति है। यह क्रांति, सृष्टि की अभिनव देन है। यह विश्व गरिमा का हिमालय शिखर है। उन्होंने कहा कि विनोबा जी चाहते थे कि प्रत्येक व्यक्ति को जीने का आधार जमीन मिले, इसलिए बाबा ने 45 लाख एकड़ जमीन आज के युग में भी दान में प्राप्त की।
इसके पहले वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज के सौजन्य से लगाये गये वृहद स्वास्थ्य मेले का शुभारंभ विधायक मानवेन्द्र सिंह ने फीता काटकर किया, जिसमें 1587 मरीजों का पंजीकरण हुआ। सभी को मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी। विनोबा सेवा आश्रम परिसर में स्थापित विनोबा की प्रतिमा पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत शॉल, खादी, अंगवस्त्र तथा विनोबा का चित्र प्रतीक चिन्ह के रूप में देकर किया गया। कार्यक्रम का संचालन निरसन कुमार ने किया।
– रमेश भइया