आजादी की 75 वीं वर्षगांठ ज़रूरी है कि हम देशप्रेम की रौ में हीरक जयंती के इस महान अवसर को घरों में, कारों में झंडा लगाने की औपचारिकता में ही न व्यतीत कर दें। हमें राष्ट्रीय आंदोलन की विरासत के बारे में जानना-समझना चाहिए। उसके इतिहास, उसकी परम्परा और मूल्यों […]

11 सितंबर : विनोबा जयंती यह एक गलत ख्याल है कि दु:ख मिट जायेंगे तो चित्त प्रसन्न होगा। चित्त प्रसन्न होता है, तब दु:ख मिट जाता है। चित्त की प्रसन्नता किसी बाहरी कार्यक्रम पर निर्भर नहीं। यदि बाहर के किसी कार्यक्रम पर वह निर्भर हो, तो कार्यक्रम बदल जाने पर […]

सहनशीलता, मानव में विकसित वह अतिश्रेष्ठ गुण है, जो उसके व्यक्तिगत उत्थान के साथ ही उसके वृहद कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। पर्याप्त धैर्य रखते हुए दूसरों के विश्वास, विचार और कार्य को तब तक स्वीकार करना, जब तक वह विश्वास, विचार अथवा कार्य अपने विश्वास, विचार या कार्य […]

तीन भारतीयों ने पाकिस्तान में की शांति तीर्थयात्रा 75 साल पहले हुए देश के बंटवारे के बाद बने दो देशों के बीच सीमा रेखा ही नहीं खिंची, तलवारें भी तन गयीं. एक स्थायी शत्रुता, अंतहीन तनाव और परस्पर अविश्वास की खाइयों ने दोनों समाजों को बराबर दूर किये रखा. लेकिन […]

हेलंग प्रकरण हाल ही में चमोली जिले के हेलंग गाँव में हुई घटना से राज्य का आम जनमानस उद्वेलित है। घटना की शुरुआत 15 जुलाई को सीआरपीएफ और पुलिस द्वारा दो महिलाओं की काटी हुई घास छीनने से हुई। उन महिलाओं का कसूर केवल इतना था कि वे सरकारी विकास […]

महा जनजागरण यात्रा का प्रथम चरण प्रारंभ सर्व सेवा संघ द्वारा धार्मिक सद्भाव, खादी और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए 9 अगस्त को, अगस्त क्रांति दिवस पर दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर दिन भर का संकल्प सत्याग्रह किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से अनेक सामाजिक संगठन व कार्यकर्ता […]

नफरत की राजनीति के खिलाफ निर्णायक संघर्ष आज़ादी की 75 वीं सालगिरह पर संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति द्वारा 13-14 अगस्त को वाराणसी में आयोजित राष्ट्रनिर्माण समागम में गांधीवादी, समाजवादी और पर्यावरण आंदोलनों से जुड़े लोगों के बीच देश की ज्वलंत समस्याओं के ख़िलाफ़ साझा मुहिम चलाने पर सहमति बनी और […]

आंकड़े और अध्ययन बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक असर खेती पर पड़ रहा है। नतीजे में उत्पादन, बीज, मिट्टी, पानी, यहां तक कि भूख, सभी संकट में फंसते जा रहे हैं। क्या इससे पार पाने का कोई तरीका है? क्या हम खेती की अपनी आदतों को बदलकर इस […]

भारतीय अर्थव्यवस्था @ 75 भारत एक विविधतापूर्ण समाज है और भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक जटिल है। इसने पिछले 75 वर्षों में विकास के लिए गंभीर चुनौतियां पेश की हैं लेकिन निस्संदेह चीजें वैसी नहीं हैं, जैसी वे थीं। बड़ी गलती ट्रिकल डाउन […]

हमें एक व्यापक विमर्श के ज़रिये स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुत्व पर आधारित भारत के विकास का सर्वमान्य एजेंडा बनाना चाहिए, ताकि जब हम 2047 में आज़ादी की सौवीं जयंती मनायें तो भारत एक सुखी, संतुष्ट और समृद्ध राष्ट्र हो।   एक उत्सवधर्मी देश के रूप में हमने भारत की […]

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