हरियाली और जल स्रोतों से भरा आनंद कानन (बनारस का एक पुराना लाक्षणिक नाम) आज शुष्क है और उसका पानी उतर चुका है। इसकी हवा में प्रदूषण की मात्रा भी अभूतपूर्व है। कंक्रीट के इस महाजंगल से निकलकर जिसकी हवा प्रदूषित और फ़िज़ा इतनी बे-लुत्फ़ है, बनारस का आदमी आखिर […]
गोरक्षा जैसा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रश्न राजनीति के भंवर में घिर गया है। आज स्थिति यह है कि गोरक्षा का प्रश्न हाशिये पर चल गया है। पूरी कृषि संस्कृति बाजार के हवाले हो गयी है। सरकार की नीतियों, बाजार की ताकत और सामाजिक उपेक्षा ने संपूर्ण गोवंश को कृषि से […]
स्वातंत्र्योत्तर भारत की मजबूती गांव, कृषि और कुटीर उद्योगों को सुदृढ़ करने से ही हो सकती थी और आज भी हो सकती है। गाय और बैल इस सबके केन्द्र में थे। गाय के दूध, दही और घी से पोषण, बैलों से अत्याचार रहित जुताई और ढुलाई, उनके गोबर से गैस, […]
मैं खुद गाय को पूजता हूं, यानी मान देता हूं। गाय तो हिन्दुस्तान की रक्षा करने वाली है, क्योंकि उसकी संतान पर हिन्दुस्तान का, जो खेती-प्रधान देश है, आधार है। गाय कई तरह से उपयोगी जानवर है। वह उपयोगी जानवर है, यह तो मुसलमान भाई भी कबूल करेंगे, लेकिन जैसे […]
इस बात पर गहन मंथन होना चाहिए कि दूध न देने वाली गायों का लोगों के घरों में पालन- पोषण कैसे हो। हम खेती, सिंचाई, कटाई और मड़ाई किस तरह करें कि उसमें बैलों का उपयोग हो और अनाज के साथ भूसा भी घर पहुंचे। हर गांव और क़स्बे में […]
सर्व सेवा संघ की तेलंगाना सरकार को चेतावनी भूदान की कुछ जमीन गरीबों में बांट दी गयी और तत्कालीन सरकारों की उदासीनता के कारण हजारों एकड़ जमीन पर अवैध रूप से रियल एस्टेट माफिया ने कब्जा कर लिया। आखिर राज्य सरकार भूदान भूमि की रक्षा करने, गरीबों को वितरित करने […]
12 अप्रैल को सर्व सेवा संघ की कार्यसमिति और 13 अप्रैल को अधिवेशन प्रिय साथी, 48 वें अखिल भारतीय सर्वोदय समाज सम्मेलन का आमंत्रण भेजते हुए हम आत्मीय आनंद और गौरव का अनुभव कर रहे हैं। दारुण कोरोना काल की भीषण त्रासदी के 2 साल बाद यह पहला अवसर […]
सर्वोदय जगत पत्रिका की पाठक मैं दशकों से रही हूं। पिछले कुछ समय से इस पत्रिका के रूप-स्वरूप तथा सामग्री में जो अंतर आपके मार्गदर्शन में आया है, उसकी प्रशंसा किये बिना नहीं रहा जा सकता। जिस तरह इसकी सामग्री अधिक प्रभावशाली, रोचक, सामयिक और समाज को अपील करने वाली […]
नगर थाना, मोतीहारी से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित चरखा पार्क में स्थापित महात्मा गाँधी की प्रतिमा 12 फरवरी की रात तोड़ दी गयी. अगले दिन सुबह खबर फैलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी आनन फानन में मौके पर पहुंचे. डीएम एसके अशोक ने प्रतिमा तोड़ने वालों को […]
17 फरवरी 2022 को केरल में आयोजित प्रमुख गांधीवादी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में भारत में जीवन के सभी क्षेत्रों, यहां तक कि शासन के दायरे में भी, गांधीवादी मूल्यों को मिटाने के लिए काम कर रही फासीवादी ताकतों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की गयी। बिहार के चंपारण […]