तेलंगाना में भूदान की नयी लड़ाई

तेलंगाना में भूदान भूमि घोटाला और सर्वोदय मंडल का हस्तक्षेप


तेलंगाना के आदिपाटला और इब्राहीमपटनम जैसे गांवों का भ्रमण करने के दौरान भूमिहीन किसानों एवं मजदूरों के साथ बातचीत से यह ज्ञात हुआ कि भूदान की जमीनों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं है। ग्यारह, बारह एवं तेरह जनवरी को सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष एवं मंत्री तेलंगाना प्रवास पर थे। प्रवास के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि यदि समय पर सजग हुए होते तो तेलंगाना में भूमि के घोटाले नहीं होते। प्रतिनिधियों ने भ्रमण के दौरान अपने पत्रों में सरकार से भूदान भूमि को अवैध कब्जे से तुरंत मुक्त कराने का आग्रह किया। इसके बावजूद सरकार ने अगले छः महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार की इस उदासीनता के बाद सर्व सेवा संघ के कार्यकर्ताओं ने 6 अगस्त 2021 को ‘चलो राजभवन’ का आवाहन किया और 1500 से अधिक भूदान किसानों ने राजभवन मार्च किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। इसके एक माह बाद 6 एवं 7 सितम्बर 21 को सर्व सेवा संघ के महासचिव गौरांग महापात्रा एवं तेलंगाना सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष शंकर नायक के नेतृत्व में 12 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने तेलंगाना प्रदेश की यात्रा की। इन प्रतिनिधियों ने महबूब नगर, गेंडनाल, नालगोंडा आदि जिलों के जिलाधिकारियों को अपना ज्ञापन सौंपा। जिला स्तरीय भ्रमण के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने देखा कि जिलाधिकारी कार्यालय के पीछे गैरकानूनी तरीके से भूदान भूमि पर जबरन निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है।


गौरतलब है कि 2014 से 2020 तक सर्व सेवा संघ की तरफ से घोटाले को लेकर यदि कोई तत्परता दिखाई गई होती तो यह नौबत बिलकुल नहीं आती। यह आरोप भूदान किसानों ने लगाए। इसमें दो राय नहीं है कि यदि जिलाधिकारी पर नैतिक दबाव बनाया गया होता तो कुछ भूमिहीनों को भूदान भूमि आवंटित करने में सफलता अवश्य मिल गई होती. हालांकि सर्व सेवा संघ के वर्तमान अध्यक्ष चंदन पाल के नेतृत्व में भूदान भूमि के आवंटन को लेकर सक्रियता देखी जा रही है। इससे भूमिहीनों के आंवंटन की प्रक्रिया में तेजी आई है। सर्व सेवा संघ, तेलंगाना सर्वोदय मंडल एवं भूमिहीन, सरकार से यह निवेदन करते हैं कि तत्काल प्रभाव से सरकार भूदान की जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराये और निर्धारित समय में अवितरित भूमि, भूमिहीनों में वितरित करे। तेलंगाना सर्वोदय मंडल द्वारा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव तथा राजस्व सचिव सहित ३३ जिलों के जिलाधिकारयों को भी पत्र लिखा गया। जिस समाज की उदारता ने भूदान आंदोलन को जन्म दिया, उसी समाज के क्रूर हाथों से भूदान आंदोलन के उद्देश्यों को आहत किया जाने लगा है। विनोबा को भी इसका अहसास पूर्व में ही हो चला था। शायद इसीलिए बाद में विनोबा ने लोगों से कहा था कि मुझे दान पत्र नहीं, प्राप्ति पत्र दीजिए। किसानों से बातचीत करने पर यह ज्ञात हुआ कि बहुत लोगों का भूमि पर कब्जा ही नहीं है, तो कहीं-कही दंबंगों ने भूमि पर दावा ठोंक दिया है। कइयों की जमीनें छीन ली गई हैं। भूदान किसानों के साथ नित्य अत्याचार की घटनाएं सुनने को मिल रही हैं। बातचीत के दौरान यह ज्ञात हुआ कि महबूबनगर के भूतपुर मंडल में भूदान की 700 एकड़ भूमि है, लेकिन दबंगों ने उस पर अवैध कब्जा कर लिया है। भूदान किसान बालकृष्ण अय्यर ने बताया कि 40 एकड़ भूतपुर एवं 24 एकड़ जेडचेरला गांव की भूमि पटेल श्रीनिवास रेड्डी के कब्जे में है। वहीं जेडचेरला पोलायपल्ली में 40 एकड़ भूमि दबंगों के कब्जे में है। आंध्र प्रदेश भूदान बोर्ड के सचिव की रिर्पोट से ज्ञात हुआ है कि भूतपुर मंडल के तहत सर्वे संख्या 177 में कुल 175.10 एकड़ भूमि थी, जिसमें अब 17.10 एकड़ भूमि ही बची है। तेलंगाना सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष शंकर नाइक के अनुसार भूमि की कीमतें बढ़ने की वजह से सभी की नजरें अब भूदान भूमि की ओर मुड़ गई हैं। गौरतलब है कि तेलंगाना में मात्र 30 प्रतिशत भूदान की भूमि ही बंट पायी है, शेष 70 प्रतिशत भूमि अवितरित ही रह गई है। शंकर नाइक के संघर्ष के बाद तेलंगाना भूदान बोर्ड भंग कर दिया गया है, जो भूदान की भूमि को बेचने के अवैध कार्य में संलग्न था। एक स्थान पर तो स्थानीय विधायक ने करीब 200 एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया है।


तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में भूदान की दूसरी लड़ाई लड़ी जा रही है। क्या देश के बाकी हिस्सों में भी गरीबों, भूमिहीनों के बीच अवितरित भूमि के न्यायपूर्ण वितरण की पहल की जाएगी? इस सवाल पर सर्व सेवा संघ के महासचिव गौरांग चन्द्र महापात्रा ने कहा कि यह काम आचार्य विनोबा द्वारा गठित सर्व सेवा संघ ही पूरा करेगा। पूरे देश में अवितरित भूमि के न्यायपूर्ण वितरण के लिए अभियान चलाया जाएगा।


-शंकर नायक

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