आमरण अनशन के ग्यारहवें दिन अर्थात 20 फरवरी आते–आते तो गांधी की मृत्यु आसन्न प्रतीत होने लगी थी। उसके अगले दिन संकट की परिस्थिति निर्मित हो गई थी। तब सरकार के द्वारा नियुक्त तथा गैर–सरकारी कुल छह डॉक्टरों की टीम ने एक विज्ञप्ति जारी कर जनता को सूचित किया कि […]
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सन्दर्भ : गोविन्द गुरु का क्षेत्र आदिवासी अंचलों में गांधी दर्शन का प्रभाव गहरा रहा है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यो को चलाकर उनके अनुयायियों ने अनेक आदिवासी क्षेत्रों में गाँधी दर्शन को स्थापित किया। ये अनुयायी सभी वर्ग, समाज व धर्म के थे, उनके प्रयासों के कारण ही […]
आज जानकारी उपनिवेश और साम्राज्य की गति से भी अधिक तेजी से दौड़ती है। इस सूचना क्रांति के बारे में कहा जाता है कि इसने साधारण लोगों का सशक्तिकरण किया है। इसकी बात नहीं होती कि सूचना की यह बिजली की गति लोगों को दास बनाकर एक मशीनी भ्रांति में […]
आधे बदन पर धोती लपेटे क्या यह आदमी बिलकुल नीरस था या उसकी जिन्दगी में कोई रस भी था? क्या देश की आजादी के लिए फिरंगियों से जूझने के अलावा लम्बी गुलामी से गुजरे हिन्दुस्तान की अन्य समस्याओं से उनका कोई वास्ता भी था? हत्यारों का समर्थन करने वाले जहाँ […]
प्रश्नों के उत्तर इस विश्लेषण में भी हैं कि इस नये साल में कुछ पुरानी आफतें बढ़ने वाली हैं: अधिक मंहगाई, अधिक बेरोज़गारी, अमीरी-गरीबी के बीच अधिक बड़ी खाई के साथ-साथ वैश्विक तापमान व मौसम में ज्यादा उठापटक। सबसे बुरी बात यह कि इन सभी का सबसे बुरा असर सबसे […]
गांधीजी की दैहिक, वैचारिक और आत्मिक हत्या के लिए हत्यारों को इतनी जद्दोजहद क्यों करनी पड़ी और आज तक करनी पड़ रही है, यह प्रश्न उपस्थित होना स्वाभाविक है। लेकिन इसका उत्तर एक अन्य प्रश्न के उत्तर से मिलेगा कि यह आदमी मरता क्यों नहीं है? कौन-सी ऐसी बात है, […]
गुजरात की प्रयोगशाला से यह चुनावी राजनीति के लिए प्रचार और राजकाज का विस्थापन है। यह विस्थापन लोगों को महसूस नहीं होता है क्योंकि उसकी जगह ऐसे खिलाडि़यों ने भर दी है, जो भाजपा के लिए प्रॉक्सी काम करते हैं। जो सम्प्रदाय भाजपा के लिए काम करते हैं, लोग उनसे […]
एक गलत प्रक्रिया ने गलत नीति को जन्म दिया, जिसके परिणामस्वरूप न केवल लोकतंत्र को नुकसान हुआ, बल्कि जनता, खासकर गरीब जनता पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कोई नीति तैयार की जाती है, परिणामों को भी निर्धारित करती है। क्या ऐसा कहकर जान छुड़ाई जा सकती […]
गंगा केवल नदी नहीं है। यह देशवासियों की भावना से जुड़ी होने के अतिरिक्त कई जलीय जीवों का घर भी है। भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा में पाया जाने वाला डॉल्फिन है। गंगा का प्रदूषण इस डॉल्फिन की ज़िंदगी पर लगातार भारी पड़ रहा है और रोज़ इनकी संख्या […]
अपूज्यां यत्र पूज्यंते आज उत्तराखण्ड और केन्द्र, दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। भाजपा आज भी खुद को हिंदू संस्कृति का पोषक बताते नहीं थकती है। आज कोई हिंदू संगठन नहीं कह रहा है कि जोशीमठ का धारी देवी मन्दिर हो या गंगा; आस्थावानों के लिए दोनों तीर्थ […]