यदि हमारी शिक्षा हमें अपने समाज के योग्य नागरिक नहीं बना रही है, तो निस्संदेह शिक्षा नीति में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है. एक तरफ जहां बाज़ार में आधुनिक और उच्च शिक्षा तथा तकनीकी सूचनाओं, जानकारियों से लैस प्रोफेशनल्स की संख्या बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर समाज में गुणवत्तापूर्ण […]
Month: March 2022
मैकाले की शिक्षा पद्धति के नाम से चर्चित इस शिक्षण प्रणाली के लिए अपनाए गए तौर तरीकों से शिक्षा किताबी और सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित रही। आम जन के जीवन-व्यवहार और सरोकारों से सर्वथा पृथक औपनिवेशिक शासन-प्रशासन के संचालन के लिए उपयोगी क्लर्कों के रूप में हिंदुस्तानी सेवकों की एक […]
आप जानते है कि विश्व में क्या हो रहा है? युद्ध हो रहे हैं, विद्रोह हो रहे हैं, राष्ट्रों के बीच फूट पड़ रही है। इस देश में भी फूट है, विभाजन है, लोगों की संख्या बढ़ रही है, निर्धनता है, गन्दगी है और उसके साथ है बड़ी क्रूरता। मनुष्य […]
न्यायाधीश पर किसी पक्ष की सत्ता नहीं चलती, वैसे ही शिक्षकों की हैसियत है। अस्पताल में डॉक्टर यदि पक्षीय राजनीति का खयाल करके रोगी की पक्षपातपूर्ण सेवा करेगा तो वह डॉक्टर अस्पताल की सेवा के लिए नालायक है। अगर शिक्षक राजनीति में पड़े हुए हैं तो समझना चाहिए कि वे […]
मैं आशा करता हूँ कि हम ‘स्कूल’ और ‘कॉलेज’ की शिक्षा का बेवकूफी-भरा भेद मिटा देंगे। शुरू से आखिर तक एक ही उद्देश्य रहेगा- प्रत्यक्ष कार्य; क्योंकि विचारों को चाहे कितनी ही उत्तेजना दीजिए, जब तक हम कार्य-प्रवृत्त नहीं होते, वे निरर्थक ही हैं। यही बात हृदय के धर्मों के […]
हेट स्पीच के मुदृदे पर जस्टिस मदन लोकुर एक तरफ नेताओं को खरी-खरी सुनाते हैं, तो दूसरी तरफ अदालतों की भूमिका पर भी सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं कि यह एक गंभीर विषय है। इसे सभी संबद्ध पक्ष गंभीरता से लें और हेट स्पीच की परिभाषा गढ़ने में अपना […]
भाषण में बच्चे ने नाथूराम गोडसे को बताया आदर्श गांधी जहां पैदा हुए, वह गुजरात हो या जहां पहुंचकर गांधी ने फिरंगियों की गुलामी के खिलाफ अपने लोगों के मन में क्रांति भर दी, वह चम्पारण हो, नफरत की भावना में आकंठ डूबे लोगों में इन प्रतीकों की लज्जा भी […]
नई किताब : गांधी’ज असैसिन; द मेकिंग ऑफ नाथूराम गोडसे एंड हिज आइडिया ऑफ इंडिया – धीरेंद्र के झा धीरेन्द्र झा की यह नयी किताब महात्मा गांधी के हत्यारों के बारे में अब तक प्रचलित कई मिथक तोड़ती है। दो बातें खास हैं। एक तो यह कि क्या नाथूराम शुरू […]
हमारे जैसे लोगों की जुबान पर पिछली 30 जनवरी को शहीद दिवस पर देश भर में एक सामान्य जुमला था – “गांधी कभी मर नहीं सकता”! ठीक है, पर क्या इस आत्मिक आश्वस्ति के साथ यह देश आये दिन गांधी का अपमान और मूर्तिभंजन चुपचाप देखता रहेगा? यह इस देश […]
सरकारी बुलडोजर साबरमती आश्रम में गांधी की विरासत को ध्वस्त करने का काम शुरू कर चुके हैं। चंपारण से गांधी की प्रतिमाओं को तोड़ने की खबरें आ रही हैं। देश की हर अदालत में न्याय अधिष्ठान के पीछे गांधी की फोटो लगती है, लेकिन साबरमती आश्रम का ध्वंस रोकने के […]