सर्व सेवा संघ और तेलंगाना सर्वोदय मंडल के संयुक्त आयोजन में भूक्रान्ति दिवस और अहिंसक अर्थनीति संगोष्ठी

सर्व सेवा संघ और तेलंगाना सर्वोदय मंडल की तरफ से 18 अप्रैल को 71 वां भूक्रांति दिवस मनाया गया। स्मरणीय है कि 18 अप्रैल 1951 को ही विनोबा को पहला भूदान मिला था। पोचमपल्ली के तत्कालीन जमींदार वेदरे रामचंद्र रेड्डी ने 100 एकड़ भूमि दान करके इस महान यज्ञ का शुभारंभ किया था। सर्व सेवा संघ के पदाधिकारियों, भूदाताओं और कुछ स्थानीय गांधी व विनोबा प्रेमियों की मौजूदगी में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ.

पोचमपल्ली सूती वस्त्र उत्पादन के लिए पहले से ही मशहूर रहा है। खादी भी पहले यहां खूब चलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हैं। हमारे लिए यह पुण्यभूमि है, पावन क्षेत्र है, जो सारे विश्व को अहिंसक अर्थनीति तथा शांति का संदेश वर्षों से देती आ रही है । सर्वप्रथम विनोबा और रामचंद्र रेड्डी की प्रतिमाओं पर मल्ल्यार्पण किया गया. इसके बाद अध्यक्ष ने सबको भूदान के अतीत से परिचित कराया. इसके बाद सर्वधर्म पार्थना हुई. पूर्व सांसद अजीज पाशा की अध्यक्षता में संगोष्ठी का कार्यक्रम शुरू हुआ. आचार्य विनोबा के अहिंसक भूदान आंदोलन और अहिंसक ग्राम्यप्रधान अर्थनीति के बारे में चर्चा हुई. चन्दन पाल ने कहा कि भूदान आंदोलन में देश के करोड़ों जरूरतमन्दों को मुफ्त जमीन मिली, जिससे उनका आर्थिक विकास हुआ है. अबतक करीब बीसियों लाख एकड़ जमीन बांटी जानी शेष है. सरकार की लापरवाही के कारण भूदान में प्राप्त जमीन के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. तेलंगाना में भूदान की जमीन तुरंत बाटने के लिए तेलंगाना सर्वोदय मंडल और सर्व सेवा संघ की तरफ से कोशिश हो रही है. अहिंसक अर्थनीति का बड़ा पहलू यह है कि जबतक गांव के गरीबों पर अर्थनीति का सुप्रभाव नहीं दिखेगा, तबतक हर प्रयत्न व्यर्थ है. अहिंसक अर्थनीति आज सारे विश्व में चर्चा का विषय बनी हुई है. दुनिया आज अर्थनीति से हिंसा को दूर रखने का प्रयास कर रही है. हमारे लिए यह ख़ुशी की बात है कि करीब 70 साल पहले विनोबा ने इस संदर्भ में सोचा और भूदान, ग्रामदान, ग्रामस्वराज तथा रामराज्य की तरफ का रास्ता बनाया, जो आज भी इतन महत्व रखता है कि यह विचार अब दुनिया भर लोगों को इस पर सोचने को मजबूर करता है.

अजीज पाशा ने कहा कि विनोबा और रामचंद्र रेड्डी दोनों ने भारत में अहिंसा की स्थापना के लिए जो पीड़ा उठाई थी, अब उनके उत्तराधिकारी के नाते हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम इस अभियान को आगे ले जायें और अहिंसक अर्थनीति के मार्ग पर चलते हुए अहिंसक समाज बनाने का साधन बन सकें. जिस पेड़ के नीचे पहला भूदान हुआ था, शाम को उस पेड़ के नीचे मोमबत्ती जलाकर पोचमपल्ली गांव के लोगों के साथ पहले दिन का कार्यक्रम पूरा हुआ.


