सर्वोदय परिवार की जानी मानी लेखिका डॉ. सुजाता चौधरी, जिनका ब्रह्मविद्या मंदिर से भी अद्भुत नाता है, विनोबा विचार प्रवाह परिवार से भी पूरे मनोयोग से जुड़ी हैं। वृंदावन मथुरा में तो बहनों के कल्याणार्थ वे बहुत अद्भुत काम रासबिहारी मिशन के माध्यम से चला रही हैं। आज उनके मनोभाव। […]

विनोबा विचार प्रवाह ब्रह्मविद्या मंदिर तीर्थ के मुख्य द्वार से आश्रम की तरफ सीधे देखने पर पहले गौतम भाई का गरुण बजाज थ्री व्हीलर खड़ा है, जिसका उपयोग वे खुद या इमरजेंसी में प्रदीप भाई भी कर लेते हैं। उसके बाद का कमरा देखने में बहुत छोटा है लेकिन उसका […]

चम्पारण प्रवास के दौरान गांधी जी को वहां की जनता का को जो प्यार, श्रद्धा एवं सम्मान प्राप्त हुआ, वह वहां की भाषा भोजपुरी में आज भी विद्यमान है। अब न अंग्रेज़ हैं, न शोषक जमींदारी प्रथा, न नील की खेती, न डरे, दबे कुचले लोग, पर भोजपुरी के वे कर्णप्रिय गीत और धुनें ज़रूर आज भी गांधी की कीर्तिगाथा को दुहरा रही हैं। चंपारण का क्षेत्र भोजपुरी भाषी क्षेत्र है, जो अंगिका और वज्जिका के क्षेत्रों से मिला हुआ है। इन बोलियों में 1857 के बिहार के महानायकों मंगल पांडेय और वीर कुँवर सिंह की वीरता के बखान का समृद्ध इतिहास है। चंपारण सत्याग्रह ही नहीं, उसके बाद होने वाले असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भगत सिंह की कीर्तिगाथा, नेताजी सुभाष का बेहद ओजस्वी अभियान आदि महत्वपूर्ण घटनाओं पर भी भोजपुरी सहित अन्य बोलियों में बहुत से गीत रचे गए हैं।

मैं साइमन न्याय के कटघरे में खड़ा हूंप्रकृति और मनुष्य मेरी गवाही देंमें वहां से बोल रहा हूं, जहांमोहनजोदड़ो के तालाब की आखिरी सीढ़ी है जिस पर एक औरत की जली हुई लाश पड़ी हैऔर तालाब में इंसानों की हड्डियां बिखरी पड़ी हैं इसी तरह सेएक औरत की जली हुई […]

राजस्‍थान के अलवर में स्‍थापित तरुण भारत संघ आश्रम में पर्यावरणविद एवं गांधी विचारक स्व. अनुपम मिश्र और गांधी विचार से अनुप्रेरित स्व. सिद्धराज ढ़ड्ढा की स्मृति में 5 सितंबर को ‘अनुपम बाग’ और ‘सिद्धराज ढड़्ढा बाग’ का लोकार्पण अनुपम मिश्र की पत्नी सामजिक कार्यकर्त्‍ता सुश्री मंजूश्री मिश्र, ख्‍यात जल […]

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