भारतीयों के ऊपर आज हिमालय बचाने के साथ ही हिन्द महासागर बचाने का भी जिम्मा आ गया है. तिब्बत के मुक्ति साधकों ने अनेक कठिनाइयों के बावजूद 1959 से 2022 के बीच की लम्बी अवधि में दुनिया के हर महाद्वीप में अपनी पीड़ा का सच फैला दिया है. इसी के […]

यह विशाल जनसमूह!! ये वोटर नहीं हैं, ये कार्यकर्ता और समर्थक नहीं हैं, ये मुग्ध श्रोता भी नहीं हैं। यह उन्मादित गर्वीलों का जमावड़ा नही है, यह दीन-हीन और आर्थिक-सामाजिक रूप से निचुड़ चुका राष्ट्र है। आजादी की बेला, बरसों का स्वप्न, खुली हवा में सांस औऱ ऊपर लहराता तिरंगा! […]

गुरदासपुर मिला तो भारत को कश्मीर से सड़क-संपर्क प्राप्त हो गया, इस कहानी में औपचारिक रूप से नेहरू तो क्या माउंटबेटन का भी सीधे-सीधे नाम लेना मुश्किल है। नोएल-बेकर हों, या पाकिस्तानी सत्ता-प्रतिष्ठान, माउंटबेटन पर पक्षपात का सीधा आरोप नहीं लगा सकते। अधिक से अधिक यही कर सकते हैं कि […]

नेहरू को जो गाली दे, उसे बिना कांटों वाला गुलाब देकर शर्मिंदा करें. यह देखकर हमारे महबूब नेता जवाहरलाल नेहरू मंद-मंद मुस्काएँगे। सरदार पटेल ने कहा था कि– “यह स्वाभाविक ही था कि स्वतंत्रता की अल्लसुबह के धुंधलके उजास में वे हमारे प्रकाशमान नेतृत्व बनें.” क्या आप जानते हैं सरदार […]

ज्यादातर आलोचकों को आज़ादी के पहले के नेहरू से कोई खास ऐतराज़ नहीं है। सबकी दिक़्क़त आज़ादी के बाद के नेहरू से है, क्योंकि यहाँ नेहरू अकेले हैं, गांधीजी और अन्य नेता नहीं हैं। इसलिए यहाँ बात सिर्फ इसी नेहरू की होती है। उस नेहरू की जिस पर आज़ादी की […]

देश बचाओ अभियान द्वारा स्थापित पीपुल्स कमीशन ऑन एम्प्लॉयमेंट एंड अनएम्प्लॉयमेंट (पीसीईयू) की रिपोर्ट यह रिपोर्ट बेरोज़गारी की समस्या पर एक आउटलाइन प्रस्तुत करती है और इसके कारणों, परिणामों और संभावित उपचारों के बारे में बात करती है। इसके अलावा यह रिपोर्ट नीतियों के विकास में अंतर्निहित ऐतिहासिक प्रक्रिया पर […]

सर्वोदय जगत का पिछला अंक (16-31 अक्टूबर 2022, वर्ष-46, अंक-5) लोकनायक जयप्रकाश नारायण पर केन्द्रित था. इस अंक के सम्पादकीय और जेपी से सम्बंधित कुछ लेखों को पढ़कर सुविज्ञ पाठकों में जोरदार बहस छिड़ी हुई है. लोग अपनी प्रतिक्रियाएं लगातार भेज रहे हैं. यहाँ ऐसी ही कुछ प्रतिक्रियाएं प्रकाशित की […]

इस प्रकरण में तथा ऐसे ही अन्य प्रकरणों में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, भाजपा अध्यक्ष, आरएसएस प्रमुख की चुप्पी एक खतरनाक संदेश देती है। वे इस तरह की घटनाओं की निंदा नहीं करते हैं तो यह कोई संयोग भर नहीं है, बल्कि उनकी रणनीति का हिस्सा है। वे अपने अनुयायियों को […]

ईरान की औरतों ने कट्टरवाद और पितृसत्तात्मक ताकतों के सामने लोकतांत्रिक जंग का ऐलान किया है. हमारे देश के नागरिक इस संघर्ष से प्रेरणा लेकर धर्म की कृत्रिम दीवारों को तोड़ने के लिए साथ खड़े हो सकते हैं. आखिरी सवाल हमारी स्वतंत्रता का होना चाहिए, खासकर तब जब सवाल लडकियों […]

रूस-यूक्रेन युद्ध हमारे युग की सबसे बड़ी क्रांति कार्यप्रणाली की क्रांति है, एक ऐसे तरीके द्वारा अन्याय का प्रतिकार, जिसकी प्रकृति न्यायसम्मत हो। यहां सवाल न्याय के स्वरूप का उतना नहीं है, जितना उसे प्राप्त करने के उपाय का। वैधानिक और व्यवस्थित प्रक्रियाएं अक्सर काफी नहीं होतीं, तब हथियारों का […]

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