जेपी आंदोलन का आफ्टर इफेक्ट जो काम अंग्रेज 190 साल के शासन के दौरान नहीं कर पाये, वह जेपी से वीपी सिंह तक के दस-पंद्रह सालों के दौरान हो गया। सन 1974 के जेपी आंदोलन का प्रभाव राजनैतिक था, यह सच का एक पहलू है। उस समय के राजनैतिक दलों […]

तेल का खेल भारतीय कॉर्पोरेट्स की कई आयल रिफाइनरीज़ बांग्लादेश में हैं। भारत सरकार द्वारा मलेशिया से पाम ऑयल निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद इन लोगों ने इस पाम आॅयल का आयात इन्हीं बंगलादेशी रिफ़ाइनरीज़ के नाम करा लिया। खेल तो बस कागज पर ही होना था! मलेशिया ने […]

गांधी का भारत बहुस्तरीय हिंसा का अखाड़ा बना हुआ है। लोहिया ने लिखा था कि बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध ने दो नए अविष्कारों को जन्म दिया, परमाणु बम और महात्मा गांधी और सदी का उत्तरार्ध इन दोनों के बीच चुनाव करने के लिए संघर्ष करेगा और कष्ट सहेगा। आज इक्कीसवीं […]

ज़रूरत है कि लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट, सरकारों की बदनीयती, प्रतिशोध और दुश्चक्र को पहचान कर नागरिकों की रक्षा करें। हमें यह याद रखना चाहिए कि समाज की एकता और अखंडता के लिए न्याय एक अनिवार्य तत्व है, जिस राज्य और समाज में न्याय नहीं होगा, देर-सबेर उसका विखंडन निश्चित […]

अभिव्यक्ति की आजादी पर संकट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र की पहली सीढ़ी है। यदि इस सीढ़ी को ही ढहा दिया जाए तो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की मंजिल का सफर दुरूह हो जाएगा। पिछले कुछ वर्षों से इस देश में बोलने की आजादी को प्रशासनिक महकमों और सत्ता संस्थानों द्वारा […]

चार महीने (28 अप्रैल-3 सितंबर 2022) तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में पहले और दूसरे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान का भूमिगत साहित्य प्रदर्शित किया गया है. पहला स्वतन्त्रता संग्राम, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लड़ा गया और दूसरा स्वतन्त्रता संग्राम, जो संपूर्ण क्रांति आंदोलन द्वारा कांग्रेस सरकार […]

फिलाडेल्फिया में डॉ एनथोनी मानतेरियो ने की गांधी-किंग विचार संगोष्ठी की अध्यक्षता भारत की स्वतंत्रता की हीरक जयंती के अवसर पर अमेरिका के शहर फिलाडेल्फिया में आयोजित महात्मा गांधी-मार्टिन लूथर किंग जूनियर विचार संगोष्ठी, प्रसिद्ध समाजशास्त्री एवं सामाजिक, राजनीतिक चिन्तक डॉ एनथोनी मानतेरियो की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. यह कार्यक्रम […]

हिसार में आयोजित दादा गणेशी लाल पुण्यतिथि पर हुआ व्याख्यान हम प्रकृति से, समाज से और देश से बदला लेने में इतना व्यस्त हो गये देश में बदलाव लाने की अपनी जिम्मेदारी ही भूल गये। यह कहना है गांधीवादी चिंतक रमेश शर्मा का, जिन्हें सर्वोदय भवन, हिसार में आयोजित दादा […]

उत्तराखंड का जनमानस अपने परम्परागत सद्भाव और भाईचारे की मिसाल खुद है। उत्तराखंड में सम्पन्न हुई 40 दिन की राष्ट्रीय सद्भावना यात्रा में यह तथ्य बार बार देखने को मिला। सभी शांति चाहते हैं और अहिंसा पर टिके रहना उनका स्वभाविक गुण है। यह यात्रा सद्भावना के प्रसार के अपने […]

जल-जंगल-ज़मीन की कोर्पोरेट लूट, दमन और विस्थापन के खिलाफ एक आयोजन 28 जून को रायपुर में भूमि अधिकार आंदोलन एवं छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के बैनर तले जल-जंगल-ज़मीन की कॉर्पोरेट लूट, दमन और विस्थापन के खिलाफ जनसंघर्षों का एक दिवसीय राज्य सम्मेलन संपन्न हुआ। सम्मेलन में आए वक्ताओं ने देश में […]

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