उत्तराखंड सर्वोदय मंडल की नयी टीम

उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल
11 सितंबर की बैठक
स्थान- लक्ष्मी आश्रम कौसानी

11 सितंबर 2021 को उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल की बैठक लक्ष्मी आश्रम कौसानी में हुई। बैठक का प्रारंभ सुबह 10:30 बजे से हुआ। जिसमें प्रसिद्ध समाज सेविका राधा बहन का मार्गदर्शन मिला है। बैठक के प्रारंभ में लक्ष्मी आश्रम की बालिकाओं ने उत्तराखण्ड मेरी मातृ भूमि गीत गाकर सबका ध्यान आकर्षित किया। आश्रम की सचिव नीमा वैष्णव ने बैठक में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया है।

राधा बहन ने बैठक के प्रारंभ में उत्तराखण्ड के उन सर्वोदय कार्यकर्ताओं को याद किया, जो पिछले वर्षों के दौरान दिवंगत हुये हैं। इनमें प्रसिद्ध पर्यावरणविद और समाजसुधारक सुन्दरलाल बहुगुणा, सर्वोदय सेवक मान सिंह रावत, सर्वोदय कार्यकर्ता नरेन्द्र जमलोकी, समाजसेवी बिहारीलाल, चेतना आन्दोलन के त्रेपन सिंह चौहान आदि हैं, जिनके विचार एवं कार्य हमेशा याद किये जायेंगे और समय-समय पर हमें इनका अभाव महसूस होगा। ये सभी लोग जीवन भर गांधी विचार व रचनात्मक कार्य के प्रति समर्पित रहे हैं। बैठक में इन सभी दिवंगत आत्माओं की शान्ति के लिये प्रार्थना की गई और सभी उपस्थित लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

राधा बहन ने इस बैठक के उद्देश्यों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की उन्होंने कहा कि 11 सितंबर विनोबा जयन्ती के अवसर पर हो रही सर्वोदय कार्यकर्ताओं की इस बैठक का विशेष महत्व है। उत्तराखण्ड में सर्वोदय कार्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई जिसमें देवेन्द्र बहुगुणा, रमेश मुमुक्षु, कृष्णा बिष्ट, अर्चना बहुगुणा, इस्लाम हुसैन, रीता बहन एवं लक्ष्मी आश्रम की अनेक बहनों ने अपने विचार रखे हैं।

बैठक में बिनोवा जयन्ती के उपलक्ष्य में राधा बहन व कान्ति बहन ने अपने संस्मरण सुनाये। उन्होंने बिनोवा जी के साथ लम्बी-लम्बी पदयात्रायें की हैं, और बिनोवा जी का लक्ष्मी आश्रम से अच्छा परिचय हो गया था। बिनोवा जी कहते थे कि लक्ष्मी आश्रम उत्तर भारत में महिलाओं के लिये काम करने वाली एक मात्र संस्था है, इसको सतत चलना चाहिये।

उत्तराखण्ड की वर्तमान समस्याओं के विषय पर भी चर्चा की गई। राधा बहन ने बैठक में नैनीताल समाचार में प्रकाशित गंगा और इसकी सहायक नदियों पर निर्मित एवं निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं की जानकारी सब के सामने रखी, उससे भविष्य में होने वाली सम्भावित तबाही पर चिंता व्यक्त की गई। जिस पर सभी उपस्थित प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया गया। और भविष्य में उत्तराखण्ड के इस ज्वलंत सवाल पर राज-समाज के बीच में जाकर सावधान व सचेत रहने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

इस विषय पर देवेन्द्र बहुगुणा ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुये कहा कि हमें सर्वप्रथम अपनी शक्ति को समाज के बीच में बढ़ाना है, इसके लिये सर्वोदय संगठन की मजबूती व उसके विस्तार को प्राथ्मिकता देने की आवश्यता है। रमेश मुमुक्षु ने बैठक में चिंता व्यक्त की कि देश में अन्य विचारधारा का तीव्रता से विस्तार हो रहा है। ऐसी स्थिति में हमारे सर्वोदय विचार के साथियों को एकजुटता से आगे आना होगा।

सुबह के इस सत्र में सभी प्रतिनिधि इस पर सहमत थे कि उत्तराखण्ड में सर्वोदय संगठन को जन-जन तक पहुंचाने के लिये कार्यकर्ताओं को आगे लाना होगा। इसके लिये अगली चर्चा दोपहर के भोजन के बाद रखी गई।

