आज की परिस्थितियों में इस विकास शब्द का यदि कोई विकल्प हो सकता है, तो वह सहयोग के आधार पर होने वाला सर्वोदय ही है. लोगों और प्रकृति का शोषण करके होने वाले विकास में कुछ विशेष वर्गों का ही उदय होता है, जबकि सर्वोदय सबके उदय की बात करता […]

सर्वोदय समाज का 48 वां सम्मेलन सेवाग्राम में संपन्न 14, 15 और 16 मार्च 2023 को सेवाग्राम में सर्वोदय समाज का 48वां सम्मलेन आहूत था और इसी सम्मेलन में शिरकत करने के लिए गांधीजनों की राष्ट्रव्यापी जमात सेवाग्राम पहुंची थी. मौका था सर्व सेवा संघ और सर्वोदय समाज की स्थापना […]

श्रद्धांजलि गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत की मां का 21 फरवरी 2023 को दोपहर बाद निधन हो गया। जीवन के 95 वर्ष उन्होंने अदम्य साहस के बूते सतत संघर्ष में बिताये। अपने बच्चों को सार्थक जीवन देने का उनका संघर्ष, उनकी कर्मठता, ईमानदारी और सामाजिक सरोकारों से समृद्ध […]

श्रद्धांजलि सुशीला बासुनेत्री गाँधी विनोबा की अनुयायी और गुवाहाटी के हरगौरी भाई की पत्नी सुशीला बासुनेत्री का 17 फरवरी को देहावसान हो गया. वे 65 वर्ष की थीं. पिछले 5 वर्षों से वे गम्भीर बीमारी से जूझ रही थीं. असम सर्वोदय मंडल, बोडो समाज, असम लोक संस्कृति समारोह समिति आदि […]

भारत का संविधान : महत्वपूर्ण तथ्य और तर्क यह किताब संविधान की पृष्ठभूमि और इसके निर्माण की प्रक्रिया को समझने के लिए हिंदी में एक जरूरी दस्तावेज की तरह है, जो महत्वपूर्ण तथ्यों के साथ-साथ संविधान के वजूद में आने के तर्कों को सटीकता के साथ प्रस्तुत करती है. सामाजिक […]

परिव्राजक यीशु की देशनाएं विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे हैं। इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को जोड़ने का रहा है। ख्रिस्त धर्म सार इसी योजना की अगली कड़ी है। इसमें विनोबा ने न्यू टेस्टामेंट का सार सर्वस्व लिखा है। प्रस्तुत है अगली […]

रोग के लक्षण को दवा द्वारा दबा देना ही आज का औषधोपचार है। शरीर में बार-बार दवा के प्रयोग से रोग व्याधियों का मंदिर बन जाता है और सारे रोग एक साथ मिलकर असाध्य बन जाते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा दर्शन में मन, शरीर, आत्मा का घनिष्ठ संबंध माना गया है। […]

पर्यावरण और चुनौतियां नासा की एक खोज के अनुसार अंटार्कटिका में औसतन 150 बिलियन टन और ग्रीनलैंड आइस कैप में 270 बिलियन टन बर्फ प्रति वर्ष पिघल रही है। आगे आने वाले समय में सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र आदि नदियां सिकुड़ जाएंगी और बढ़ता हुआ समुद्री जल स्तर खारे पानी […]

गांधी ने लिखा कि कस्तूरबा किसी भी लिहाज से मुझसे पीछे नहीं थीं। वह मेरे से बेहतर थी। उसके अमोघ सहयोग के बिना मैं शायद रसातल में चला जाता… उसने मुझे मेरी प्रतिज्ञाओं के प्रति जागृत रखने में मदद की। उसने मेरे सभी राजनीतिक आंदोलनों में मेरा साथ दिया और […]

गांधीजी की हत्या के कुल छ: हफ्तों बाद सेवाग्राम में कुछ लोग एकत्र होकर अपने सूने दिलों और भटकते दिमागों के अंदर कुछ प्रश्नों का उत्तर ढूँढ़ते हैं। प्रश्न ये कि बापू तो गये, अब हमें क्या करना है? बापू के पास हम हिदायत लेने पहुंच जाते थे, अब वह […]

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