2001 से 2011 के बीच 86 लाख किसान खेती छोड़ चुके हैं। 2013 तक गांव के 50 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए खेती पर निर्भर रहे हैं। सरकार लोगों को खेती पर बोझ मानती है। इन्हें किसान सम्मान निधि देकर खेती छोड़ने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वनाधिकार एवं […]

वैश्विक तापमान में वृद्धि और इसके परिणामस्वरूप जलवायु में परिवर्तन। निःसंदेह, इस वृद्धि और परिवर्तन के कारण स्थानीय भी हैं, किंतु राजसत्ता अभी भी ऐसे कारणों को राजनीति और अर्थशास्त्र के फौरी लाभ के तराजू पर तौलकर मुनाफे की बंदरबांट में मगन दिखाई दे रही है। जन-जागरण के सरकारी व […]

नरेंद्र मोदी ने सेना में भर्ती हेतु युवाओं के लिए जिस अग्निपथ योजना का उद्घोष किया है, उससे पूरे देश के युवाओं में आक्रोश के कारण आग लग गयी है। ऐसा इंदिरा गाँधी के आपातकाल में कभी नहीं हुआ। इतनी भीषण महंगाई और बेरोजगारी का ऐसा आलम भारत की जनता […]

दरोगा त्रिलोकी सिंह के चंगुल से बचने के प्रयास में एक लड़का गिर गया। साथी सुरेश तिवारी तब छात्रसंघ अध्यक्ष थे। उन्होंने एक पत्थर उठाया और ललकारा-अरे तिरलोकिया! तभी मैने उनका पत्थर छीन लिया और नारा लगाया-‘हाथ हमारा नहीं उठेगा, हमला चाहे जैसा हो।’ हमने देखा कि जो लड़का गिरा […]

सर्वधर्म समभाव के पीछे जो सभी जीवों को अपना लेने का भाव है, वह हमें सभी मनुष्यों की समानता से आगे सभी जीवों की एकता तक ले जाता है। वास्तव में प्रकृति की एकता का जो आध्यात्मिक मूल्य और वैज्ञानिक अनुसंधान है, उसी में से मनुष्य समाज के लिए सर्वधर्म […]

सारे सर्वोदय ज्ञान सागर में ‘सर्वोदय’ शब्द महागायत्री के रूप में प्रस्तुत है। सर्वोदय का चिंतन अन्त्योदय से प्रारंभ होता है और सर्वोदय में समाप्त होता है। इसलिए सर्वोदय को गांधी जी का ‘तीर्थ’ भी माना जाना चाहिए। रस्किन की पुस्तक का नामकरण भी ‘अनटू दिस लास्ट’ है। जैन आचार्य […]

विनोबा के आशीर्वाद से 15 मार्च 1948 को सेवाग्राम में सर्वोदय समाज बना. पहला सर्वोदय समाज सम्मेलन 7 से 11 मार्च 1949 को राऊ, इंदौर (मध्यप्रदेश) में हुआ. इस सर्वोदय समाज सम्मेलन में आगे की प्रक्रिया पर विस्तृत योजना बनी. शोषणरहित, समतामूलक, अहिंसक समाज निर्माण को समर्पित उद्देश्यों के लिए […]

यह देह साध्य नहीं, साधन है। यदि हमारा यह भाव दृढ़ हो जाये, तो फिर शरीर का जो वृथा आडंबर रचा जाता है, वह न रहेगा। जीवन हमें निराले ही ढंग का दीखने लगेगा। फिर इस देह को सजाने में हमें गौरव का अनुभव नहीं होगा। मैं देह ही हूँ, […]

कांग्रेस ने बम्बई के अधिवेशन में जो प्रस्ताव पास किया था, उसके अनुसार चर्खा संघ के मन्त्री शंकर लाल बैंकर और ग्राम उद्योग संघ के मन्त्री जेसी कुमाराप्पा की सहायता से लखनऊ कांग्रेस की स्वागत समिति ने लखनऊ में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया था, जिसका उद्घाटन 28 मार्च 1936 […]

देशभक्ति की भावना से संचालित भारत के लोग अपनी स्वतंत्रता के उत्सव के दौरान दूसरे देशों से आयातित मशीनों से बने पॉलिएस्टर के झंडे का उपयोग करने और इसे अपने घरों पर फहराने की बात सोच भी नहीं सकते। अगर हम इस तरह के कृत्य करते हैं, तो इस देश […]

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