दोपहर बाद 2:30 बजे से उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल की बैठक का दूसरा सत्र प्रारंभ हुआ। इसमें दिवंगत सर्वोदय सेवक मान सिंह रावत के विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। उन्हांंने अपना पूरा जीवन सर्वोदय के काम में लगाया था। उसी दौरान उन्होंने अपने निवास स्थान जहां सर्वोदय कार्यकर्ताओं का मिलने का एक स्थान भी रहा है, उसकी जमीन के कागजात उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि को सौंप दिये थे। बाद में पता चला कि उनके निवास की यह जगह उ0प्र0 गांधी स्मारक निधि के नाम हो रखी है। इस संबंध में उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल के कार्यकर्ताओं ने एक पत्र व प्रस्ताव के माध्यम से उ0प्र0 गांधी स्मारक निधि से निवेदन किया है कि स्वर्गीय मान सिंह रावत जी की तपस्थली के रूप में प्रयोग की गई इस जगह को लीज़ अथवा अन्य नियम व शर्तों के आधार पर इसे उनकी धर्मपत्नी और समाज सेविका शशि प्रभा रावत को लौटाई जाये।
इसके बाद डा0 विजयश्ांकर शुक्ल ने बैठक संचालन का काम प्रारंभ किया। सुरेश भाई ने उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर सर्व सेवा संघ को सौंपने की जानकारी दी है। लम्बे समय तक सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने के लिये उन्होंने उत्तराखण्ड के सर्वोदय कार्यकर्ताओं और सर्व सेवा संघ का विशेष आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण 2019-20 में बैठकें नहीं हो सकी है। इसके बावजूद भी जिला सर्वोदय मंडल के साथियों ने अपने-अपने क्षेत्र में कोविड-19 महामारी से प्रभावित समाज के बीच जाकर सेवा की है और गांधी विचार के लिये काम करते रहे हैं।

इसके बाद फिर सर्वोदय मंडल के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। डा0 विजयशंकर शुक्ल ने नये अध्यक्ष के लिये इस्लाम हुसैन का नाम प्रस्तुत किया। जिसे ध्वनिमत से सभी ने स्वीकार किया। उन्हें उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल का नया अध्यक्ष बनाया गया है। इस्लाम हुसैन उत्तराखण्ड सर्वोदय मण्डल के पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। उपाध्यक्ष के लिये सुरेश भाई ने देवेन्द्र बहुगुणा के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसहमति से पास किया गया है। इसी तरह गढ़वाल सर्वोदय मंडल के पूर्व अध्यक्ष रहे सुरेन्द्र लाल आर्य को मन्त्री पद पर सर्वसहमति से चुना गया है। उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल की शेष कार्यकारिणी का गठन नये अध्यक्ष इस्लाम हुसैन भविष्य में बैठक बुलाकर करेंगे।

इस बार उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल के नये गठन के साथ ही उत्तराखण्ड आचार्य कुल का गठन किया गया है। सुरेश भाई ने डा0 विजयश्ांकर शुक्ल के नाम का प्रस्ताव रखा, जिन्हें सर्व सहमति से उत्तराखण्ड आचार्य कुल का अध्यक्ष बनाया गया है।

इसी तरह से बैठक में आचार्य कुल का उपाध्यक्ष अर्चना बहुगुणा, और मन्त्री पद पर रमेश पंत का चयन किया गया। उत्तराखण्ड आचार्य कुल की शेष कार्यकारिणी का गठन नये अध्यक्ष डा0 विजयशंकर शुक्ल भविष्य में बैठक बुलाकर करेंगे।


बैठक में उत्तराखण्ड सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष जसबीर आर्य, टिहरी सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष साहब सिंह सजवाण, अल्मोड़ा से बसंती बहन, कृष्णा बिष्ट, पिथौरागढ से रमेश पंत और गोपाल, देहरादून से हरवीर सिंह कुशवाहा, रामचन्द्र यादव, रुद्रप्रयाग से देवेन्द्र बहुगुणा, अर्चना बहुगुणा, नैनीताल से रीता बहन, नन्द किशोर उपाध्याय, आदि ने भाग लिया है। बैठक के अंत में राधा बहन ने सबका आभार व्यक्त करके समापन किया है।

सुरेश भाई
पूर्व अध्यक्ष
उत्तराखण्ड सर्वोदय मण्डल


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