अस्पृश्यता के खिलाफ कार्यक्रम तैयार करने की जरूरत- चन्दन पाल

सर्व सेवा संघ अध्यक्ष के हाथों पश्चिम बंगाल में गांधी प्रतिमा का उद्घाटन

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की एक अर्ध-प्रतिमा का उद्घाटन सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने 24 सितंबर को पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल के श्रम विद्यापीठ, बेल्दा परिसर में, दीप प्रज्ज्वलित करके किया। वे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। श्रम विद्यापीठ की स्थापना स्वर्गीय बिमल चंद्र पाल ने वर्ष 1956 में धीरेन मजूमदार से प्रेरित होकर की थी। आचार्य विनोबा ने भूदान आंदोलन के दौरान इस क्षेत्र का दो बार दौरा किया था।


प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में नारायण भाई, बिस्वजीत घोरई, डॉ अंशुमान मिश्रा, प्रो तुहिन सामंत, असित घोरई और अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के कई छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने भी भाग लिया। प्रतिमा का उद्घाटन करते हुए चंदन पाल ने कहा कि 24 सितंबर का दिन उल्लेखनीय दिन है। आज ही के दिन 90 साल पहले प्रसिद्ध पूना समझौता हुआ था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ बीआर अंबेडकर ने तमाम मतभेदों के बावजूद समाज से अस्पृश्यता को खत्म करने के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया था। अब समय आ गया है कि दोनों नेताओं के अनुयायी एक-दूसरे से सम्मानपूर्वक दोस्ती करें, एक-दूसरे का सहयोग करें और दलितों की बेहतरी के उपाय ढूंढ़ें। अम्बेडकरवादियों और गांधीवादियों को अस्पृश्यता के खिलाफ कार्यक्रम तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम वास्तव में महात्मा गांधी के आदर्शों का पालन करना चाहते हैं, तो हमें धार्मिक संकीर्णता, कट्टर राष्ट्रवाद और संकीर्ण देशभक्ति के खिलाफ लड़ना होगा।

इस अवसर पर गांधी के जीवन दर्शन पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 6 उच्च और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। सहभागी स्कूलों और प्रतिभागियों को पुस्तकों और स्मृति चिन्हों से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नारायण भाई को रचनात्मक कार्यों में उनके योगदान के लिए उत्तरीय और प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया। इस सम्मान के लिए उनके नाम की घोषणा सूरत में सर्व सेवा संघ के 89 वें अधिवेशन के दौरान की गई थी।

– सर्वोदय जगत डेस्क

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