28 सालों से चल रह है सत्याग्रह केन्द्रीय जनसंघर्ष समिति पिछले 28 सालों से नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज, टूडरमा डैम व पलामू व्याघ्र परियोजना से संभावित विस्थापन के खिलाफ चल रहे आन्दोलन का नेतृत्व कर रही है। एकीकृत बिहार के समय 1954 में मैनूवर्स फील्ड फायरिंग आर्टिलरी प्रैटिक्स एक्ट-1938 […]
Month: May 2022
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और राजनयिक गोपालकृष्ण गांधी ने कहा है कि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो किसी को सांप्रदायिक नफरत का जहर फैलते हुए नहीं देखना चाहिए. उन्होंने एचवाई स्मारक व्याख्यान देते हुए यह टिप्पणी की। व्याख्यान का विषय था ‘कैदी संख्या 8677: […]
राजघाट, नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय में बनी चरखा गैलरी का 26 अप्रैल को नये सिरे से पुनर्निर्माण किया गया. गैलरी का उद्घाटन करते हुए यूनाइटेड नेशन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज़ (यूएनएचसीआर) के सहायक उच्चायुक्त गिलियन ट्रिग्स ने कहा कि आज राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय में आकर मैं खुद को […]
दुनिया भर में कुल बिजली उत्पादन में पवन और सौर ऊर्जा का हिस्सा दस फीसदी से ज़्यादा, 2015 के बाद से हुआ दोगुना हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में विंड और सोलर एनर्जी अब कम से कम 10 […]
आज देश अत्यंत संकट के दौर से गुजर रहा है। हमारे देश में पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियां लागू होने के कारण बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी तेजी से बढ़ रही है। चुनावी राजनीति के कारण सांप्रदायिकता, जातिवाद और क्षेत्रवाद को बढावा मिलने से देश की एकता खतरे में है। […]
जनतंत्र समाज (सीएफडी) के राष्ट्रीय सम्मेलन की रिपोर्ट जनतंत्र समाज का मुख्य काम लोक शिक्षण का था, उसे फिर से शुरू करना होगा। प्रतिरोध के लिए संगठन एक बुनियादी जरूरत है। हमें अहिंसात्मक सत्याग्रह के रास्ते चलने का निश्चय करना होगा। लोकनायक जय प्रकाश नारायण द्वारा स्थापित सिटीजेन्स फार डेमोक्रेसी […]
भूदान आंदोलन की मांग दीन होकर नहीं, बल्कि प्रेम के बल पर की जाती है। क्योंकि प्रेम की शक्ति काफी है। धमकाकर जमीन नहीं ली जा सकती है। बाबा का मानना था कि भूदान आंदोलन कुल मनुष्यों के लिए होना चाहिए। अगर लोगों की सोच समाजसेवा में भी समाज के […]
बोधगया आंदोलन में भूमिहीन दलित परिवारों में महिलाओं के बराबरी के सवाल हर घर में प्रवेश पाते चले गए तो इसके पीछे उनकी नेतृत्व दृष्टि थी। बोधगया आंदोलन में जिन एक दर्जन महिला नेत्रियों ने हिस्सा लेकर उसे गढ़ा था; कनक उनमें सतत और प्रखर भागीदार थीं। समाज में बुनियादी […]
अंबेडकर की आर्थिक दूरदृष्टि का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एमएस स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिश सामने आने के दशकों पहले उन्होंने सुझाव दिया था कि कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागत से कम से कम 50 फीसदी ज्यादा होना चाहिए. कृषि क्षेत्र के […]
यह हो ही नहीं सकता कि आपके घर में आग लगे और आप बुझाने भी न जाएं। बाबा का ध्येय तो सर्वोदय है। इसीलिए विश्वास भी है कि सभी लोग इसमें सहयोग करेंगे। कंजूस चोरों का बाप होता है। वही चोरों और डाकुओं को पैदा करता है। आज जो लोग हजारों […]