आचार्य जी 1974 के आंदोलन में अघोषित लेकिन सर्व स्वीकृत विश्वविद्यालय बन गये थे। वे और उनका खादीग्राम, वैचारिक मंथन का मुख्य केंद्र था। खुद लोकनायक जयप्रकाश मानते थे कि उनके मन की बातों को आचार्य जी बहुत ही बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत करते हैं। गांधी विचार के महान व्याख्याकार […]
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जमात का स्वार्थ एक भयानक बात है। आज विज्ञान के कारण एक जमात, एक व्यक्ति के बराबर हो गयी है। कल ऐसा समय भी आयेगा कि पृथ्वी के लोगों को मंगल के लोगों की चिंता करना पड़ेगी और मंगल के लोगों को पृथ्वी के लोगों की। एक-एक जमात, एक-एक पंथ, […]
सर्व सेवा संघ और सर्वोदय समाज की स्थापना का 75 वां वर्ष सर्व सेवा संघ की स्थापना डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में 13 से 15 मार्च 1948 को सेवाग्राम में सम्मेलन हुआ. इसी सम्मेलन में ‘सर्वोदय समाज’ और ‘सर्व सेवा संघ’ की स्थापना हुई थी. रचनात्मक संघों का एकीकरण गांधी […]
कल्प जीवन को अभिनव दिशा देते हैं। उनकी उपज अंतरात्मा से होती हैं। अस्तु, वो आत्म-संकल्प में परिणत हो जाते हैं। आत्म-संकल्प, दृढ़ आत्म-विश्वास की बुनियाद है। आत्म संकल्पित व्यक्ति ही अपने अच्छे कार्यों से कालांतर में बड़े व्यक्तित्त्व बनते हैं। आत्म संकल्प से जुड़ी ये सारी बातें स्व. डॉक्टर […]
6 जनवरी 2022 को मायलम्मा की चौदहवीं पुण्य तिथि थी। उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर देश, समाज और मीडिया याद करे इसकी संभावना कम ही थी। वैसा ही हुआ। कुछ यादें तो खुद धुंधला जाती हैं, लेकिन कुछ को धुंधलाने में सत्ता प्रतिष्ठान के फायदे जुड़े होते हैं। मायलम्मा को ऐसे […]
हरियाली और जल स्रोतों से भरा आनंद कानन (बनारस का एक पुराना लाक्षणिक नाम) आज शुष्क है और उसका पानी उतर चुका है। इसकी हवा में प्रदूषण की मात्रा भी अभूतपूर्व है। कंक्रीट के इस महाजंगल से निकलकर जिसकी हवा प्रदूषित और फ़िज़ा इतनी बे-लुत्फ़ है, बनारस का आदमी आखिर […]
अधिकांश जगहों पर शहादत की विरासत का स्वर मुखर था। कुछ जगहों पर वाहिनी कोआर्डिनेशन समिति की पहल से तैयार पर्चा छापा और बांटा गया। पिछले महीने बोधगया में सम्पन्न वाहिनी मित्र मिलन में बनी समन्वय समिति और ज्यादा से ज्यादा जगहों पर गांधी शहादत दिवस का आयोजन करने के […]
सदियों पुराने मंदिरों और स्थापत्यों को बहुत सावधानी से हाथ लगाना चाहिए। उनमें उनकी आत्मा बसी होती है, उनमें उनकी ख़ुशबू बोलती होती है। आप उन्हें छूते हैं, और जादू ख़त्म हो जाता है। विशाल देवालयों के घंटी घड़ियालों में बस एक सन्नाटा बजता रह जाता है। लोगों के मन […]
झारखंड की पत्रकार जेसिंता केरकेट्टा ने ठुकराया पुरस्कार का प्रस्ताव जेसिंता केरकेट्टा ने न केवल एक बड़ा अवार्ड लेने से मना कर दिया है, बल्कि आज के मौजूदा दौर में जबकि लेखक और पत्रकार अपनी रीढ़ की हड्डी के साथ-साथ अपनी आत्मा तक का सौदा करने को आतुर हैं, जेसिंता […]
किसान नेता राकेश टिकैत कहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों के अलावा भी एमएसपी, महंगाई, सीड बिल, बिजली और मंडी की जमीन बेचने जैसे कई अन्य ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर सरकार को हम किसानों से बातचीत करनी चाहिए. टिकैत को इंतजार है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने […]