यीशु ने अपने अनुयायियों को अधिकारी पुरुष की भाँति उपदेश दिये विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे हैं। इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को जोड़ने का रहा है। ख्रिस्त धर्म सार इसी योजना की अगली कड़ी है। इसमें विनोबा ने न्यू टेस्टामेंट का […]

टिप्पणी उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ में जमीनें फट रही हैं, पहाड़ खिसक रहे हैं, जमीन से पानी के स्रोत फूट रहे हैं। ऐसे में पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा की यादें फिर से ताजा हो गई हैं। नौ जनवरी को उनका जन्मदिवस था और जोशीमठ सहित पहाड़ों में विकास के […]

टिप्पणी एक समय ऐसा था, जब रिश्ते-नाते, तीज-त्यौहार, विवाह-शादी, सभा-बैठक, सम्मेलन-कार्यक्रम, मित्रता-दोस्ती, मिलने-जुलने, आने-जाने की तैयारी और योजना महीनों तक बनती रहती थी। फिर पखवाड़े, सप्ताह, दिनों, घंटों से होते हुए मिनटों में सिमट गई। इसे विकास कहा गया। तकनीकी, विज्ञान और यंत्रों ने इसे आगे बढ़ाया। आज हम कहां […]

मत-सम्मत समाजवादी आंदोलन के जनक डॉ राम मनोहर लोहिया ने राम और रामायण मेले के आयोजन को लेकर सर्वाधिक लेख लिखे हैं। डॉक्टर लोहिया यूँ तो सभी भाषाओं में उपलब्ध रामायण के प्रशंसक थे, पर उनका मन तुलसीकृत रामचरित मानस में रमता था। तुलसी की रामायण में आनंद के साथ-साथ […]

पुस्तक समीक्षा जंगलात को आइना दिखाती एक जंगल बुक व्यापार से जुड़े जंगल की चुनौतियों से पार पाने में प्रवर्तन निदेशालय की भूमिका क्या है? क्या वह उसे पूरी ईमानदारी और क्षमता के साथ वाकई निभा रहा है? जंगल के प्रति हमारा नज़रिया कैसे बदले? जंगल के भविष्य की संभावनायें […]

कर लो दुनिया मुट्ठी में का नारा देकर हर हाथ में मोबाइल पकड़ा देने का अनुभव, एक दिन अपसंस्कृति बढाने वाला साबित होगा, क्या किसी ने सोचा था? मोबाइल ने किताबें पढ़ने की संस्कृति का ह्रास किया है। उत्तराखंड से आई यह रिपोर्ट बताती है कि आज के युवाओं की […]

स्वास्थ्य यह प्राकृतिक नियम है कि जो साग-सब्जियां, फल, अनाज आदि जिस मौसम में पैदा होते हैं, उस मौसम के वे ही उपयुक्त खाद्य होते हैं, परंतु अनेक लोग डिब्बाबंद या कोल्ड स्टोरेज में रखे बासी व महंगे खाद्य पदार्थ खाते हैं, जिनका खाद्य तत्व बहुत कुछ नष्ट हो चुका […]

साक्षात्कार सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की 17 वीं एशिया पैसिफिक क्षेत्रीय बैठक में 16 दिसम्बर को अपनी टिप्पणी में आईएलओ के महानिदेशक और टोगो के पूर्व प्रधानमंत्री गिल्बर्ट एफ होंगबो ने सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के विकास की दिशा में विचार विमर्श जारी रखने की उम्मीद ज़ाहिर […]

राम के इस देश में रामराज्य की अक्सर चर्चा होती है; धार्मिक ही नहीं, सामाजिक तौर पर भी और अब तो राजनीतिक तौर पर भी। दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र का तमगा पाने वाले देश में रामराज्य लाने के दावे अब राजनीतिक मंचों से भी होने लगे हैं, जबकि जमीनी […]

पुस्तक ‘ओपेन वेन्स ऑफ लैटिन अमेरिका’ उन दस करोड़ लातिन अमेरिकियों का गुस्सा है, जो इतिहास की शापित कब्रों में दफन हैं। ‘ओपेन वेन्स ऑफ लैटिन अमेरिका’, पूंजीवादी जुल्म का वह खूनी दस्तावेज है, जिसे पढ़कर धर्म, व्यापार और सत्ता के कॉकटेल का असली रूप सामने आता है। क्या कोई […]

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