उमायरा तूफानों से खेलती आई हैं। 9 साल की थीं तो लड़कों जैसे बाल कटाने की हिमाकत कर बैठीं। फिर क्या था, तालिबानी लड़ाके आ धमके। उमायरा जान बचाने के लिए कुएं में कूद गईं। किसी तरह जिंदा बचीं। वक्त गुजरता गया। तालिबान सत्ता से बाहर हो गया। उमायरा काबुल […]

‘समय आ गया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) को असंवैधानिक करार दिया जाए।’ ‘यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) जैसा कानून वर्तमान स्वरूप में कानून की किताब में नहीं रहना चाहिए।’ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश दीपक गुप्ता एक वेबिनार में बोल रहे थे, जिसका विषय था […]

सर्वोदय आन्दोलन ने इस देश को अनेक महान विभूतियाँ दी हैं। ऐसी ही एक महान विभूति मेरठ में कृष्ण कुमार खन्ना जी हैं। कृष्ण कुमार एक ऐसे अनथक योद्धा हैं, जो देश की आजादी के लिए जेल गये, वहीं जब देश में लोकतंत्र पर संकट के बादल मंडराये तो आपातकाल […]

महात्मा गांधी महिलाओं की शक्ति और उनके सामथ्र्य को अच्छी तरह समझते थे, उन्हें पता था कि स्वतंत्रता आंदोलन की संघर्ष यात्रा महिलाओं के बिना पूरी नहीं हो सकती है। 1920 में जब असहयोग आंदोलन शुरू हुआ तब जगह-जगह गांधी ने भाषण दिया था। उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद भी उनका […]

आज आपको चंपारण के ऐसे अद्भुत गांव की कहानी सुनाता हूं, जहां के लोग आज तक कभी किसी कोर्ट या पुलिस थाने नहीं गये। यह अपने आप में कैसा अनोखा प्रतिमान है कि इस गाँव के लोग कभी किसी मुक़दमे के चक्कर में पड़े ही नहीं। ऐसा नही है कि […]

अफगानिस्तान में तालिबान के ताकतवर होने से फरीद जैसे दुभाषियों का जीवन संकट में है, जिन्होंने पश्चिम को, उस खूबसूरत पर युद्धजर्जर देश के बारे में बताया। अफगानिस्तान में मैंने हर दुभाषिये को परंपरा-विरोधी पाया है, जो प्रेम करता है और अपनी दुल्हन खुद चुनता है।पिछले सप्ताह जब मैं अपनी […]

सावित्री को जेल में 6 साल हो गये हैं। जमानत तो नहीं हुई, केस भी जाने कब खतम होगा? पति के अत्याचारों से तंग आने पर एक दिन हाथापाई में उसकी (पति की) हत्या हो गयी। अब मायके और ससुराल वालों के साथ ही बच्चे भी पिता की हत्यारिन मानकर […]

‘बीज’ एक व्यापक अवधारणा है। धरती पर समस्त के प्रस्पुâटन-पैâलाव का कारण ‘बीज’ ही है। बीज यानी मनुष्यता के बीज, विचार के बीज, सामाजिक (परस्पर मैत्री-संवाद) के बीज, लोकतांत्रिक व्यवस्था के बीज, प्रकृति में समृद्धि के बीज, कृषि-पशुपालन-कारीगरी और वनों की समृद्ध परंपरा के बीज, जो सर्वत्र बिखरे हैं और […]

आरएसएस चिंतक और राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा है कि अब समय आ गया है कि हम ‘ईसाई मिशनरी भारत छोड़ो’ अभियान शुरू करें। उनके अनुसार, ईसाई मिशनरियां आदिवासी संस्कृति को नष्ट कर रही हैं और भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का दुरुपयोग करते हुए आदिवासियों का धर्म […]

व्यक्ति लोगों पर, समाज पर, देश और व्यवस्था पर निर्भर होता है। जैसे दूध के लिए गाय या भैंस का होना आवश्यक है और गाय-भैंस को पालने के लिए चारे की और चारे के लिए बीज, खाद, पानी आदि की जरूरत होती है। कपड़े के लिए मिल, मजदूर, दुकानदार, दर्जी, […]

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