वे इतिहास बदलना चाहते हैं, इसलिए गांधी उनके निशाने पर हैं। – सवाई सिंह जी
किम में आज की शुरुआत सुबह 7 बजे शुभा द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना के साथ हुई, इसके बाद किम इंस्टीट्यूट ऑफ गांधियन स्टडीज से यात्रा आगे चली. भरूच पहुंचे तो यात्रा के स्वागत के बाद नीलकंठेश्वर मंदिर में सभा का आयोजन किया गया. सभा को सम्बोधित करते हुए संजय सिंह ने कहा कि सरकार गाँधीजी के आश्रम के मूल्यों को बदलने के कोशिश कर रही है, हम उनको बताने निकले हैं कि यह आश्रम हमारी आस्था का केंद्र है, उसके साथ हम खिलवाड़ नही होने देंगे।
अशोक भारत ने कहा कि साबरमती से हमने देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी, त्याग और सादगी का काम जहां से शुरू हुआ, उस साबरमती आश्रम को बिगाड़ना हमें कबूल नहीं है. 1200 करोड़ की लागत से अगर गुजरात में 12 अस्पताल खोल दें तो बेहतर होगा। मधु बहन ने कहा कि खुद सरकार जिस तरह से देश पर हमला कर रही है, हम युवाओं के लिए बहुत खतरनाक स्थिति है, देश की चीजें बेची जा रही हैं, रोजगार नहीं है, शिक्षा की व्यस्था नहीं है. इन सब का रास्ता गांधीजी के पास है, लेकिन सरकार उन्हें भी मिटाना चाहती है, इसलिए हम सरकार की सद्बुद्धि की कामना करते हुए यात्रा पर निकले हैं.
सवाई सिंह ने कहा कि यह गांधी जी का देश है, हम देश भर से इकठ्ठा होकर संदेश देने आए हैं. सरकार ने स्वालंबन के लिए 20 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही तो अच्छा लगा था, लेकिन सच्चाई यह है कि भुखमरी ज्यादा हुई है, महंगाई बढ़ी है, यह हमारे लिए दुःखद है. उन्होंने कहा कि अब चाहे गोरे लूटें या काले, लूट तो लूट है, लेकिन वे अब इतिहास बदलने का काम करना चाहते हैं, इसीलिए अब गांधी उनके निशाने पर हैं। हम सरकार से यह कहने आये हैं कि आप देश चलाइये, जो आपका काम है, इतिहास जैसा है उसे वैसा ही रहने दीजिए। हम यह नई आज़ादी की लड़ाई लड़ने आये हैं।
सर्वोदयी सुरेश भाई ने कहा कि गांधी जी से ही प्रेरणा लेकर मैं हिंसा से बाहर निकला हूँ, वही हमे रास्ता दिखाते हैं. संकल्पित होने के बाद से मैंने कभी झूठ नहीं बोला, गांधी आज भी हमें प्रेरणा देते हैं. हमारी आस्था पर सरकार अब चोट करने निकली है, हम सरकार की इस बात से सहमत नही हैं. डॉ विश्वजीत ने कहा कि हम सरकार की सदबुद्धि के लिए निकले हैं. देश भर से लोग सरकार के इस इरादे का विरोध कर रहे हैं, हम तो बस प्रतिनिधि के तौर पर यहां खड़े हैं. उन्होंने कहा कि यह आश्रम सरकार का नहीं है, गांधी जी ने इसे अपने पैसों से बनाया था. गांधी जी के बाद आश्रम जैसा है, इसे वैसा ही रहने देने की बात हुई थी.
आशा बहन ने कहा कि महात्मा गांधी कोई शरीर का पुतला नहीं, विचार है, जो हम सब को रास्ता दिखाता है. बार बार मारने पर भी गांधी मरते नहीं, इसलिए अब उनके आश्रमों पर हमला किया जा रहा है, लेकिन हम ऐसा होने नही देंगे. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि यह सरकार सत्यमेव जयते के बजे असत्यमेव जयते में भरोसा करती है, हम चाहते हैं कि हम अपने देश को सत्य तक लेकर जायें। गुजरात के विद्यालयों में चेतना जागरण का कार्यक्रम चलाना चाहिए और विरासत को बचाने के लिए चिंतन करना चाहिए। जगदीश भाई ने कहा कि गांधी जी हमारे दिल मे बसे हुए हैं, साबरमती में हृदयकुंज है, गांधी जी वहां वास करते हैं. इसलिए साबरमती को बचाना हम सब का काम है.
