पत्रकार दिग्विजय सिंह को तुरंत रिहा करे सरकार, वरना देश भर में होंगे प्रदर्शन

बलिया, उप्र के अमर उजाला के गांधीवादी पत्रकार दिग्विजय सिंह को बलिया प्रशासन ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पत्रकार दिग्विजय सिंह ने बलिया में हो रही नकल के खिलाफ अमर उजाला में खबर लिखी थी।
बोर्ड परीक्षाओं में हर साल पूरे उत्तर प्रदेश में नकल का बोलबाला रहता है, लेकिन बलिया, गाजीपुर आदि जिलों में खासतौर से बड़े पैमाने पर पिछले कुछ दशकों में नकल माफिया उद्योग की तरह स्थापित हुआ है। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है। यह बात अभिभावक भी जानता है कि पैसे लेकर नकल कराई जाती है और पैसे लेकर सेंटर भी अलॉट किए जाते हैं। यह बात जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अच्छी तरह जानते हैं। इन्हीं अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर नकल संभव होती है। बिना उनके शह के नकल हो पाना या पर्चा लीक होना संभव ही नहीं है।
लेकिन फिर भी नकल माफियाओं को गिरफ्तार करने के बजाय, प्रशासन ने पत्रकार को ही गिरफ्तार कर लिया, जिसने अपने अख़बार में खबर लिखकर इस मामले का खुला किया। वस्तुतः गिरफ्तारी तो नकल माफियाओं और लापरवाह व दोषी प्रशासनिक अधिकारियों की होनी चाहिए थी। अगर शीघ्र ही प्रदेश सरकार निर्दोष पत्रकार दिग्विजय सिंह को रिहा नहीं करती है तो उत्तर प्रदेश के पत्रकार, लोकतंत्र सेनानी, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता तथा उप्र सर्वोदय मंडल पूरे प्रदेश में ही नहीं, बल्कि देश भर में उनकी रिहाई के लिए अभियान चलाएगा। शीघ्र ही देश भर में जगह-जगह धरने प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे। दिग्विजय सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ हम हाईकोर्ट भी जाएंगे।

ज्ञातव्य है कि दिग्विजय सिंह संपूर्ण क्रांति आंदोलन के अग्रणी कार्यकर्ता रहे हैं और जयप्रकाश नारायण द्वारा 1974 में स्थापित युवा संगठन छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी के सक्रिय सदस्य रहे हैं. आज भी वे उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल की कार्यकारिणी के सदस्य हैं। गाँधी विचार निष्ठा रखने वाले, सत्य के लिए हमेशा संघर्ष करने वाले सम्पूर्ण क्रांति आन्दोलन के सेनानी  दिग्विजय सिंह सिद्धांतवादी पत्रकार और जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उनकी गिरफ्तारी निंदनीय है और सरकार के दिवालियेपन की निशानी है।

-राम धीरज
लोकतंत्र सेनानी
अध्यक्ष, उप्र सर्वोदय मंडल

 

Co Editor Sarvodaya Jagat

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