चांडिल बांध झारखंड के कोल्हान प्रमंडल में सुवर्ण रेखा नदी के ऊपर बनाया गया है। यह बांध 1993 में बनकर तैयार हुआ और तब से 116 गांवों के 15 हज़ार परिवार विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। बेरोजगार युवा विस्थापित संगठन की ओर से रोजगार की मांग अब जोर पकड़ने […]

उस दिन पटना में होते हुए भी मैं कितना विवश था कि जेपी के पास नहीं पहुंच सकता था। मैं जेल में बंद था। एक साथी कैदी के पास ट्रांजिस्टर था, उस पर सभी खबरें सुना करते थे। ट्रांजिस्टर की खबर से ही पता चला कि भारत के इतिहास में […]

जेपी गाँधी मैदान पहुंचकर सभा को सम्बोधित करने ही जा रहे थे कि भारी संख्या में सीआरपी आ गयी। एक तरफ छात्र, दूसरी तरफ सीआरपी की फौज। निहत्थों की यह लड़ाई देखते बन रही थी। प्रशासन ने चेतावनी दी। आंसू गैस के गोले गिरने लगे। जेपी आंसू गैस का सामना […]

वाराणसी के नव साधना प्रेक्षागृह, तरना में राइज एंड एक्ट के तहत ‘राष्ट्रीय एकता, शांति व न्याय’ विषयक एक दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय की स्थापना को लेकर विचारोत्तेजक विमर्श हुआ। वक्ताओं का मत था कि राष्ट्रीय एकता के कमजोर होने से लोकतंत्र कमजोर होता है। जरूरत […]

किसान नेता राकेश टिकैत कहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों के अलावा भी एमएसपी, महंगाई, सीड बिल, बिजली और मंडी की जमीन बेचने जैसे कई अन्य ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर सरकार को हम किसानों से बातचीत करनी चाहिए. टिकैत को इंतजार है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने […]

वयोवृद्ध सर्वोदय सेविका शशिप्रभा रावत का नाम  वीरांगना सावित्रीबाई फुले नेशनल फेलोशिप अवार्ड-2021 के लिए घोषित किया गया है. गढ़वाल सर्वोदय मंडल की हलदूखाता में हुई बैठक में  इस घोषणा पर खुशी व्यक्त की गयी और भारतीय दलित साहित्य अकादमी उत्तराखंड के प्रति आभार व्यक्त किया गया.  बैठक की अध्यक्षता […]

बापू ने सुब्रह्मण्यम भारती में क्या देखा १९१९ के मार्च महीने में गांधी जी मद्रास में थे। चक्रवर्ती राज-गोपालाचारी के घर पर उनका डेरा था। एक सुबह गांधी जी के कमरे में उनके साथ राजाजी, तमिल भाषा में धुआंधार भाषण के लिए ख्यात एस. सत्यमूर्ति, सालेम के प्रतिष्ठित वकील अधिनारायण चेट्टियार, […]

सन बयालीस के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बलिया के स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी क़ुर्बानियों ने इतिहास के पन्नों पर बलिया का नाम हमेशा के लिए अंकित कर दिया। भारत छोड़ो आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले चित्तू पांडे, महानंद मिश्र और विश्वनाथ चौबे जैसे बलिया के सेनानी महात्मा गांधी […]

कॉलेज के दौर में गांधी विचार को जाना, कुछ साहित्य पढ़ा और उसके नज़दीक आया फिर कुछ कुछ बातें गांधी की मानने लगा, जिसमें खादी अपनाना भी शामिल रहा। अस्सी के दशक में स्कूल और कॉलेज के जीवन में हिंदी आंदोलन के बाद मैं खादी के उत्पादन से तो नहीं, […]

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आए दिन मंचों पर, फिल्मों और नाटकों में, किताबों, चित्रों और नोटों में खूब दिखाई पड़ते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में उनके विचारों को व्यवहार में लाने की कोशिश नहीं के बराबर ही दिखती है। हमने उनको प्रतिमा और पूजा पाठ तक सीमित कर दिया है। राजनेता […]

क्या हम आपकी कोई सहायता कर सकते है?