दूसरे दिन की सुबह प्रभातफेरी और रामधुन के साथ हुई। इसके बाद प्रार्थना और सफाई का कार्यक्रम हुआ। इस बीच अगल-बगल के लोग इकट्ठा हो गये, पीवी राजगोपाल और जिल बहन भी अपनी टीम के साथ पोचमपल्ली आये. उनके साथ फ्रांस, कनाडा, जेनेवा, कीनिया, स्विटजरलैंड के अलावा विशाखापट्टनम से सत्य भाई और हैदराबाद से मंजूर हुसैन आदि भी शामिल हुए थे. सर्वधर्म प्रार्थना के बाद गौरांग महापात्र और रामधीरज ने लोगों को भादान के इतिहास के बारे में बताया, इसके बाद सभी संगोष्ठी में शामिल हुए. साम्राज्यवाद के जमाने में राजनैतिक और सामंतवादी अर्थनीति से छुटकारा पाने के लिए देश में कितने संघर्ष हुए, समाजवाद आधारित अर्थनीति पर भी कुछ समय चले, लेकिन जिस तरह कॉर्पोरेट सेक्टर हमारी अर्थनीति को नहस तहस कर रहा है, लोकाभिमुख अहिंसक अर्थनीति आज के समय में इस देश की जरूरत बन गयी है. सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह ने कहा कि सर्वोदय दर्शन का महत्व बरकरार है, इसीलिए तो आज विदेशों से आये लोग, लोक अहिंसा को समझने के लिए गांधी-विनोबा के आदर्श खोजते हुए आज यहाँ तक आये हैं. विदेशी प्रतिभागियों ने कहा कि दुनिया की अर्थनीति शुरू से ही हिंसक रही है. वर्ल्ड इकनोमिक फोरम और वर्ल्ड बैंक आदि संस्थाएं गरीबों को अपना टारगेट बनाती हैं. गाँधी-विनोबा का बताया रास्ता ही अहिंसक अर्थनीति की स्थापना कर सकता है, ऐसा हमारा मानना है.

कार्यक्रम में तय हुआ कि तेलंगाना सर्वोदय मंडल और सर्व सेवा संघ मिलकर तेलंगाना में भूदान समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे. पी वी राजगोपाल ने इस आयोजन के लिए सर्व सेव संघ और प्रदेश सर्वोदय मंडल को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि विनोबा की कर्मस्थली का दर्शन करके आज बेहद खुशी हो रही है. अहिंसक अर्थनीति पर अब जोर देना पड़ेगा. हर घर को गांधी और संविधान को लेना पड़ेगा, तब लोग अहिंसा को समझेंगे. रामधीरज ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि गाँधी ने हर काम में अहिंसा का बात कही है. अहिंसा व्यक्ति के व्यवहार, शिक्षा, स्वास्थ, खेती और व्यवसाय सब में दिखनी चाहिए. तभी हम असल में गाँधी और विनोबा के भाव को समझ सकेंगे और तब देश ही नहीं, सारे विश्व में एक अहिंसक क्रांति आयेगी. करीम नगर जिला सर्वोदय मंडल की तरफ से विदेशी भाइयों को शाल देकर सम्मानित किया गया. तेलंगाना सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष शंकर नायक ने कार्यक्रम को सार्थक बनाने के लिए उपस्थित सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया.

– सर्वोदय जगत डेस्क

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भूदान डायरी; विनोबा विचार प्रवाह : आन्दोलन नहीं, आरोहण है भूदान

Wed Jun 1 , 2022
बाबा विनोबा भूदान के काम को राष्ट्रीय आंदोलन नहीं, बल्कि जागतिक आंदोलन मानते थे। आंदोलन से भी आगे बढ़कर इसे आरोहण मानते थे. आरोहण में हम एक एक शिखर चढ़ने की कोशिश करते हैं। वही इसमें भी हो रहा है। बाबा विनोबा का मानना था कि मुझे भय नहीं, निर्भयता […]
क्या हम आपकी कोई सहायता कर सकते है?