भूदान से करुणा का एक छोटा सा प्रवाह निकला, लेकिन जब वह प्रवाह समुद्र में आया, तब उसे समुद्र का रूप मिला। ग्रामदान एक समुद्र और भूदान एक नदी है। बाबा का भूदान यज्ञ नदी के जरिए समुद्र में प्रवेश कर रहा था. आज 23 मई का दिन बहुत पावन दिन […]
यह केवल जमीन बांटने का काम नहीं, बल्कि हिंदुस्तान को एकरस बनाने का काम है, दिल के साथ दिल जोड़ने का काम है, हृदय शुद्धि का काम है। भूदान एक नैतिक आंदोलन है। सच्चे अर्थों में यह धर्म-प्रतिष्ठा का काम है। कोई भी साधना जब तक व्यक्तिगत रहती है, तब […]
भूदान आंदोलन की मांग दीन होकर नहीं, बल्कि प्रेम के बल पर की जाती है। क्योंकि प्रेम की शक्ति काफी है। धमकाकर जमीन नहीं ली जा सकती है। बाबा का मानना था कि भूदान आंदोलन कुल मनुष्यों के लिए होना चाहिए। अगर लोगों की सोच समाजसेवा में भी समाज के […]
यह हो ही नहीं सकता कि आपके घर में आग लगे और आप बुझाने भी न जाएं। बाबा का ध्येय तो सर्वोदय है। इसीलिए विश्वास भी है कि सभी लोग इसमें सहयोग करेंगे। कंजूस चोरों का बाप होता है। वही चोरों और डाकुओं को पैदा करता है। आज जो लोग हजारों […]
भूखा, प्यासा और बिना घर वाला भगवान हमारे सामने खड़ा है। आज वह खुद कह रहा है कि हमें खिलाओ, हमें कपड़े दो, हम ठंड से ठिठुर रहे हैं। बाबा कहते थे कि आज का भगवान खुद दूध दुहता है, पर उसे पीने को नहीं मिलता। वह फलों के बगीचे […]
बाबा कहते हैं कि हमें हमारा इल्म नहीं घुमा रहा है, न त्याग घुमा रहा है, न हमारा फकीरी बाना , बल्कि हमें घुमाने वाली चीज केवल रहम, हमदर्दी और करुणा ही है। हिंदुस्तान में बहुत गुरबत है। आज गरीबों और अमीरों में, ग्रामीणों और शहर वालों में, पढ़े हुए […]
मैं दरिद्र हूं, दु:खी हूं, मेरे पास जो चीज है, वह काफी नहीं हैं, पर ऐसे भी लोग हैं, जो मुझसे भी दरिद्र हैं, दु:खी हैं। इनकी तरफ ध्यान देने से हमारा जीवन उन्नत बनता है। यही भूदान यज्ञ का रहस्य है। बिहार के बाद बाबा की यात्रा बंगाल पहुंची, […]
देखते ही देखते वह स्रोत फूट पड़ा और भूदान-गंगा में बाढ़ जैसी आ गई। जिस बिहार में एक दिन कुल सवा एकड़ जमीन ही मिली, उसी बिहार में बाद में हजारों एकड़ मिलने लगी। बिहार ने अकेले 32 लाख एकड़ जमीन दान देने का बहुत बड़ा संकल्प कर लिया। बाबा […]
विनोबा सेवा आश्रम बरतारा में रहना गत चार दशक से हो रहा है, लेकिन इस बार एक अलग अनुभव आ रहा है, क्योंकि आपरेशन के बाद की सावधानियों को ध्यान रखने की विश्राम की स्थिति में यहां रहना हो रहा है। आज बाबा की शुभ संख्या ग्यारह मई का दिवस […]
भूदान के माध्यम से तो मैं यह जान पा रहा हूं कि मनुष्य के हृदय में कितनी अपार शक्ति छिपी हुई है। जब हम उस शक्ति की कोई हद मान बैठते हैं, तो यह भी मान लेना चाहिए कि हमें आत्मदर्शन नहीं हो सकता। -विनोबा बाबा से लोग पूछते थे […]