गायत्री बहन ने कहा कि मैं सिर्फ आश्रम की नहीं, देश की बात कर रही हूं. वे देश को बिगाड़ने के लिए पूरे मिशन के साथ आये हैं. गांधीजी को मिटाने के लिए पूरी ताकत के साथ खड़े हैं. वे गोडसे को पूजते हैं, उसे अलग अलग तरह से दिखाते हैं, वे गांधी को नहीं मानते, वे गांधी को खत्म करने के लिए यह कर रहे हैं, हम ऐसा होने नहीं देंगे। विकास के नाम पर जो लूट हो रही है, वह युवा पीढ़ी के लिए भयानक डरावनी हो गई है. यहाँ से निकलने का रास्ता गांधी के पास है, तो अब गांधी पर वार कर रहे हैं। हमें अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ेगी, नए लोगों को जोड़ना होगा और आवाज उठाते रहना होगा। भरूच सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष योगेश भाई ने कहा कि हम सब गांधियन, जो काफी समय से अपने काम को भूल रहे थे, आप सब आये तो अब हम भी साथ में आगे बढ़ेंगे. इस गांधी अभियान में हमे लगना पड़ेगा और गुजरात पूरा लगेगा।
भरूच से चलकर सेवाग्राम साबरमती संदेश यात्रा बड़ोदरा पहुँची, जहां स्थानीय साथियों द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया और नारों के साथ यात्रा सभास्थल तक पहुँची. सभा की शुरुआत करते हुए जगदीश भाई शाह ने कहा कि गांधी जी की धरती पर सभी यात्रियों का स्वागत है. उन्होंने कहा कि साबरमती बापू की साक्षात् आइडोलॉज़ी है, उसे जो लोग बिगाड़ने चले हैं, वे देश भर में यही कर रहे हैं. पुराना तोड़ो नया करो, उन्होंने कभी कुछ बनाया नहीं, तो उन्हें पता भी नहीं है कि कैसे बनाया जाता है. आप जो मिशन लेकर निकले हैं, उसमें हम आपके साथ हैं. यात्रा संयोजक संजय सिंह ने कहा कि हम 12 राज्यों से 50 साथी इस यात्रा पर निकले हैं. गांधीजी साबरमती से सेवाग्राम आये थे, हम सेवाग्राम से साबरमती जा रहे हैं, हम उल्टा जा रहे हैं, क्योंकि समय ही उल्टा है. जो हथियार बापू ने हमें दिया था, आज वही सत्याग्रह का हथियार लेकर हम उनके आश्रम को बचाने निकले हैं. वे गांधी जी के आश्रमों को बदलना चाह रहे हैं, लेकिन गांधी वालों से कभी बात भी नहीं करना चाहते। मैं सभी से आवाहन करता हूँ कि सभी गाँधीजन और सभी देशवासी इसका विरोध करें और हमारी आवाज से आवाज मिलाएं।
वरिष्ठ गांधीवादी रजनी भाई दबे ने कहां कि हम अपने अर्थ में, शिक्षा में, स्वास्थ्य में, सभी क्षेत्रों में पीछे हुए हैं, ऐसे ही साबरमती नदी का हाल भी खराब कर दिया है. अब वह नदी नहीं रही, लंबा तालाब हो गई है. देश से सभी चीजें खत्म हो रही हैं, उनका क्या, वे तो झोला उठा कर चल देंगे और विदेश में बस जाएंगे, आपके पास खोखला भारत बचेगा। इसलिए हम सब संकल्पित हैं कि सरकार को ऐसा करने नही देंगे. प्रो भारत मेहता ने कहा कि अगर राजा व्यापारी हुआ, तो जनता भिखारी हो जाति है, अब देश को भिखारी बनाया जा रहा है. देश को बेचने वाले ने सरदार एयरपोर्ट का नाम अडानी के नाम कर दिया. जो वर्तमान को ठीक नहीं कर सकते, भविष्य नही बना सकते, वे इतिहास के साथ छेड़छाड़ करते हैं। यात्रा को स्थानीय संगठनों गांधियन विचारधारा और वाणी के अलावा सुरेश भाई पटेल, नरेंद्र भाई रावत, के पी वघेला, महेश सोलंकी, अमीरावत, दिलीप भट, सागर भट आदि का साथ मिला.