बाबू लोमराज सिंह हम लोगों के गौरवशाली अतीत का नाम है. यह बात गांधी संग्रहालय के सचिव ब्रजकिशोर सिंह ने बाबू लोमराज सिंह की पुण्य तिथि के अवसर पर जसौली पट्टी में कही। उन्होंने कहा कि हम लोग धीरे धीरे जैसे अपनी संस्कृति, रीति- रिवाज और लोकाचार को भूलते जा रहे हैं, उसी प्रकार हमने अपने पुरखों के योगदान को भी भुला दिया है. जो पीढ़ी अपनी विरासत को भूल जाती है, उसे दुनिया भी भूल जाती है. पूर्व विधायक सचिंदर प्रसाद सिंह ने कहा कि यह निर्विवाद है कि जसौली पट्टी ही चंपारण सत्याग्रह की पौधशाला है. गांधी जी के आदेश पर अंग्रेज नीलहों के खिलाफ जसौली पट्टी में ही आंदोलनकारी किसानों के बयान लिखे गये थे.
जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता राय सुंदर देव शर्मा ने कहा कि जसौली पट्टी का सर्वांगीण विकास करके ही हम स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बाबू लोमराज सिंह के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं. वहीं जिला स्कूल की पूर्व प्राचार्य शशिकला ने कहा कि जसौली पट्टी स्वतंत्रता सेनानियों का तीर्थ स्थल है. मैं बाबू लोमराज सिंह को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने एवं इस मिट्टी को नमन करने आई हूं। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में लोमराज सिंह के प्रपौत्र नीरज कुमार सिंह व राजन कुमार सिंह ने आए हुए अतिथियों का अंगवस्त्र देकर स्वागत किया. इस मौके पर उपस्थित पूर्व मुखिया कमलेश कुमार सिंह, पूर्व प्रधानाध्यापक तेज नारायण सिंह, सुनील सिंह, संजय कुमार सिंह, रविंदर सिंह, सुनील दास, अखिलेश सिंह, अरुण कुमार सिंह, राजीव कुमार, नवनीत कुमार, अभिनव कुमार, प्रशांत राज, निशांत राज, पुष्कर सिंह तथा रंजन कुमार सिंह आदि ने लोमराज सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम का संचालन सर्वोदय मंडल के मंत्री व श्री गांधी लोमराज पुस्तकालय के सचिव विनय कुमार ने किया. -विनय कुमार