संयुक्त किसान मोर्चा की अपील: भारतीय जनता पार्टी को सजा दें मतदाता

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने वाराणसी स्थित ऐतिहासिक पराड़कर भवन  में बुधवार 2 मार्च को आयोजित  प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मतदाताओं से चुनाव में किसान विरोधी भाजपा सरकार को सजा देने की अपील की। प्रेस कांफेरेंस में मौजूद मोर्चे के केन्द्रीय व प्रदेश प्रतिनिधियों ने कहा कि गन्ने की फसल का बकायाबिजली और तेल के बढ़ते दामों पर नियन्त्रणबेरोजगारोंआवारा पशुओं और अन्य अनेक मुद्दों पर केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। तीन काले कृषि कानूनों की वापसी के बाद मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ किए गए विश्वासघात के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने ‘चुनाव में किसान विरोधी भाजपा सरकार को सजा दें’ अभियान के तहत आने वाले दिनों में किसान विरोधी केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया।

 

प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के योगेन्द्र यादव ने कहा कि यह वादाखिलाफी सरकार को भारी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में किसानों से किए वादों पर अमल नहीं किया और अब फिर से नया संकल्प पत्र लेकर वोट मांगने निकल पड़ी है। 2017 के विधानसभा चुनावों में कम दरों पर पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने का वादा किया गया था, लेकिन पिछले पांच साल में बिजली के रेट बढ़ गए। अब फिर से संकल्प पत्र बोलकर किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया जा रहा है। 2017 में एमएसपी पर किसानों से धान खरीद तथा आलू, प्याज को भी एमएसपी के दायरे में लाने का वादा किया गया था। आलू और प्याज की एमएसपी पर खरीद की घोषणा आजतक नहीं हुई। पिछले पांच वर्ष के दौरान एक तिहाई से भी कम धान की सरकारी खरीद हुई है। गेहूँ खरीदी की स्थिति और भी ख़राब है।

13 महीने चले ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद भाजपा सरकार द्वारा किसानों को दिए गये लिखित आश्वासन में से एक भी वादा पूरा नहीं किया गयाजिसमें एमएसपी के लिए कमेटी बनाने, आन्दोलनकारियों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने, शहीद किसानों को मुआवजा देने की बातें शामिल थीं। मीडियाकर्मियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में योगेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा केवल वोट की भाषा समझती है। उन्होंने कहा कि देश या प्रदेश का कोई गांव ऐसा नहीं है, जहां किसान से खुद सरकार द्वारा तय एमएसपी की दर पर खरीद हो रही हो। ऊपर से भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री कहते हैं कि समस्या का हल चुनाव के बाद करेंगे, यानी पहले पांच साल खुद समस्या पैदा करेंगे, फिर अपनी ही पैदा की गयी समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें पांच साल और चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश का किसान अपने अपराधियों को सजा देना जानता है. केवल भाजपा ही नहीं, आने वाली सरकारें भी इसे याद रखेंगी।

योगेन्द्र यादव ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में बीती 31जनवरी को देश भर में विश्वासघात दिवस मनाया था। अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मौला ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा प्रदेश भर में पत्रकार वार्ताओं के जरिये इस विश्वासघात के लिए भाजपा को सजा दिलाने के अभियान पर है. इसका उद्देश्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों में किसान विरोधी भाजपा सरकार को सबक सिखाना है। किसान नेता डॉ. सुनीलम ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार वापस लौटती है, तो सरकार पिछले दरवाजे से किसान विरोधी काले कानूनों को वापस ला सकती है। पत्रकार वार्ता के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि काले कानूनों की वापसी अगर उपलब्धि है, तो चुनौतियां भी कम नहीं हैं। दो चार विधायक और मुख्यमंत्री बनवाना हमारा काम नहीं है. हमारा काम अन्नदाता को सम्मानजनक जीवन देना है.

जय किसान आंदोलन के नेता राम जनम ने सम्मेलन में कहा कि गौरक्षा के नाम पर योगी सरकार ने किसानों के पालित पशुओं को आवारा बना दिया है और किसानों की फसल को आवारा पशुओं का चारा बना दिया है। किसानों को रात-रात भर जाग कर आवारा पशुओं से अपनी फसलें बचाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक लाम्बा ने कहा कि लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में छः किसान शहीद हो गयेलेकिन उसके मुख्य षड्यंत्रकारी और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को न सिर्फ पद पर बनाये रखा गया, मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी को पुलिस और प्रशासन की साठ-गांठ के बल पर जमानत भी दिलवा दी गई।

प्रेस कांफ्रेंस को संयुक्त किसान मोर्चा की संयोजन समिति के सदस्य हन्नान मोल्ला, योगेंद्र यादवडॉ सुनीलम, दीपक लाम्बाराजवीर सिंह जादोनमुकुट सिंह और शशिकांत ने संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन सुनील सहस्रबुद्धे ने किया.

-सर्वोदय जगत डेस्क 

Co Editor Sarvodaya Jagat

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

देश में बेरोज़गारी कैसे दूर हो?

Thu Mar 3 , 2022
जो लोग काम करना चाहते हैं, पर काम नहीं मिलता, कुल श्रम बल के सामने उनके प्रतिशत को अर्थशास्त्र में बेरोजगारी कहा जाता है। जैसे, 100 लोगों में 90 के पास काम हो और 10 लोग काम खोज रहे हों। तो बेरोज़गारी की दर 10/100 यानी 10 प्रतिशत होगी। ये […]

You May Like

क्या हम आपकी कोई सहायता कर सकते है?