तेल का खेल भारतीय कॉर्पोरेट्स की कई आयल रिफाइनरीज़ बांग्लादेश में हैं। भारत सरकार द्वारा मलेशिया से पाम ऑयल निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद इन लोगों ने इस पाम आॅयल का आयात इन्हीं बंगलादेशी रिफ़ाइनरीज़ के नाम करा लिया। खेल तो बस कागज पर ही होना था! मलेशिया ने […]
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गांधी का भारत बहुस्तरीय हिंसा का अखाड़ा बना हुआ है। लोहिया ने लिखा था कि बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध ने दो नए अविष्कारों को जन्म दिया, परमाणु बम और महात्मा गांधी और सदी का उत्तरार्ध इन दोनों के बीच चुनाव करने के लिए संघर्ष करेगा और कष्ट सहेगा। आज इक्कीसवीं […]
नरेंद्र मोदी ने सेना में भर्ती हेतु युवाओं के लिए जिस अग्निपथ योजना का उद्घोष किया है, उससे पूरे देश के युवाओं में आक्रोश के कारण आग लग गयी है। ऐसा इंदिरा गाँधी के आपातकाल में कभी नहीं हुआ। इतनी भीषण महंगाई और बेरोजगारी का ऐसा आलम भारत की जनता […]
दरोगा त्रिलोकी सिंह के चंगुल से बचने के प्रयास में एक लड़का गिर गया। साथी सुरेश तिवारी तब छात्रसंघ अध्यक्ष थे। उन्होंने एक पत्थर उठाया और ललकारा-अरे तिरलोकिया! तभी मैने उनका पत्थर छीन लिया और नारा लगाया-‘हाथ हमारा नहीं उठेगा, हमला चाहे जैसा हो।’ हमने देखा कि जो लड़का गिरा […]
सारे सर्वोदय ज्ञान सागर में ‘सर्वोदय’ शब्द महागायत्री के रूप में प्रस्तुत है। सर्वोदय का चिंतन अन्त्योदय से प्रारंभ होता है और सर्वोदय में समाप्त होता है। इसलिए सर्वोदय को गांधी जी का ‘तीर्थ’ भी माना जाना चाहिए। रस्किन की पुस्तक का नामकरण भी ‘अनटू दिस लास्ट’ है। जैन आचार्य […]
विनोबा के आशीर्वाद से 15 मार्च 1948 को सेवाग्राम में सर्वोदय समाज बना. पहला सर्वोदय समाज सम्मेलन 7 से 11 मार्च 1949 को राऊ, इंदौर (मध्यप्रदेश) में हुआ. इस सर्वोदय समाज सम्मेलन में आगे की प्रक्रिया पर विस्तृत योजना बनी. शोषणरहित, समतामूलक, अहिंसक समाज निर्माण को समर्पित उद्देश्यों के लिए […]
देशभक्ति की भावना से संचालित भारत के लोग अपनी स्वतंत्रता के उत्सव के दौरान दूसरे देशों से आयातित मशीनों से बने पॉलिएस्टर के झंडे का उपयोग करने और इसे अपने घरों पर फहराने की बात सोच भी नहीं सकते। अगर हम इस तरह के कृत्य करते हैं, तो इस देश […]
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति के बाद राज्यसभा भेजने के पश्चात देश में उंगलियां उठना शुरू हो गयीं तथा देश में यह संदेश गया कि शासन के पक्ष में फैसला करने पर न्यायधीशों को सरकार पुरस्कृत करती है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने ‘कूलिंग ऑफ़ पीरियड’ […]
आज़ादी का हीरक जयंती वर्ष आर्थिक क्षेत्र में पड़ोसियों या करीबियों द्वारा निर्मित वस्तुओं का उपयोग करना, उनमें कोई त्रुटि हो, तो दूर करके उन्हें सक्षम बनाना स्वदेशी की भावना को व्यावहारिक रूप देना है। यह कार्य मानवता के लिए स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त करने वाला है। स्वदेशी भारत की […]
पश्चिम बंगाल के बर्दवान में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है, जहां बिना किसी शोर शराबे और एमएसपी की मांग के, एमएसपी से भी बेहतर विकल्प बीसों साल से अभ्यास में है. वहां का किसान भी संतुष्ट है और बाजार भी इतना विकसित है कि आलू के बाज़ार […]