तेलंगाना में भूदान भूमि घोटाला और सर्वोदय मंडल का हस्तक्षेप तेलंगाना के आदिपाटला और इब्राहीमपटनम जैसे गांवों का भ्रमण करने के दौरान भूमिहीन किसानों एवं मजदूरों के साथ बातचीत से यह ज्ञात हुआ कि भूदान की जमीनों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं है। ग्यारह, बारह एवं तेरह जनवरी को […]

सेवाग्राम में राष्ट्रीय युवा शिविर सेवाग्राम के यात्री निवास में देश के 16 राज्यों से 160 युवा इकट्ठा हुए। सर्व सेवा संघ के युवा सेल द्वारा 20 से 24 सितंबर 2021 तक आयोजित इस तालीम-शिविर में शामिल सहभागियों ने गांधी के रास्ते पर चलते हुए देश और दुनिया की समस्याओं […]

सन बयालीस के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बलिया के स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी क़ुर्बानियों ने इतिहास के पन्नों पर बलिया का नाम हमेशा के लिए अंकित कर दिया। भारत छोड़ो आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले चित्तू पांडे, महानंद मिश्र और विश्वनाथ चौबे जैसे बलिया के सेनानी महाओत्मा गांधी […]

साठ के दशक की बात है। रूस-अमेरिका शीत युद्ध चरम पर था और दोनों महाशक्तियां एटमी हथियारों की अंधाधुंध दौड़ में शामिल थीं। निकट भविष्य में ही क्यूबा संकट के कारण दुनिया एकदम से महाविनाश के कगार पर पहुंच जाने वाली थी।ऐसे में दो सर्वोदयी मित्रों- सतीश कुमार और प्रभाकर […]

दुनिया के लोगों के मन आज भय से व्याकुल हैं। दुनिया भर की राज काज की व्यवस्थाओं, समाजों और मनुष्यों के मन में जो चिन्ता और भय अपने जीवन की सुरक्षा और जनजीवन की गतिशीलता के बारे व्याप्त हो गया है, उससे आज की दुनिया कैसे उबरे? यह वह सवाल […]

राष्ट्रपिता महत्मा गांधी बीसवीं शताब्दी के एक मात्र ऐसे नेता हैं, जिनकी तुलना उनके काल के सभी बड़े नेताओं के साथ करने का प्रयत्न उन नेताओं के अनुयायी करते हुए दिखते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं क्योंकि भारत के अलग-अलग महापुरुषों की तुलना गांधी जी से किए बिना उनकी […]

महात्मा गांधी 15 अप्रैल 1917 को चंपारण आए थे। सात दिन बाद ही जिले के कलक्टर ने अपने उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखी। उसमें यह उल्लेख सबसे पहले आता है कि आज गांधी की चर्चा जिले में हर किसी की जुबान पर है। गांधी ने चम्पारण के एक सक्रिय किसान राजकुमार […]

भारत की आजादी के पहले ही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने मोहनदास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता की संज्ञा दे दी थी। इसका आधार महात्मा गांधी का ‘सत्य और मानवता के प्रति प्रेम’ ही था। दिल्ली में यमुना नदी के तट पर जहां गांधी की अंत्येष्टि की गई, वह स्थान राजघाट […]

पद्मविभूषण स्व. ईश्वर भाई पटेल एक ऐसी दिव्य विभूति थे, जिन्होंने अपने जीवन एवं दर्शन से समूचे रचना जगत को प्रेरणा दी। गांधी-विनोबा के अनन्य भक्त व सेवक तथा निर्मला देशपांडे के एक सहयोगी तथा साथी के रूप में पूरे देश भर में उनकी ख्याति रही। बापू के प्रिय कार्य […]

लेखक के रूप में नेहरू की विचार सम्पदा अत्यन्त मूल्यवान् है। व्यस्त जीवन में इतना अध्ययन और प्रभूत लेखन विस्मयकारी है। आत्मकथा, भारत की खोज, तथा विश्व इतिहास की झलक जैसी श्रेष्ठ कृतियों के अतिरिक्त उन्होंने स्फुट लेखों के रूप में विपुल साहित्य की रचना की है। शिक्षा, साहित्य, भाषा, […]

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